नीतीश सरकार विश्वविद्यालय अधिकारियों के बैंक खातों से लेन-देन रोकने को लेकर राज्यपाल से टकराव की ओर बढ़ रही

Babasaheb Bhimrao Ambedkar Bihar University
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राजभवन को निर्वाचित सरकार के कामकाज में दखल नहीं देना चाहिए और उन्हें ऐसे टकरावों से बचना चाहिए।’’ प्रदेश भाजपा प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा,‘‘चूंकि नीतीश कुमार राज्य की शिक्षा व्यवस्था को सुधारने में बुरी तरह विफल रहे हैं, इलसिए अब वह राज्यपाल के साथ टकराव की स्थिति पैदा कर रहे हैं जबकि राज्यपाल विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति होते हैं। मुख्यमंत्री विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों की स्वायत्तता की अनदेखी कर रहे हैं।

मुजफ्फरपुर के बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर बिहार विश्वविद्यालय के दो अधिकारियों के बैंक खातों से लेन-देन पर रोक लगाने के राज्य प्रशासन के आदेश को राजभवन द्वारा पलट दिये जाने के बाद नीतीश कुमार सरकार राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर के साथ टकराव की ओर बढ़ती नजर आ रही है। राज्य के शिक्षा विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कुलपति और प्रति-कुलपति के क्षेत्राधिकार के तहत आने वाले शैक्षणिक संस्थानों के निरीक्षण में उनकी कथित नाकामी तथा विभाग द्वारा बुलाई गई एक समीक्षा बैठक में शामिल नहीं होने को लेकर राज्य शिक्षा विभाग ने बृहस्पतिवार को उनका वेतन रोक दिया। इसके एक दिन बाद, राज्यपाल के प्रधान सचिव रॉबर्ट एल चोंगथु ने संबंधित बैंक को पत्र भेजकर विश्वविद्यालय के इन दोनों अधिकारियों के बैंक खातों से लेन-देन पर लगी रोक को तत्काल प्रभाव हटाने का निर्देश दिया।

शिक्षा विभाग को भेजे पत्र में चोंगथु ने कहा,‘‘बिहार राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम, 1976 की धारा 54 के तहत राज्य सरकार को विश्वविद्यालयों का ऑडिट करने का अधिकार है, लेकिन दोनों अधिकारियों की वित्तीय शक्तियों और बैंक खातों से लेन-देन पर रोक लगाने का आपका कृत्य मनमाना और क्षेत्राधिकार के बाहर है। आपका यह कृत्य विश्वविद्यालय की स्वायत्तता पर प्रहार जान पड़ता है और आपने कुलाधिपति की शक्तियों का अतिक्रमण किया है।’’ पत्र में कहा गया है कि कुलाधिपति (राज्यपाल) ने आदेश दिया है कि ‘‘ये आदेश वापस ले लिये जाएं तथा इस तरह के अवांछनीय कृत्य से भविष्य में परहेज किया जाए।’’ इस घटना से राजनीतिक बयानबाजी शुरू हो गयी है। सत्तारूढ़ महागठबंधन ने इसे ‘राज्यपाल का हस्तक्षेप’ करार दिया है, जबकि विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राजभवन का समर्थन किया है। भाजपा ने ‘शिक्षा तंत्र के चरमरा जाने’ के लिए नीतीश कुमार सरकार को जिम्मेदार ठहराया है।

सत्तारूढ़ गठबंधन के घटक राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘राज्य में महागठबंधन सरकार उच्चतर शिक्षा समेत शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने की कोशिश कर रही है। राजभवन को निर्वाचित सरकार के कामकाज में दखल नहीं देना चाहिए और उन्हें ऐसे टकरावों से बचना चाहिए।’’ प्रदेश भाजपा प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा,‘‘चूंकि नीतीश कुमार राज्य की शिक्षा व्यवस्था को सुधारने में बुरी तरह विफल रहे हैं, इलसिए अब वह राज्यपाल के साथ टकराव की स्थिति पैदा कर रहे हैं जबकि राज्यपाल विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति होते हैं। मुख्यमंत्री विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों की स्वायत्तता की अनदेखी कर रहे हैं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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