अपनी राजनीतिक पार्टी कब बनाएंगे प्रशांत किशोर! बेतिया अधिवेशन में हो सकता है फैसला

Prashant Kishor
ANI
अंकित सिंह । Nov 5 2022 10:25AM

12 नवंबर को बेतिया में प्रशांत किशोर एक अधिवेशन कर रहे हैं। इसमें उन सभी लोगों के शामिल होने की उम्मीद है जो कि जन सुराज अभियान से जुड़े हैं। प्रशांत किशोर ने यह भी कहा है कि लोकतांत्रिक तरीके से पार्टी का निर्माण होगा।

बिहार में प्रशांत किशोर जन सुराज अभियान के तहत अपनी यात्रा निकाल रहे हैं। माना जा रहा है कि प्रशांत किशोर इसके बाद अपनी राजनीतिक पार्टी बना सकते हैं। हालांकि, इसको लेकर अब तक कोई आधिकारिक फैसला नहीं हुआ है। लेकिन प्रशांत किशोर ने एक बयान में बताया है कि 12 नवंबर को जन सुराज अभियान के पश्चिम चंपारण जिले के अधिवेशन में इस पर फैसला हो सकता है। दरअसल, 12 नवंबर को बेतिया में प्रशांत किशोर एक अधिवेशन कर रहे हैं। इसमें उन सभी लोगों के शामिल होने की उम्मीद है जो कि जन सुराज अभियान से जुड़े हैं। प्रशांत किशोर ने यह भी कहा है कि लोकतांत्रिक तरीके से पार्टी का निर्माण होगा। हालांकि, सबसे पहले इस अधिवेशन में यह तय होगा कि राजनीतिक दल बनानी है या नहीं। 

इसे भी पढ़ें: बिहार विधानसभा उपचुनाव की मोकामा और गोपालगंज सीटों पर 52.38 फीसदी मतदान

इसके साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि लोकतांत्रिक तरीके से वोटिंग के माध्यम से यह तय किया जाएगा कि पार्टी बनाया जाना चाहिए या नहीं। साथ ही साथ यह प्रक्रिया हर जिले में पदयात्रा के दौरान की जाएगी। प्रशांत किशोर के करीबियों का मानना है कि सभी जिलों की बड़ी समस्याओं पर मंथन करना फिलहाल उनकी प्राथमिकता है और उसके समाधान पर जोर है। आपको बता दें कि प्रशांत किशोर लगातार जन सुराज यात्रा कर रहे हैं। फिलहाल, उनकी यह यात्रा चंपारण में है। अपनी इस यात्रा के दौरान प्रशांत किशोर बिहार सरकार पर जबरदस्त तरीके से हमलावर है। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भी निशाना साधा है। 

इसे भी पढ़ें: प्रशांत किशोर ने कहा कि RJD बिहार के मुसलमानों के साथ बंधुआ मजदूर की तरह व्यवहार करता

प्रशांत किशोर गांव-गांव जाकर लोगों से बात कर रहे हैं। वह राजद पर भी निशाना साधा रहे हैं। उन्होंने राजद पर निशाना साधते हुए अल्पसंख्यकों के तुष्टीकरण का आरोप भी लगाया। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि राजद ने इन्हें बंधुआ मजदूर बना लिया है। उन्होंने अल्पसंख्यकों से कहा कि आपने राजद को वोट दिया लेकिन आपको क्या मिला। उन्होंने कहा कि भाजपा जब नीतीश कुमार के साथ थी तो उसके दो उपमुख्यमंत्री थे। लेकिन आज राजद के पास 77 विधायक हैं। फिर भी दूसरा उपमुख्यमंत्री नहीं है। अगर राजद एमवाई समीकरण की बात करती है तो एक यादव उपमुख्यमंत्री है तो एक अल्पसंख्यक मुख्यमंत्री भी होना चाहिए। 

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़