National Epilepsy Day 2024: हर साल 17 नवंबर को मनाया जाता है नेशनल एपिलेप्सी डे, जानिए इतिहास
मिर्गी मस्तिष्क से जुड़ी क्रोनिक बीमारी है। जिसके कारण व्यक्ति को दौरे पड़ते हैं। इस बीमारी के प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए हर साल 17 नवंबर को 'नेशनल एपिलेप्सी डे' मनाया जाता है।
चक्कर आना, शरीर में अकड़न, मुंह से झाग निकलना और बेहोशी जैसे लक्षण मिर्गी की तरफ इशारा करते हैं। यह एक मस्तिष्क से जुड़ी क्रोनिक बीमारी है। जिसके कारण व्यक्ति को दौरे पड़ते हैं। ब्रेन की सेल्स में असामान्य रूप से और अचानक केमिकल रिएक्शन होने की वजह से दौरा पड़ने लगता है। जिसके कारण व्यक्ति बेहोश भी हो सकता है। बता दें कि यह बीमारी किसी को भी हो सकती है। यदि सही समय पर इस बीमारी का इलाज कराया जाए, तो इससे छुटकारा पाया जा सकता है। इस बीमारी के प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए हर साल 17 नवंबर को 'नेशनल एपिलेप्सी डे' मनाया जाता है।
इतिहास
साल 2015 से राष्ट्रीय मिर्गी दिवस मनाए जाने की शुरूआत हुई थी। इंटरनेशनल ब्यूरो और इंटरनेशनल लीग अगेंस्ट एपिलेप्सी द्वारा इस दिन को मनाए जाने की शुरूआत की गई थी। इस दिन देशभर के लोगों को मिर्गी के कारणों, लक्षणों और इलाज के बारे में जानकारी दी जाती है। साथ ही इस बीमारी से पीड़ित लोगों को अपना एक्सपीरियंस शेयर करने का भी मौका दिया जाता है।
लक्षण
शरीर में अकड़न
हाथ व पैरों में झुनझुनी
मुंह से झाग निकलना
बेहोशी
चक्कर आना
महत्व
बता दें कि इस दिन को मनाए जाने का मुख्य उद्देश्य लोगों को इस बीमारी के प्रति जागरुक करना है। इस दिन गांव और कस्बों आदि में लोगों को जरूरी दवाइयां दी जाती हैं। साथ ही WHO के जरिए से मिर्गी से पीड़ित व्यक्तियों को शराब या अन्य मादक पदार्थों से दूर रहने की सलाह दी जाती है। जिससे कि इस बीमारी का ढंग से इलाज किया जा सके।
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