हिजाब पर HC के फैसले पर ओवैसी बोले- ये हमारा हक है, हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे, महबूबा ने भी खड़े किए सवाल
हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने भी प्रतिक्रिया दी है। एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि हम कर्नाटक हाई कोर्ट के फैसले से सहमत नहीं है। यह संविधान के अनुच्छेद 15 की अवहेलना करता है। हाई कोर्ट ने कहा है कि हिजाब आवश्यक धार्मिक अभ्यास नहीं है लेकिन इसका निर्णय कौन करेगा?
कर्नाटक उच्च न्यायालय ने कक्षा में हिजाब पहनने की अनुमति देने का अनुरोध करने वाली उडुपी में ‘गवर्नमेंट प्री-यूनिवर्सिटी गर्ल्स कॉलेज’ की मुस्लिम छात्राओं के एक वर्ग की याचिकाएं मंगलवार को खारिज कर दी है। जिसके बाद से ही इस पर प्रतिक्रिया का दौर शुरू हो गया है। हिजाब विवाद पर कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले पर एआईएमआईएम प्रमुख व हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने भी प्रतिक्रिया दी है। एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि हम कर्नाटक हाई कोर्ट के फैसले से सहमत नहीं है। यह संविधान के अनुच्छेद 15 की अवहेलना करता है। हाई कोर्ट ने कहा है कि हिजाब आवश्यक धार्मिक अभ्यास नहीं है लेकिन इसका निर्णय कौन करेगा? इस फैसले के ख़िलाफ़ हम इसलिए सुप्रीम कोर्ट जाएंगे।
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असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि इस फैसले से नकारात्मक असर होगा और जगह-जगह मुस्लिम महिलाओं को निशाना बनाया जाएगा। संविधान में विवेक की स्वतंत्रता के तहत हमें इज़ाजत है कि अपना हिजाब भी पहनू और शिक्षा भी हासिल करूं। निर्णय (हिजाब पंक्ति) धर्म, संस्कृति, अभिव्यक्ति और कला की स्वतंत्रता जैसे मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है। हिजाब पहनने से क्या दिक्कत है?
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पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने भी कोर्ट के फैसले को लेकर अपनी निराशा जताई है। मुफ्ती ने कहा कि हिजाब पर जो फैसला कोर्ट ने कायम रखा है वो बहुत ही निराश करने वाला फैसला है। एक लड़की और एक महिला को ये भी अधिकार नहीं है कि वो क्या पहने और क्या नहीं पहने। महबूबा मुफ्ती ने कहा कि मैं समझती हूं कि एक तरफ तो हम बहुत बड़े दावे करते हैं औरतों के अधिकारों की कि उनको सशक्त बनाना है और दूसरी तरफ हम उनको ये भी हक नहीं देते हैं कि वो क्या पहने और क्या नहीं और अगर वो अपनी मर्जी के मुताबिक कपड़े पहनती हैं तो उन्हें परेशान किया जाता है। उन्होंने कहा कि सड़कों पर किस तरह से मवाली उनके पीछे पड़ जाते हैं और वहां की सरकारें तमाशबीन बन जाती हैं। मैं समझती हूं कि ये बहुत गलत है हर इंसान, औरत और बच्ची को हक होना चाहिए कि वो क्या कपड़े पहने और क्या नहीं। इसका फैसला अदालतों के पास नहीं होना चाहिए।
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