माहिम विधानसभा सीट को लेकर महायुति में मतभेद की खबरों का Ramdas Athawale ने किया खंडन
‘रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आठवले)’ प्रमुख ने कहा कि तीन बार के विधायक सरवणकर अमित ठाकरे से अधिक मजबूत उम्मीदवार हैं। उन्होंने कहा कि अमित ठाकरे की एकमात्र योग्यता यह है कि वह महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे के पुत्र हैं।
मुंबई। केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने रविवार को मुंबई में माहिम विधानसभा सीट को लेकर सत्तारूढ़ महायुति में मतभेद की खबरों का खंडन किया। माहिम विधानसभा सीट पर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के नेता अमित ठाकरे का मुकाबला शिवसेना के सदानंद सरवणकर से होगा। ‘रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आठवले)’ प्रमुख ने कहा कि तीन बार के विधायक सरवणकर अमित ठाकरे से अधिक मजबूत उम्मीदवार हैं। उन्होंने कहा कि अमित ठाकरे की एकमात्र योग्यता यह है कि वह महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे के पुत्र हैं।
रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (अठावले) महायुति की सहयोगी है, जिसमें भाजपा, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी(राकांपा) और शिवसेना शामिल हैं। अमित ठाकरे पहली बार चुनावी मैदान में हैं, जबकि सरवणकर माहिम से दोबारा चुनाव लड़ रहे हैं। शिवसेना नेता सरवणकर ने कहा है कि वह मैदान से पीछे नहीं हटेंगे, जबकि भाजपा ने मनसे उम्मीदवार का समर्थन करने की इच्छा जताई है।
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आठवले ने कहा, 'बाबासाहेब आंबेडकर स्मारक और इंदु मिल माहिम निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत आते हैं और मुझे नहीं लगता कि सरवणकर पर दबाव डालना अच्छा है। वह मौजूदा विधायक हैं तथा अमित ठाकरे से मजबूत उम्मीदवार हैं और वह जीतेंगे।' मनसे उम्मीदवार के प्रति भाजपा के समर्थन पर टिप्पणी करने से इनकार करते हुए उन्होंने कहा कि सरवणकर महायुति के आधिकारिक उम्मीदवार हैं। आठावले ने कहा, 'अमित ठाकरे ने निर्वाचन क्षेत्र में कोई काम नहीं किया है और उनकी एकमात्र योग्यता यह है कि वह राज ठाकरे के बेटे हैं। वह अभी राजनीति में आए हैं और भविष्य में उन्हें बहुत कुछ करना है।'
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महाराष्ट्र में 20 नवंबर को विधानसभा चुनाव होंगे और मतगणना 23 नवंबर को होगी। विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों में बागी उम्मीदवारों द्वारा गठबंधन को नुकसान पहुंचाने की संभावना के बारे में पूछे जाने पर केंद्रीय मंत्री ने कहा, जब भी बागी चुनाव लड़ते हैं, तो इससे नुकसान होता है। इसका हरियाणा में कांग्रेस पर असर पड़ा है। मुझे लगता है कि कल 99 प्रतिशत बागी अपना नाम वापस ले लेंगे। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अन्य नेता इन उम्मीदवारों से मिल रहे हैं।
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