छोटे होटल संचालकों को टिकाऊ प्रथाओं के लिए सरकार से प्रोत्साहन की दरकार: HAI
एचएआई के महासचिव एम पी बेजबरुआ ने कहा कि छोटे होटल संचालकों को टिकाऊ व्यवहार अपनाने के लिए सरकार से प्रोत्साहन मांगने पर विचार किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि बड़े लक्जरी और पांच सितारा होटल संचालक टिकाऊ प्रथाओं को अपनाने में सबसे आगे हैं, जबकि एचएआई के छोटे सदस्य लागत संबंधी मुद्दों के कारण पीछे हैं।
नयी दिल्ली। होटल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एचएआई) के महासचिव एम पी बेजबरुआ ने कहा कि छोटे होटल संचालकों को टिकाऊ व्यवहार अपनाने के लिए सरकार से प्रोत्साहन मांगने पर विचार किया जा रहा है। उन्होंने पीटीआई-को बताया कि बड़े लक्जरी और पांच सितारा होटल संचालक टिकाऊ प्रथाओं को अपनाने में सबसे आगे हैं, जबकि एचएआई के छोटे सदस्य लागत संबंधी मुद्दों के कारण पीछे हैं। बेजबरुआ ने कहा, पांच सितारा और लक्जरी होटल का रिकॉर्ड अनुकरणीय है, लेकिन हम चाहते हैं कि छोटे सदस्य टिकाऊ अभियान में आगे बढ़ें।
उन्होंने कहा कि एचएआई ने अपने सदस्यों और गैर-सदस्यों को टिकाऊ प्रथाओं के वैश्विक रूप से स्वीकृत प्रमाणन कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करने की कोशिश की है। उन्होंने आगे जोड़ा कि हालांकि इनमें से कुछ कार्यक्रम महंगे हो सकते हैं और कई छोटे होटल इतनी लागत नहीं उठा सकते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे में अगर किसी ने जल प्रबंधन, पुनर्चक्रण या प्लास्टिक के उपयोग से जुड़ी टिकाऊ प्रथाओं को अपनाया है, तो सरकार करों में कमी करके प्रोत्साहन दे सकती है।
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