Women Reservation Bill को संजय सिंह ने बताया महिला बेवकूफ बनाओ विधेयक, बोले- यह मोदी सरकार का एक और जुमला
संजय सिंह ने कहा कि यह निश्चित रूप से महिला आरक्षण विधेयक नहीं है, यह 'महिला बेवकूफ बनाओ' विधेयक है। हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि पीएम मोदी के सत्ता में आने के बाद से उन्होंने जो भी वादे किए थे उनमें से कोई भी पूरा नहीं हुआ है।
महिला आरक्षण विधेयक जिसे नारी शक्ति वंदन विधेयक का नाम दिया गया है, इसे लोकसभा में पेश किया जा चुका है। इस पर आज चर्चा भी हो रही है। साथ ही साथ राजनीति भी जारी है। आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने इसको लेकर बड़ा बयान दिया है और मोदी सरकार पर निशाना साधा है। संजय सिंह ने कहा कि यह निश्चित रूप से महिला आरक्षण विधेयक नहीं है, यह 'महिला बेवकूफ बनाओ' विधेयक है। हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि पीएम मोदी के सत्ता में आने के बाद से उन्होंने जो भी वादे किए थे उनमें से कोई भी पूरा नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि यह उनके द्वारा लाया गया एक और 'जुमला' है...यदि आप विधेयक को लागू करना चाहते हैं, तो AAP पूरी तरह से आपके साथ खड़ी है लेकिन इसे 2024 में लागू करें।
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आप सांसद ने सवाल किया कि क्या आपको लगता है कि देश की महिलाएं मूर्ख हैं? महिला विरोधी बीजेपी बिल के नाम पर एक और 'जुमला' लेकर आई है। उन्होंने कहा कि देश की महिलाएं, राजनीतिक दल इन चुनावी हथकंडों को समझते हैं। इसलिए हम कहते हैं कि अगर उनकी नियत साफ है तो 2024 में इसे लागू करें। आप सांसद सुशील कुमार रिंकू ने कहा कि हम विधेयक के खिलाफ नहीं हैं लेकिन कुछ कानूनी प्रक्रियाएं हैं जिनमें समय लगेगा क्योंकि इसे उन प्रक्रियाओं के बाद ही लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि एक जनगणना होगी जिसके अनुसार सीटों का आवंटन तय किया जाएगा और एक परिसीमन बैठक होगी। इसलिए यह एक बहुत लंबी प्रक्रिया है। पहले की सरकारों ने भी महिलाओं (मतदाताओं) को आकर्षित करने के लिए ऐसा किया है और इसे पारित कराए बिना छोड़ दिया है।
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महिला आरक्षण बिल पर आप सांसद सुशील गुप्ता ने कहा कि कल जब हमने बिल की कॉपी देखी तो उसमें 2024 के लिए कोई प्रावधान नहीं था। साफ लिखा है कि आने वाले समय में इसका पालन किया जाएगा। इसमें 10 या 20 साल लग सकते हैं। रही बात महिलाओं को अधिकार देने की तो मोदी सरकार को 2024 में इसे लाने की नीति बनानी चाहिए। महिला आरक्षण बिल पर केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा है कि यह विधेयक महिलाओं की गरिमा के साथ-साथ अवसरों की समानता को भी बढ़ाएगा। महिलाओं को प्रतिनिधित्व मिलेगा। इसके चार महत्वपूर्ण खंड हैं।
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