NTA पर बहुत कम भरोसा है, सभी विद्यार्थियों के लिए पुन:परीक्षा का विकल्प हो : NEET Aspirants

NEET Aspirants
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राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा-स्नातक (नीट-यूजीसी) 2024 में अनियमितता, परीक्षापत्र लीक के आरोपों और मेधा सूची में अधिक वृद्धि को लेकर मेडिकल कॉलेजों में दाखिला लेने के इच्छुक विद्यार्थी यह इम्तिहान फिर से आयोजित करने की मांग रहे हैं।

नयी दिल्ली। राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा-स्नातक (नीट-यूजीसी) 2024 में अनियमितता, परीक्षापत्र लीक के आरोपों और मेधा सूची में अधिक वृद्धि को लेकर मेडिकल कॉलेजों में दाखिला लेने के इच्छुक विद्यार्थी यह इम्तिहान फिर से आयोजित करने की मांग रहे हैं। हालांकि 1563 विद्यार्थियों के कृपांक को रद्द करने के केंद्र के फैसले से उनकी चिंता का पूर्णत: निदान नहीं हो सका है। कई छात्र संगठन और राजनीतिक दलों के युवा शाखाएं प्रतिष्ठित परीक्षा में कथित अनियमितताओं पर अपनी चिंताओं को व्यक्त करने के लिए देश भर में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इस परीक्षा में 67 विद्यार्थियों के शत प्रतिशत (720 में से 720) अंक आए हैं जो राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) के इतिहास में अप्रत्याशित है। 

परीक्षा पत्र लीक और अन्य विसंगतियों की लगातार आ रही खबरों के कारण कई छात्रों का कहना है कि इस परीक्षा से उनका भरोसा उठ गया है। जहां कई लोग परीक्षा पत्र लीक के आरोपों की गहन जांच की मांग कर रहे हैं, वहीं कुछ अन्य लोगों का मानना है कि 1,563 छात्रों को दोबारा परीक्षा देने का विकल्प दिया जाना महज ‘दिखावा’ है। पश्चिम बंगाल के रहने वाली नीट अभ्यर्थी अहली घोष ने कहा कि अंकों में वृद्धि इतनी ज्यादा है कि 1563 विद्यार्थियों की पुन: परीक्षा इसमें सुधार नहीं कर सकती है। 

उन्होंने कहा, “ मुझे लगता है कि प्रत्येक छात्र के अंकों का पुनर्मूल्यांकन एक अच्छी बात होगी, अन्यथा सबकी पुनः परीक्षा हो लेकिन सरकार हमें तैयारी के लिए एक से दो महीने का समय दे।” इस वर्ष नीट के आयोजन पर उन्होंने कहा, आप किसी बीमार पेड़ का सिर्फ एक बीमार पत्ता तोड़कर उसे ठीक नहीं कर सकते। पूरे पेड़ को ही उखाड़ फेंकना होगा। हमें इस बात की कोई जानकारी नहीं है कि किस हद तक धांधली हुई है। मध्य प्रदेश के एक अन्य अभ्यर्थी अनिमेष ने कहा कि उनके दृष्टिकोण से चीजें काफी अन्यायपूर्ण लगती हैं। उन्होंने कहा, “वे बस इसे खत्म करना चाहते हैं। वे परीक्षा पत्र लीक घोटाले को भी छुपाना चाहते हैं। 

उन्होंने कहा, चीजें बहुत स्पष्ट नहीं हैं... मुझे लगता है कि मामले की जांच किसी तीसरे पक्ष से कराई जानी चाहिए जो एनटीए के प्रति पक्षपाती न हो। अनिमेष ने सभी विद्यार्थियों के लिए पुनः परीक्षा की मांग की। उन्होंने कहा, 650 से अधिक अंक पाने वालों को ही दोबारा परीक्षा देने में समस्या होगी। दोबारा परीक्षा होनी चाहिए, लेकिन छात्रों को कुछ और समय देना चाहिए। हर कोई मीडिया रिपोर्ट में उलझा हुआ है। तार्किक रूप से, एनटीए के लिए भी इतने कम समय में दोबारा परीक्षा आयोजित करना संभव नहीं होगा। नीट परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले दिल्ली के तेजस गौड़ ने कहा कि अगर दोबारा इम्तिहान होता है तो वह इसमें फिर से बैठेंगे। इस परीक्षा में 4,627वीं रैंक पाने वाले तेजस ने कहा, मुझे नहीं लगता कि घोटाला 1,563 छात्रों तक सीमित है। अंकों में इतनी बढ़ोतरी के लिए यह संख्या बहुत कम है। 

नीट-यूजी परीक्षा देश भर के सरकारी और निजी संस्थानों में एमबीबीएस, बीडीएस, आयुष और अन्य संबंधित पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए एनटीए द्वारा आयोजित की जाती है। यह परीक्षा पांच मई को 4,750 केंद्रों पर आयोजित की गई थी और इसमें करीब 24 लाख विद्यार्थी शामिल हुए थे। इसके नतीजे 14 जून को घोषित होने की उम्मीद थी, लेकिन उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन पहले ही पूरा किए जाने के कारण नतीजे चार जून को घोषित किए गए। विवाद के मद्देनजर, केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने कृपांक की समीक्षा के लिए यूपीएससी के पूर्व अध्यक्ष की अध्यक्षता में चार सदस्यीय विशेषज्ञ समिति का गठन किया है। कृपांक पाने वाले 1,563 छात्रों की 23 जून को दोबारा परीक्षा होगी जिसके नतीजे 30 जून को घोषित किए जाने हैं। 

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‘नीट प्रेप डॉट कॉम’ के संस्थापक कपिल गुप्ता ने कहा कि जिन छात्रों ने अच्छे अंक प्राप्त किए हैं, उन्हें इस बात का डर है कि पुनः परीक्षा में कम अंक आ सकते हैं,क्योंकि उनमें परीक्षा के बाद की आलस्य है और विवाद को देखते हुए, उचित तैयारी करने के लिए उनके लिए दो महीने भी कम होंगे। ‘आर्मी वेलफेयर एजुकेशन सोसाइटी’ के प्रबंध निदेशक के रूप में कार्य कर चुके मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) रमेश रैना ने कहा, “ नीट परीक्षा का प्रश्न पत्र कथित रूप से लीक होने का हालिया मामला बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है... मैं बच्चों और अभिभावकों के साथ सहानुभूति रखता हूं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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