EWS Admission 2025-26: EWS कैटेगरी में स्कूल एडमिशन के लिए बढ़ी इनकम लिमिट, बढ़ेगा कॉम्पिटिशन

EWS Admission 2025 and 2026
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दिल्ली के प्राइवेट स्कूलों में एडमिशन के लिए अब इकोनॉमिकली वीकर सेक्शन कैटेगिरी में आय सीमा को बढ़ाने की मांग काफी समय से चल रही थी। बता दें कि पिछले एक साल में इस सीमा को दिल्ली सरकार ने 2.5 लाख रुपए करने की बात की।

दिल्ली के प्राइवेट स्कूलों में एडमिशन के लिए अब इकोनॉमिकली वीकर सेक्शन कैटेगिरी के परिवार की आय सीमा बढ़ चुकी है। दरअसल, 1 लाख रुपए की बजाय आय सीमा 5 लाख रुपए हो चुकी है। बता दें कि आय सीमा को बढ़ाने की मांग काफी समय से चल रही थी। बता दें कि पिछले एक साल में इस सीमा को दिल्ली सरकार ने 2.5 लाख रुपए करने की बात की और एलजी और हाईकोर्ट ने 5 लाख रुपए सालाना। वहीं 23 दिसंबर को एलजी ने आय सीमा बढ़ाकर 5 लाख रुपये सालाना लिमिट के लिए मंजूरी दे दी।

दिल्ली EWS एडमिशन में होगा बड़ा फायदा

अब दिल्ली में नर्सरी, केजी और क्लास 1 एडमिशन प्रोसेस के साथ इसको लागू किए जाने की तैयारी चल रही है। अभिभावकों के लिए यह हर साल की तरह एक लंबा इंतजार है। पिछले कुछ साल से दिल्ली शिक्षा निदेशालय इन 25% फ्री सीटों के लिए एडमिशन सेशन पटरी पर लाने में नाकाम रहा है। बाकी 75 फीसदी ओपन सीटों के लिए 01 अप्रैल से सेशन शुरू हो जाता है। इस साल यानी की एकेडेमिक सेशन 2025-26 के लिए जिस परिवार की वार्षिक आय 5 लाख रुपए तक है, वह भी अपने बच्चे के लिए प्राइवेट स्कूलों में फ्रीशिप कोटे की सीटों के लिए अप्लाई कर सकेंगे।

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जानिए क्या कहते हैं एजुकेशन एक्सपर्ट

एजुकेशन एक्सपर्ट की मानें, तो दिल्ली हाईकोर्ट के इस फैसले से कई अभिभावक अब प्राइवेट स्कूलों की 25% फ्री सीटों के लिए आवेदन कर सकेंगे। ऐसा वह पेरेंट्स कर सकेंगे, जो कोटे के हकदार नहीं हैं। वहीं कम इनकम लिमिट होने के कारण कई जरूरतमंद परिवारों को फ्री सीटों के आवेदन के लिए फर्जी इनकम सर्टिफिकेट बनवाने के लिए मजबूर होना पड़ता था। क्योंकि 1 लाख स्लैब काफी कम था।

एजुकेशन एक्टिविस्ट के अनुसार, '1 लाख रुपये सालाना इनकम वाला प्रोविजन 2005 में आया था। उस दौरान सरकार में फोर्थ क्लास कैटिगरी की सैलरी करीब 82 हजार रुपए थी। लेकिन साल 2006 में छठे पे कमिशन के साथ यह सैलरी 1,20,000 के पार हो गई। तब उस दौरान स्कूलों ने बच्चों को निकालना शुरूकर दिया। तभी से पेरेंट्स को अपने हक का इंतजार था।

अब बढ़ेगा कॉम्पिटिशन

बता दें कि पिछले दो साल में प्राइवेट स्कूलों में नर्सरी, केजी और फर्स्ट क्लास के लिए ईडब्ल्यूएस/डीजी और दिव्यांग कैटिगरी के लिए 2 लाख से ज्यादा एप्लिकेशन के आवेदन मिले थे। वहीं 36-37 हजार सीटें अलॉट हुई थीं। वहीं अब आय सीमा बढ़ने पर बड़ी संख्या में बच्चे रेस में आएंगे। जबकि सीटें हर साल कम हो रही हैं। बीते 5-6 साल पहले इन सीटों की संख्या करीब 50 हजार हुआ करती थी। मगर अब इन सीटों की संख्या 35-36 हजार पर सीमित हो गई है।

एजुकेशन एक्सपर्ट कहते हैं कि न्यूनतम मजदूरी के आसपास इनकम स्लैब को होना चाहिए। जो करीब 16 से 20 हजार रुपए महीना तक है। बता दें कि हरियाणा में यह लिमिट 1.8 लाख रुपए है। तो वहीं कुछ राज्यों में यह 2.5 लाख रुपए है। लेकिन रिक्शा चालक, ड्राइवर्स,सिक्योरिटी गार्ड और ऐसे ही कई प्रोफेशन वाले लोगों की इनकम मुश्किल से 10-15 हजार या 20-25 हजार रुपए होती है। आय सीमा बढ़ने से इन लोगों का कॉम्पिटिशन अब 40 हजार रुपये तक की सैलरी वालों से होगा। इससे यकीनन कई जरूरतमंद लोग छूटेंगे।

क्यों कम हो रही हैं EWS सीटें

पिछले 4-5 सालों में EWS/DG/CWSN कैटिगरी के लिए नर्सरी, केजी, क्लास 1 की सीटें लगातार कम हो रही हैं। हम आपको यहां पर बीते 4 साल के आंकड़े दिखाने जा रहे हैं।

2020-21- 47 हजार

2021-2022- करीब 33 हजार

2022-2023- करीब 40 हजार

2023-24- करीब 37 हजार

2024-25- करीब 36 हजार

बता दें कि पिछले कुछ साल में सीटें घटी हैं और जितनी सीटें अलॉटमेंट हुई हैं, उतने एडमिशन भी नहीं हुए। प्राप्त जानकारी के अनुसार, जिनको सीटें अलॉट हो जाती हैं, वह ज्यादातर पेरेंट्स को स्कूल टहलाते रहते हैं और एडमिशन देने से मना करते हैं। ऐसा इसलिए भी होता है, क्योंकि शिक्षा निदेशालय की सख्ती नहीं है और शिक्षा निदेशालय को यह जानकारी भी देना चाहिए कि आखिर सीटें कम क्यों हो रही हैं।

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