Demonetisation Verdict: रविशंकर प्रसाद बोले- SC ने नोटबंदी को बताया सही, कांग्रेस बेवजह कर रही थी हंगामा
भाजपा सांसद ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने नोटबंदी को वैधानिकता को चुनौती देने वाली 58 याचिकाओं को अस्वीकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने भी इस पर हंगामा खड़ा किया था।
सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने केंद्र सरकार के 2016 में 500 और 1000 रुपये की श्रृंखला वाले नोटों को बंद करने के फैसले को सोमवार को 4:1 के बहुमत के साथ सही ठहराया। हालंकि, कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट के फैसले को ही आधार बनाकर भाजपा पर निशाना साध रही है। इस सब के बीच भाजपा की ओर से विपक्षी दल पर पलटवार किया गया है। भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का आज एक बहुत ही महत्वपूर्ण फैसला आया है। उन्होंने कहा कि 2016 में मोदी सरकार के ऐतिहासिक फैसले, जिसमें 500 और 1,000 के नोटों को जो डिमोनेटाइज किया था, उसकी वैधानिकता को चुनौती देने वाली सारी याचिकाओं को कोर्ट ने अस्वीकार कर दिया है।
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भाजपा सांसद ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने नोटबंदी को वैधानिकता को चुनौती देने वाली 58 याचिकाओं को अस्वीकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने भी इस पर हंगामा खड़ा किया था। इसके साथ ही उन्होंने दावा किया कि नोटबंदी के अगले साल ही टैक्स कलेक्शन में 18% की वृद्धि हुई थी और 2.38 लाख शेल कंपनियां भी पकड़ी गई थीं। भाजपा नेता ने कहा कि ये पूरी नीति टेरर फंडिंग, फेक करेंसी और मनी लॉन्ड्रिंग आदि को रोकने के लिए की गई थी। उन्होंने कहा कि टेररिज्म की रीढ़ को तोड़ने में डिमोनेटाइज ने महत्वपूर्ण काम किया। यह फैसला देशहित में किया गया था और आज कोर्ट ने इस निर्णय को सही पाया है। जबकि कांग्रेस ने इसे लेकर काफी हंगामा किया था।
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कांग्रेस का वार
पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने सोमवार को उच्चतम न्यायालय के फैसले के तुरंत बाद कहा कि “अल्पमत” के फैसले ने नोटबंदी में ‘अवैधता’ और ‘अनियमितताओं’ की ओर इशारा किया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने एक ट्वीट में कहा कि एक बार माननीय उच्चतम न्यायालय ने कानून घोषित कर दिया है, तो हमें इसे स्वीकार करना ही होता है। हालांकि, यह इंगित करना आवश्यक है कि बहुमत ने निर्णय की बुद्धिमता को बरकरार नहीं रखा है, और न ही बहुमत ने यह निष्कर्ष निकाला है कि बताए गए उद्देश्य हासिल किए गए। उन्होंने कहा कि वास्तव में बहुमत ने इस सवाल को स्पष्ट कर दिया है कि क्या उद्देश्यों को हासिल किया गया या नहीं?
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