उद्धव दिल्ली से खाली हाथ लौटे, मुख्यमंत्री पद के चेहरे पर नहीं मिला भरोसा : भाजपा
उपाध्याय ने आगे दावा किया कि वरिष्ठ कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण द्वारा यह घोषणा किए जाने से ठाकरे निराश हो गए कि मुख्यमंत्री के बारे में फैसला विधानसभा चुनावों के बाद लिया जाएगा।
भारतीय जनता पार्टी ने शुक्रवार को कहा कि शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता उद्धव ठाकरे दिल्ली से खाली हाथ लौटे क्योंकि उन्हें आगामी महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के लिए (महाविकास अघाडी) एमवीए के मुख्यमंत्री पद का चेहरा होने का आश्वासन नहीं मिला।
राष्ट्रीय राजधानी के अपने तीन दिवसीय दौरे के दौरान ठाकरे ने बृहस्पतिवार को कांग्रेस नेता सोनिया गांधी से मुलाकात की। इसके एक दिन पहले उन्होंने राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे से भी मुलाकात की थी।
ठाकरे अपनी पत्नी रश्मि और बेटे आदित्य के साथ बृहस्पतिवार देर शाम मुंबई लौट आए। भाजपा के मुख्य प्रवक्ता केशव उपाध्याय ने यहां संवाददाताओं को बताया कि दिल्ली में तीन दिन रहने के बाद ठाकरे को खाली हाथ लौटना पड़ा, हालांकि वह मुख्यमंत्री पद फिर से हासिल करने की उम्मीद कर रहे थे।
उपाध्याय ने दावा किया, महाराष्ट्र के लिए कुछ भूल जाइए, शिवसेना प्रमुख अपने लिए भी कुछ हासिल नहीं कर सके। मुख्यमंत्री बनने की अपनी महत्वाकांक्षा को पूरा करने के लिए वह दिल्ली में अपना मामला आगे बढ़ाते रहे, लेकिन खाली हाथ लौट आए।
उपाध्याय ने आगे दावा किया कि वरिष्ठ कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण द्वारा यह घोषणा किए जाने से ठाकरे निराश हो गए कि मुख्यमंत्री के बारे में फैसला विधानसभा चुनावों के बाद लिया जाएगा।
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