क्या डोनाल्ड ट्रंप अभी अमेरिका के राष्ट्रपति हैं, अब से लेकर अगले साल जनवरी तक क्या-क्या होगा?
ट्रंप का राष्ट्रपति पद के लिए शपथ ग्रहण समारोह 20 जनवरी 2025 को होगा, जिसके बाद वो आधिकारिक रूप से राष्ट्रपति पद की शक्ति हासिल कर पाएंगे और जिम्मेदारियां संभालेंगे। चुनाव के दिन से शपथ ग्रहण तक क्या-क्या होता है आपको इस रिपोर्ट में बताते हैं।
कुमार पाशी का एक शेर है- एक कहानी ख़त्म हुई है एक कहानी बाक़ी है, मैं बे-शक मिस्मार हूँ लेकिन मेरा सानी बाक़ी है। ये लाइनें डोनाल्ड ट्रंप की वापसी और इसके दुनिया पर पड़ने वाले असर पर एकदम सटीक बैठती है। ट्रंप की वापसी की चर्चा न केवल अमेरिका बल्कि पूरी दुनिया में हो रही है। इसकी कई वजहें हैं। इस समय दुनिया में दो बड़े युद्ध इजरायल और हमास के बीच और रूस व यूक्रेन के बीच चल रहे हैं। ट्रंप अपने चुनावी कैंपेन में कह चुके हैं कि वो जीते तो जंग रोक दूंगा। जीत के बाद भी उन्होंने ये बातें दोहराई हैं। ट्रम्प के औपचारिक रूप से पदभार संभालने से पहले, चुनाव परिणामों के कांग्रेस प्रमाणीकरण सहित कई कदम बाकी हैं। ये एक प्रक्रिया जिसे ट्रम्प समर्थकों ने 2020 के चुनाव में अपनी हार के बाद लगभग चार साल पहले यूएस कैपिटल पर हमला करके बाधित करने की कोशिश की थी। ट्रंप का राष्ट्रपति पद के लिए शपथ ग्रहण समारोह 20 जनवरी 2025 को होगा, जिसके बाद वो आधिकारिक रूप से राष्ट्रपति पद की शक्ति हासिल कर पाएंगे और जिम्मेदारियां संभालेंगे। चुनाव के दिन से शपथ ग्रहण तक क्या-क्या होता है आपको इस रिपोर्ट में बताते हैं।
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नेशनल वोट का इलेक्टोरल कॉलेज वोट पर क्या प्रभाव पड़ता है?
अमेरिकी राष्ट्रपति का फ़ैसला पूरे देश में पड़े मतों के आधार पर नहीं होता है। उम्मीदवारों को इसके लिए राज्यों में जीतना ज़रूरी होता है। जो उम्मीदवार राज्यों में इलेक्टोरल कॉलेज मतों का बहुमत हासिल करता है वो अमेरिका का राष्ट्रपति बनता है। इलेक्टोरल वोट मोटे तौर पर वहां की जनसंख्या के आधार पर होते हैं। ये इलेक्टोरल वोट मतदान के कुछ हफ़्तों बाद मिलते हैं और अगले राष्ट्रपति को आधिकारिक तौर पर नामित करने के लिए एक इलेक्टोरेल कॉलेज बनाते हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव जीतने के लिए 270 इलेक्टोरल वोट मिलना ज़रूरी होता है। अमरीका में कुल 50 राज्य हैं और 40 से ज़्यादा राज्यों के बारे में पहले से लोगों को लगभग अंदाज़ा होता है कि किस राज्य में किस उम्मीदवार की जीत होगी। बाक़ी 8-10 राज्यों में हर चुनाव में स्थिति बदल जाती है, कभी यह डेमोक्रैट उम्मीदवार का समर्थन करते हैं तो कभी रिपब्लिकन उम्मीदवार को जीता देते है।
किसे कितने मिले वोट
आप तक ये खबर तो आ ही गई कि डोनाल्ड ट्रंप की जीत हुई है। लेकिन क्या आपको पता है कि अमेरिका में राष्ट्रपति पद में कितने उम्मीदवार थे और किसे कितने वोट मिले हैं। दरअसल, थर्ड पार्टी और इंडिपेंडेंट कैंडिडेट की संख्या को मिला दे तो तकरीबन 22 ऐसे उम्मीदवार थे जो अमेरिका में राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए मैदान में थे। उनमें से कुछ उम्मीदवारों ने बाद में अपने आप को विड्रा किया लेकिन उनके नाम फाइनल हो चुके थे। उन्होंने अपना समर्थन कुछ ने कमला हैरिस और डोनाल्ड ट्रंप को दे दिया। लेकिन उनके नाम बैलेट पर थे और उन्हें वोट भी पड़े। ट्रंप को सात करोड़ से अधिक वोट मिले और 6 करोड़ से अधिक वोट कमला हैरिस को मिला है। उनके बाद ग्रीन पार्टी की जिल स्टेन को इल्केटोरल वोट तो नहीं लेकिन बतौर उम्मीदवार करीब साढ़े छह लाख मिला।
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बाइडेन के न्यौते पर ट्रंप का व्हाइट हाउस दौरा
ट्रम्प ने राष्ट्रपति पद के लिए आवश्यक इलेक्टोरल कॉलेज वोट हासिल कर लिए हैं और हैरिस ने इसे स्वीकार कर लिया है। ट्रंप की बात करें तो जो बाइडेन के न्यौते पर ट्रंप जल्द ही व्हाइट हाउस आएंगे। ट्रंप को बाइडेन सत्ता हस्तांतरण से जुड़ी जानकारी देंगे। बाइडेन और ट्रंप की मुलाकात की तारीख अभी तय नहीं हुई है। वर्तमान अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन पहले ही अपने उत्तराधिकारी को व्हाइट हाउस में आमंत्रित कर चुके हैं। ट्रम्प की टीम ने कहा है कि यात्रा शीघ्र ही होगी। साल 2020 में ट्रंप ने न तो बिडेन को व्हाइट हाउस में आमंत्रित किया और न ही हार स्वीकार की थी। इसके बावजूद, उन्होंने रोनाल्ड रीगन के समय शुरू की गई परंपरा का पालन करते हुए ओवल ऑफिस में अपने उत्तराधिकारी के लिए हाथ से लिखा एक नोट छोड़ा था। उस वक्त, राष्ट्रपति बाइडन ने पत्रकारों से कहा था कि उनसे पहले के राष्ट्रपति ने एक बेहद विनम्र लेटर छोड़ा था। महीनों तक एक-दूसरे पर तीखे कटाक्ष करने के बाद अब दोनों जल्द ही व्हाइट हाउस में कैमरों के सामने एक साथ दिखाई देंगे।
ट्रांजिशन पीरियड
नतीजे से 20 जनवरी तक 77 दिन की अवधि को संक्रमण काल यानी की ट्रांजिशन पीरियड कहा जाता है। जिस दिन अमेरिकी राष्ट्रपति शपथ लेते हैं उस दिन को इनोग्रेशन डे कहते हैं। 20 जनवरी 1937 से यही परंपरा चली आ रही है। इतने बड़े प्रशासन को स्टाफ देना एक क्रमिक कार्य है, लेकिन तैयारी शुरू हो गई है। हालाँकि नए प्रशासन में पूर्ण सुधार का अनुभव होगा, लेकिन ट्रम्प के पास इस बात के लिए स्पष्ट दृष्टिकोण है कि वह क्या हासिल करना चाहते हैं। अपने पहले कार्यकाल में एक प्रशासन बनाने के बाद, अब उनके पास इस बात के लिए ठोस योजनाएँ हैं कि वे इस बार क्या बदलाव लाएँगे। टीम ट्रम्प ने अपने पूर्व लघु व्यवसाय प्रशासक लिंडा मैकमोहन और व्यवसायी हॉवर्ड लुटनिक को संक्रमणकालीन सह-अध्यक्षों के रूप में नामित किया है, और उन्होंने कहा है कि निर्वाचित राष्ट्रपति आने वाले दिनों और हफ्तों में कर्मियों की घोषणा करना शुरू कर देंगे। नए प्रशासन में दो संभावित विवादास्पद नियुक्तियों को लेकर पहले से ही चर्चा चल रही है। ट्रम्प ने सुझाव दिया है कि वह तकनीकी उद्यमी एलोन मस्क को सरकारी दक्षता पर सलाहकार के रूप में नियुक्त कर सकते हैं, और स्वास्थ्य और खाद्य नीति की देखरेख के लिए एंटी-वैक्सीन रॉबर्ट एफ कैनेडी जूनियर को नियुक्त कर सकते हैं। राज्य सचिव सहित प्रमुख कैबिनेट पदों के लिए सीनेट की पुष्टि की आवश्यकता होगी, जहां रिपब्लिकन बहुमत में हैं।
स्टेट सर्टिफिकेशन
राष्ट्रपति पद की जीत सुनिश्चित करने के लिए केवल वोटरों का समर्थन ही नहीं, बल्कि इन इलेक्टोरल कॉलेज वोटों को भी जुटाना ज़रूरी होता है। आमतौर पर, हर राज्य अपने सभी इलेक्टोरल कॉलेज वोट उसी उम्मीदवार को देता है, जो वहां जनमत हासिल करता है. और इसकी पुष्टि 17 दिसंबर को होने वाली बैठकों के बाद की जाती है। चार साल पहले, ट्रम्प के सहयोगियों ने इस प्रक्रिया पर संदेह पैदा करने की कोशिश की थी। स्थानीय अधिकारियों पर प्रमाणीकरण से इनकार करने का दबाव डाला। अंततः ये प्रयास असफल रहे।
6 जनवरी को यूएस कांग्रेस की बैठक
6 जनवरी को नई यूएस कांग्रेस की बैठक होती है, जिसमें इलेक्टोरल कॉलेज के वोटों की गिनती की जाती है और नए राष्ट्रपति की आधिकारिक पुष्टि की जाती है। पिछले अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के बाद इसी कांग्रेस की बैठक थी, जिसका मकसद चुनाव नतीजों की पुष्टि करना था, जिसे ट्रंप के समर्थकों ने रोकने की कोशिश की थी। उस वक्त, यानी 2021 में ट्रंप ने जो बाइडन से हार मानने से इनकार कर दिया था और उनके समर्थकों ने यूएस कैपिटल में हंगामा किया था। सांसदों को शरण लेने के लिए मजबूर होना पड़ा, लेकिन अंततः प्रक्रिया पूरी हुई, ट्रम्प के उपराष्ट्रपति माइक पेंस ने बाइडेन की 2020 की जीत को प्रमाणित किया।
इनॉग्रेशन डे
अमेरिकी संविधान के अनुसार, राष्ट्रपति का कार्यकाल उस दिन दोपहर से शुरू होता है जब वे पद की शपथ लेते हैं। नए राष्ट्रपति आधिकारिक रूप से 20 जनवरी को शपथ ग्रहण करते हैं। यह शपथ ग्रहण समारोह वॉशिंग्टन डीसी की कैपिटल बिल्डिंग की सीढ़ियों पर होता है। 2021 में ट्रम्प ने बाइडेन के इनॉग्रेशन में शामिल न होकर आधुनिक परंपरा को तोड़ दिया। हालाँकि, बाइडे के भी ऐसा करने की संभावना नहीं है। राष्ट्रपति शपथ में संविधान को बनाए रखने और राष्ट्रपति पद पर रहते हुए अपने कर्तव्यों का ईमानदारी से पालन करने का वचन देता है। राष्ट्रपति पद की शपथ लेना अमेरिका के संविधान के मुताबिक जरूरी है। शपथ ग्रहण के बाद नए राष्ट्रपति भाषण देते हैं और इस दौरान वह बताते हैं कि वह अपने कार्यकाल में क्या-क्या करेंगे और उनकी प्राथमिकताएं क्या हैं?
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