कौंन हैं राँची लोकसभा सीट से सांसद Sanjay Seth, जो एनडीए की सरकार में बनाये गए राज्यमंत्री

Sanjay Seth
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Anoop Prajapati । Jun 21 2024 9:04PM

राँची लोकसभा सीट से लगातार दूसरी बार सांसद बने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विश्वस्त नेताओं में शुमार संजय सेठ को नई कैबिनेट में पहली बार जगह दी गई है। उन्हें रक्षा मंत्रालय में राज्यमंत्री का कार्यभार दिया गया है। 64 वर्षीय संजय सेठ बीजेपी के तेजतर्रार नेता माने जाते हैं। संगठन स्तर पर वे काफी सक्रिय रहते हैं।

झारखंड की राँची लोकसभा सीट से लगातार दूसरी बार सांसद बने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विश्वस्त नेताओं में शुमार संजय सेठ को नई कैबिनेट में पहली बार जगह दी गई है। उन्हें रक्षा मंत्रालय में राज्यमंत्री का कार्यभार दिया गया है। 64 वर्षीय संजय सेठ बीजेपी के तेजतर्रार नेता माने जाते हैं। संगठन स्तर पर वे काफी सक्रिय रहते हैं। इतना ही नहीं सामाजिक-सांस्कृतिक गतिविधियों को बढ़ावा देने में गहराई से शामिल रहते हैं। कवि सम्मेलन, दही हांडी प्रतियोगिता, श्रीकृष्ण जन्मोत्सव जैसे आयोजन समिति में हमेशा अहम भूमिका में रहे।

संजय सेठ का जन्म 25 अगस्त, 1959 को रांची में चंद नारायण सेठ और करुणा सेठ के घर हुआ। संजय सेठ ने शुरुआत से ही बहुआयामी जीवन जिया है। 1978 में उन्होंने अपनी उच्च शिक्षा कानपुर यूनिवर्सिटी से पूरी की, वे कॉमर्स ग्रेजुएट हैं। इसके बाद 1983 में झारखंड आकर यहां रांची यूनिवर्सिटी से एलएलबी की डिग्री हासिल की। इसके बाद उन्होंने दिल्ली इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड सर्विसेज से पीजीडीबीएम (पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन बिजनेस मैनेजमेंट इंडस्ट्रियल एडमिनिस्ट्रेशन) का कोर्स पूरा किया। अपने छात्र जीवन से ही संजय सेठ सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यों में हमेशा आगे रहे। 

जेपी आंदोलन के दौरान भी उनको काफी पहचान मिली। संजय सेठ सामाजिक-सांस्कृतिक गतिविधियों को बढ़ावा देने में गहराई से शामिल रहे। वे हास्य माई जयते के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। इसके अलावा श्रीकृष्ण जन्मोत्सव समिति के मुख्य संरक्षक के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका में रहे। राजधानी रांची में दही हांडी प्रतियोगिता और मकर संक्रांति उत्सव जैसे कार्यक्रमों की देखरेख करते हैं। इसके अलावा संजय सेठ का आर्थिक विकास के प्रति उनका रूझान काफी है। वह आर्थिक मुद्दों पर केंद्रित सेमिनार, चर्चा और कार्यक्रम आयोजित करते हैं, ऐसे प्रयासों में उनकी सार्थक पहल स्पष्ट रूप से दिखाई देती है। 

1976 में कानपुर छात्र संघ के चुनाव में डीएवी कॉलेज से अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का चुनाव लड़ा और विजयी रहे। 1980 में भारतीय जनता युवा मोर्चा रांची नगर के महामंत्री बने। 1981 में भाजयुमो के रांची नगर अध्यक्ष, 1986 में रांची भाजपा के वरीय उपाध्यक्ष, संगठन महामंत्री, 1990 में बीजेपी रांची अध्यक्ष, 1997 में भाजयुमो के प्रदेश महामंत्री, 2001 में बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता, 2003 में रांची महानगर के अध्यक्ष, 2009 में प्रदेश प्रवक्ता और 2013 में नमो मंत्र झारखंड के संयोजक रहे। 

एक स्वयंसेवक के रूप में वो लंबे समय से संघ के शाखा में जाते रहे। इस बीच 1980 में युवा शक्ति एक हो के केंद्रीय अध्यक्ष बनें। इस दौरान वे रांची मोटर डीलर्स एसोसिएशन के सचिव बने। फिर 1993 में रांची मोटर डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष बने। 1996 में छोटानागपुर चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के सचिव रहे। 1999 में वरीय उपाध्यक्ष और 2000 में अध्यक्ष बने। 2003 में वो लायन्स क्लब ऑफ रांची कैपिटल के अध्यक्ष बने। जबकि 2016 से 19 तक झारखंड राज्य खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड के अध्यक्ष रहे। संजय सेठ समाजवादी पार्टी में रहते पार्टी के कोषाध्यक्ष भी रह चुके हैं। सपा ने उन्हें साल 2016 में सपा की तरफ से राज्यसभा भेजा था। उसके बाद 2019 में भारतीय जनता का दामन थामने के पहले उन्होंने राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया और बीजेपी में शामिल हो गए थे।

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