छात्रों को धर्म और जाति पर नहीं किया जाना चाहिए विभाजित, हिजाब मामले में बोलीं NCW प्रमुख
राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने हाई कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि सबसे पहले यह कुरान के अनुसार धार्मिक प्रथा नहीं है और दूसरी बात यह है कि जब कोई छात्र किसी संस्थान में प्रवेश करता है तो उसे नियम कायदों का पालन करना चाहिए।
नयी दिल्ली। कर्नाटक हाई कोर्ट ने कक्षा में हिजाब पहनने की अनुमति मांगने के संबंध में मुसलमान लड़कियों द्वारा दायर की गई याचिकाओं को खारिज कर दिया है। जिसके बार तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। इसी बीच राष्ट्रीय महिला आयोग ने हाई कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि छात्रों को धर्म, जाति या पंथ में विभाजित नहीं किया जाना चाहिए।
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नियमों का करना चाहिए पालन
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने हाई कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि सबसे पहले यह कुरान के अनुसार धार्मिक प्रथा नहीं है और दूसरी बात यह है कि जब कोई छात्र किसी संस्थान में प्रवेश करता है तो उसे नियम कायदों का पालन करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि मैं महिलाओं के अधिकारों की प्रबल समर्थक हूं, मैं हमेशा कहती हूं कि महिलाएं कहीं भी, कुछ भी पहन सकती हैं, लेकिन अगर किसी संस्थान में एक समान ड्रेस कोड है, तो उसका पालन किया जाना चाहिए। छात्रों को धर्म, जाति या पंथ में विभाजित नहीं किया जाना चाहिए। मुझे उम्मीद है कि वे कक्षाओं में वापस जाएंगे।
I'm an ardent supporter of women's rights, I always say women can wear anything, anywhere, but if there's a uniform code in an institute, it must be followed. Students should not be divided into religion, caste, or creed. I hope they go back to classes: NCW Chairperson R Sharma pic.twitter.com/9vDsORpg76
— ANI (@ANI) March 15, 2022
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गौरतलब है कि हिजाब मामले को लेकर देशभर में काफी बवाल हुआ था। मामला कर्नाटक के एक कॉलेज से शुरू हुआ था और फिर देशभर से प्रतिक्रियाएं सामने आई थीं। जिसको देखते हुए उडुपी की लड़कियों ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर स्कूलों में हिजाब पहनने की अनुमति मांगी थी। जिस पर हाई कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया कि छात्र स्कूलों में ड्रेस पहनने से इनकार नहीं कर सकते हैं।
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