Kartarpur Corridor Inauguration: 09 नवंबर को करतारपुर कॉरिडोर का हुआ था इनॉगरेशन, जानिए रोचक बातें
आज ही के दिन यानी की 09 नवंबर 2017 को करतारपुर कॉरिडोर का उद्घाटन किया गया था। पाकिस्तान में सिख धर्म के दो प्रमुख स्थल हैं, जो एक ननकाना साहिब और दूसरा करतारपुर है।
सिख धर्म में करतारपुर साहिब एक पवित्र सिख धर्म स्थान है। बता दें कि इस स्थान पर गुरु नानकदेव जी ने अपने जीवन के अंतिम दिनों को बिताया गया था। इसलिए यह स्थान सिख धर्म के सबसे पवित्र स्थलों में से एक है। भारत समेत दुनियाभर में यहां से लाखों सिख हर साल माथा टेकने आते हैं। भारत से जो भी श्रद्धालु पाकिस्तान जाते हैं, वह पहले करतारपुर जाते हैं और फिर ननकाना साहिब के दर्शन करने जाते हैं।
पाकिस्तान में सिख धर्म के दो प्रमुख स्थल हैं, जो एक ननकाना साहिब और दूसरा करतारपुर है। ननकाना साहिब लाहौर से करीब 75 किमी दूर है, तो वहीं करतारपुर साहिब लाहौर से 117 किमी दूर है। आज ही के दिन यानी की 09 नवंबर 2017 को करतारपुर कॉरिडोर का उद्घाटन किया गया था।
करतारपुर साहिब
बता दें कि पाकिस्तान के लाहौर से 117 किलोमीटर दूर नारोवाल जिले में करतारपुर साहिब स्थित है। यह गुरुद्वारा भारतीय सीमा सिर्फ 4 किमी की दूरी पर स्थित है। करतारपुर कॉरिडोर बनने से पहले काफी लंबा रास्ता तय करना पड़ता था और वीजा लगता था। वीजा सिस्टम होने की वजह से लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था।
करतारपुर कॉरिडोर बनने के बाद यहां जाने के लिए वीजा की जरूरत नहीं पड़ती है. भारत और पाकिस्तान की सरकार के बीच एक समझौता हुआ है जिसको अब पांच साल के लिए बढ़ा दिया गया है. 24 अक्टूबर 2019 को पहली बार इसके लिए कॉरिडोर का समझौता किया गया था. इसके जरिए यहां जाने वाले श्रृद्धालु बिना किसी रोक-टोक के अपनी यात्रा करते हैं.
ये चीजें होती हैं जरूरी
करतारपुर कॉरिडोर वीजा फ्री है, लेकिन यहां जाने के लिए पाकिस्तान की ओर से श्रद्धालुओं को 20 अमेरिकी डॉलर का सेवा शुल्क लगाया जाता है। हालांकि इसको हटाने के लिए कई बार कहा जा चुका है, लेकिन इसको पाकिस्तान की तरफ से नहीं हटाया गया है। यहां जाने के लिए आपके पास प्रूफ के तौर पर पासपोर्ट होना जरूरी है।
जरूर कराएं रजिस्ट्रेशन
अगर आप भी करतारपुर जाने का प्लान बना रहे हैं, तो सबसे पहले रजिस्ट्रेशन करवा लें। रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए आपको ऑफिशियल वेबसाइट https://prakashpurb550.mha.gov.in पर जाना होगा। यह फॉर्म भरने और डॉक्यूमेंट अपलोड करने के बाद आपको SMS/MAIL के जरिए इलेक्ट्रॉनिक ट्रैवल ऑथोराइजेशन किया जाता है, जोकि सबसे जरूरी होता है।
श्रृद्धालु करते हैं रोज दर्शन
बता दें कि 09 नवंबर 2019 को भारत और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री द्वारा इस कॉरिडोर का उद्घाटन किया गया था। हालांकि कोरोना के कारण इसको बंद कर दिया गया था। वहीं 17 नवंबर 2021 को एक बार फिर इसकी शुरूआत की गई। प्राप्त जानकारी के अनुसार, पिछले 3 साल और 4 महीनों में यहां पर 3,44,000 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए हैं। तो वहीं ऑफिशियल डाटा के मुताबिक यहां पर हर दिन करीब 400 श्रद्धालु करतारपुर साबिह गुरुद्वारे के दर्शन के लिए आते हैं। भारत की ओर से पाकिस्तान को 5,000 श्रद्धालुओं को रोजाना जाने की अनुमति दिए जाने के लिए कहा गया है। वहीं किसी स्पेशल दिन पर श्रद्धालुओं की संख्या 10,000 करने के लिए कहा गया है। फिलहाल अभी यह संख्या इससे बहुत कम है।
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