हिजाब पर हाईकोर्ट के फैसले से मुस्लिम छात्राओं ने जताई आपत्ति, कहा- 1400 साल से हिजाब जरूरी माना गया है
मुस्लिम छात्राओं ने आपत्ति जताई है। भोपाल की मुस्लिम छात्राओं ने कहा है कि इस्लाम में महिलाओं को हिजाब पहनना अनिवार्य है। अगर हिजाब नहीं पहनने दिया जाएगा, तो वो स्कूल और कॉलेज नहीं जाएंगी।
भोपाल। कर्नाटक हाईकोर्ट ने मंगलवार को हिजाब पर अपना फैसला सुनाया है। स्कूल-कॉलेजों में हिजाब पहनने की इजाजत नहीं मिलेगी। जिसके बाद भोपाल से कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कही है। उन्होंने कहा कि ये कांग्रेस का नहीं बल्कि मेरा खुद का फैसला है।
दरअसल कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने कहा कि कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाऊंगा। मुस्लिम बच्चियों के लिए किए गए अनिवार्यता पर हमें आपत्ति है। आरिफ मसूद ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य हैं।
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वहीं हिजाब पर कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले पर मुस्लिम छात्राओं ने आपत्ति जताई है। भोपाल की मुस्लिम छात्राओं ने कहा है कि इस्लाम में महिलाओं को हिजाब पहनना अनिवार्य है। अगर हिजाब नहीं पहनने दिया जाएगा, तो वो स्कूल और कॉलेज नहीं जाएंगी।
मुस्लिम छात्राओं ने आगे कहा कि हिजाब हमारी चोईस है। हमें किसी कोर्ट का फैसला मंजूर नहीं है। हिजाब हमें लोगों की गंदी नजरों से बचाता है। 1400 साल से हिजाब को इस्लाम में जरूरी माना गया है। उन्होंने कहा कि सिर्फ हिजाब पहनी हुई लड़कियों को टार्गेट किया जाता है। दूसरे धर्मो पर कोई सवाल नहीं उठाता है।
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आपको बता दें कि कर्नाटक के स्कूल-कॉलेजों में हिजाब पहनने की इजाजत नहीं मिलेगी। कर्नाटक हाईकोर्ट ने मंगलवार को यह फैसला दिया। पिछले 74 दिन से इस मामले पर जारी घमासान को लेकर दिए फैसले में हाईकोर्ट ने दो अहम बातें कहीं गई है। पहली है कि हिजाब इस्लाम का अनिवार्य हिस्सा नहीं है। और दूसरी स्टूडेंट्स स्कूल या कॉलेज की तयशुदा यूनिफॉर्म पहनने से इनकार नहीं कर सकते।
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