गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने किया गुरुकुल कुरुक्षेत्र के नूतन विद्यालय भवन देवयान का शिलान्यास
गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत मुख्य यजमान रहे। उनके साथ गुरुकुल के प्रधान कुलवंत सिंह सैनी, ओएसडी टू गवर्नर डॉ. राजेन्द्र विद्यालंकार ने वेद-मंत्रों की पावन ध्वनि के मध्य यज्ञ में घी-सामग्री की आहुतियां प्रदान की। आर्ष महाविद्यालय गुरुकुल कुरुक्षेत्र के आचार्य सत्य प्रकाश के ब्रह्मत्व में यज्ञ सम्पन्न हुआ
कुरुक्षेत्र । गुरुकुल कुरुक्षेत्र के नये विद्यालय भवन का गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत के कर-कमलों द्वारा शिलान्यास किया गया। देवयान नाम से बनने वाली इस भव्य भवन के शिलान्यास समारोह का शुभारम्भ अग्निहोत्र से हुआ जिसमें गुरुकुल के संरक्षक एवं गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत मुख्य यजमान रहे। उनके साथ गुरुकुल के प्रधान कुलवंत सिंह सैनी, ओएसडी टू गवर्नर डॉ. राजेन्द्र विद्यालंकार ने वेद-मंत्रों की पावन ध्वनि के मध्य यज्ञ में घी-सामग्री की आहुतियां प्रदान की। आर्ष महाविद्यालय गुरुकुल कुरुक्षेत्र के आचार्य सत्य प्रकाश के ब्रह्मत्व में यज्ञ सम्पन्न हुआ जिसमें आर्य प्रतिनिधि सभा हरियाणा के उप मंत्री राधाकृष्ण आर्य, गुरुकुल के सह प्राचार्य शमशेर सिंह, मुख्य संरक्षक संजीव आर्य सहित समस्त अध्यापक व संरक्षकगण उपस्थित रहे। शिलान्यास के उपरान्त आचार्य देवव्रत जी ने सभी अध्यापकों को नये विद्यालय भवन के लिए बधाई व शुभकामनाएं दीं।
विद्यालय भवन के नाम देवयान पर चर्चा करते हुए डॉ. राजेंद्र विद्यालंकार ने कहा कि उपनिषद में मनुष्य के लिए इस लोक से परलोक जाने के दो मार्ग बताए गए हैं एक है पितृयान मार्ग और दूसरा है देवयान मार्ग। पितृयान मार्ग की समाप्ति के बाद देवयान मार्ग आरम्भ होता है, जब कोई मनुष्य पूर्ण तृप्त होकर परलोक जाता है तो उसे देवयान मार्ग से मोक्ष की प्राप्ति होती है। गुरुकुल कुरुक्षेत्र के इस नूतन विद्यालय भवन देवयान से विद्यार्थी विद्या का ऐसा प्रकाश लेकर जाएंगे जो अपने अलौकिक ज्ञान से पूरे विश्व को प्रकाशमान करेंगे। उन्होंने गुरुकुल परिवार को नये विद्यालय भवन के शिलान्यास पर शुभकामनाएं दी। गुरुकुल के प्रधान कुलवन्त सिंह सैनी ने बताया कि अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त चार मंजिला देवयान का निर्माण आगामी शैक्षिक सत्र तक पूरा हो जाएगा जिसके बाद सत्र 2023-24 में गुरुकुल के छात्र इसमें अध्ययन कर सकेंगे। उन्होंने बताया कि यह भवन तरह से भूकम्परोधी होगा, साथ ही कमरों में सूर्य के प्रकाश और हवा के आवागमन की विशेष व्यवस्था होगी। विद्यालय भवन का निर्माण सीबीएसई की गाइडलाइन के अनुसार किया जाएगा ताकि बच्चे एक साफ-स्वच्छ वातावरण में शांत चित्त होकर विद्यार्जन कर सके।
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