पहले दिन 40 लाख से अधिक किशोरों ने ली कोविड टीके की खुराक, PM मोदी ने दी बधाई
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को 15 से 18 वर्ष के आयु वर्ग के किशोरों के लिए टीकाकरण अभियान के पहले दिन टीका लगवाने वालों और उनके परिजनों को बधाई दी और इस अभियान में अधिक से अधिक किशोरों से शामिल होने का आह्वान किया।
नयी दिल्ली/ मुंबई/ जम्मू। देश में सोमवार को 15 से 18 वर्ष के आयु वर्ग के लिए टीकाकरण अभियान के पहले दिन 40 लाख से अधिक किशोरों ने कोविड-19 रोधी टीके की अपनी पहली खुराक ली। कई लाभार्थियों और उनके माता-पिता ने कहा कि महामारी के मामलों में वृद्धि की पृष्ठभूमि वे इसका बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। आकर्षक ‘सेल्फी पॉइंट’ स्थापित करने से लेकर कल्पनाशील पोस्टर और रंगीन गुब्बारे लगाने तक, नामित टीकाकरण केंद्र, ज्यादातर स्कूल और शैक्षणिक संस्थान, युवाओं के स्वागत के लिए तैयार किए गए थे। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘शाबाश युवा भारत!टीकाकरण अभियान के पहले दिन रात आठ बजे तक 15-18 आयु वर्ग के 40 लाख से अधिक बच्चों ने कोविड-19 टीके की अपनी पहली खुराक प्राप्त की। यह भारत के टीकाकरण अभियान में एक और उपलब्धि है।’’ सोमवार की रात साढ़े आठ बजे तक के आंकड़ों के अनुसार, 15 से 18 वर्ष की आयु के 51 लाख से अधिक लाभार्थियों ने अब तक कोविन पोर्टल पर पंजीकरण कराया है। इस आयु वर्ग में अनुमानित 7.4 करोड़ बच्चे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को 15 से 18 वर्ष के आयु वर्ग के किशोरों के लिए टीकाकरण अभियान के पहले दिन टीका लगवाने वालों और उनके परिजनों को बधाई दी और इस अभियान में अधिक से अधिक किशोरों से शामिल होने का आह्वान किया।
प्रधानमंत्री ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘कोविड-19 से युवाओं को सुरक्षा प्रदान करने की दिशा में आज हमने एक महत्वपूर्ण कदम आगे बढ़ाया है। टीका लगवाने वाले 15 से 18 वर्ष के आयु वर्ग के सभी किशोरों को बधाई! उनके परिजनों को भी बधाई। मैं युवाओं से आग्रह करूंगा कि आने वाले दिनों में वह भी टीका लगवाएं।’’ हरमनजोत सिंह जैसे कई युवाओं ने कहा कि वे अपने आयु वर्ग के लिए टीके की अनुमति मिलते ही इसे लगवाने के इच्छुक थे। जम्मू में एक निजी स्कूल में 11वीं कक्षा के छात्र हरमनजोत सिंह ने कहा, “मैं टीके की अपनी खुराक पाने के लिए इस दिन का इंतजार कर रहा था, क्योंकि महामारी ने हमें पिछले लगभग दो वर्षों में ज्यादातर समय अपने घरों में रहने के लिए मजबूर किया। हम जल्द से जल्द स्कूल वापस जाना चाहते हैं।” राष्ट्रीय राजधानी में, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने आरएमएल अस्पताल में बच्चों के लिए कोविड-19 टीकाकरण स्थल का दौरा किया और कुछ लाभार्थियों के साथ बातचीत की। ज्यादातर स्कूलों से शुरू होने वाले इस अभियान के साथ, कई प्रधानाध्यापकों और अन्य अधिकारियों ने कहा कि उन्हें छात्रों और उनके परिवारों से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है। दिल्ली सरकार के एक स्कूल में अपने बेटे को टीके की खुराक दिलाने का इंतजार कर रही सविता देवी ने कहा, ‘‘जब भी स्कूल फिर से खुलते थे तो मुझे कोविड के कारण अपने बेटे को स्कूल भेजने में हिचकिचाहट होती थी। अब राहत है कि उसने टीका लगवा लिया है।’’ सत्रह वर्षीय छात्र रितेश घोष ने कहा, ‘‘इसका लंबे समय से इंतजार था। तीसरी लहर आ गयी है और यह सोचकर कि दूसरी लहर कितनी भयावह थी, हम सभी डरे हुए थे।’’ इसी तरह के विचार व्यक्त करते हुए 15 वर्षीय छात्रा रीमा दत्ता ने कहा, ‘‘हम राहत की सांस ले सकते हैं और टीके की खुराक लेने के बाद कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए घर से बाहर निकल सकते हैं। ओमीक्रोन की लहर पहले ही हमें डरा रही है।’’Today we have taken an important step forward in protecting our youth against COVID-19. Congrats to all my young friends between the age group of 15-18 who got vaccinated. Congrats to their parents as well. I would urge more youngsters to get vaccinated in the coming days!
— Narendra Modi (@narendramodi) January 3, 2022
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हालांकि, छत्तीसगढ़ के रायपुर की 17 वर्षीय दीक्षा पटेल जैसे कुछ ऐसे भी लोग थे, जिन्हें झिझक को दूर करने के लिए अपने परिवार और दोस्तों से कुछ परामर्श की आवश्यकता थी। रायपुर निवासी 17 वर्षीय दीक्षा पटेल ने आज कोविड-19 रोधी टीके की पहली खुराक ली। दीक्षा टीका लगवाने को लेकर थोड़ी घबराई हुई थी, क्योंकि उसे इसके दुष्प्रभावों को लेकर कुछ चिंताएं थीं। दीक्षा ने कहा कि टीका लगाने को लेकर उसे पहले कुछ डर लगा लेकिन परिवार और दोस्तों के समझाने के बाद उसने टीका लगवा लिया। उसने बताया कि उसके साथ उसके कई दोस्तों ने भी पहले ही दिन जेआर दानी शासकीय कन्या विद्यालय में टीका लगवाया। दीक्षा ने बताया कि रविवार को उनके कक्षा शिक्षक ने व्हाट्सएप समूह पर एक संदेश पोस्ट किया और सभी बच्चों को टीकाकरण के लिए स्कूल आने के लिए कहा। इसके बाद दीक्षा चिंतित थी क्योंकि पिछले साल अप्रैल और मई माह में कोरोना वायरस की दूसरी लहर के दौरान उसके परिवार के कई सदस्य टीका लगवाने के बाद बीमार हो गए थे। हालांकि, जब 11वीं कक्षा की छात्रा दीक्षा को उसकी मां और परिवार के अन्य सदस्यों ने समझाया और तीसरी लहर से बचाव के बारे में बताया तब उसने अपने करीबी मित्र आरती साहू और बबली ध्रुव के साथ टीका लगवाने का फैसला किया। महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने सोमवार को कहा कि राज्य सरकार ने 15 से 18 वर्ष के आयुवर्ग के बच्चों का कोविड-19 रोधी टीकाकरण शुरू करने के लिए केन्द्र सरकार को बधाई दी। साथ ही उन्होंने 12 से 15 वर्ष के आयुवर्ग के बच्चों के लिए भी टीकाकरण शुरू करने का अनुरोध किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 25 दिसंबर को तीन जनवरी से राष्ट्रव्यापी कोविड टीकाकरण कार्यक्रम में 15 से 18 आयु वर्ग को शामिल करने की घोषणा की थी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा 27 दिसंबर को जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार, इस आयु वर्ग के लिए टीके का विकल्प केवल कोवैक्सीन होगा। इस बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को उन खबरों को खारिज कर दिया, जिनमें देश में समाप्ति तिथि के बाद भी कोविड-रोधी टीके लगाए जाने का आरोप लगाया गया है। मंत्रालय ने ऐसी खबरों को फर्जी और भ्रामक करार दिया है।
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मंत्रालय ने एक बयान में कहा, मीडिया में कुछ ऐसी खबरें आई हैं कि कोविड टीकाकरण अभियान के दौरान भारत में, समाप्ति तिथि के बाद भी टीके का उपयोग किया जा रहा है। यह फर्जी और भ्रामक है तथा अधूरी जानकारी पर आधारित है। मंत्रालय की ओर से सुबह आठ बजे जारी किए गए अद्यतन आंकड़ों के अनुसार, भारत में एक दिन में कोविड-19 के 33,750 नए मामले सामने आने के बाद देश में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 3,49,22,882 हो गई है। वहीं, उपचाराधीन मरीजों की संख्या बढ़कर 1,45,582 हो गई। उत्तर प्रदेश के आगरा में 17 वर्षीय एक लड़की पूर्वी नाकर ने कहा, ‘‘मुझे टीकाकरण का कोई डर नहीं था। मैं अपने अन्य दोस्तों को जल्द से जल्द आने और खुद को टीका लगवाने के लिए प्रोत्साहित करूंगी।’’ महाराष्ट्र में भी 15 से 18 वर्ष के बच्चों का सोमवार से कोविड-19 रोधी टीकाकरण शुरू हो गया। इस दौरान पुणे में किशोरों को टीकाकरण के बाद फूल, कलम और मास्क भेंट किए गए। बृहन्मुंबई महानगरपालिका ने भी बच्चों के लिए मुफ्त टीकाकरण अभियान शुरू किया। मुंबई में, बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स (बीकेसी) में एक ‘जंबो कोविड-19’ केन्द्र में एक छात्रा को टीके की पहली खुराक देने के साथ ही इस आयुवर्ग के लिए टीकाकरण की शुरुआत की गई। महाराष्ट्र के पर्यटन एवं पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे, शहर की महापौर किशोरी पेडनेकर और बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) के आयुक्त इकबाल सिंह चहल ‘डिजिटल’ माध्यम से इस पल के साक्षी बने। बीकेसी स्थित केन्द्र में बड़ी संख्या में बच्चे टीके लगवाने पहुंचे। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, मुंबई में पिछले 15-20 दिनों से कोविड-19 के दैनिक मामलों में काफी वृद्धि दर्ज की गई है। मुंबई में रविवार को कोविड-19 के 8,063 नए मामले सामने आए थे। मुंबई में अभी तक कोविड-19 के कुल 7,99,520 मामले सामने आ चुके हैं और संक्रमण से 16,377 लोगों की मौत हुई है। बीएमसी की एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, भायखला के डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर अस्पताल के अलावा, नौ ‘जंबो कोविड-19’ केन्द्रों पर बच्चों का टीकाकरण किया जाएगा। भायखला के डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर अस्पताल में केवल रेलवे कर्मचारियों के बच्चों को टीका लगाया जाएगा। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशानिर्देश के अनुसार, इस आयुवर्ग के बच्चों को केवल कोविड-19 रोधी ‘कोवैक्सीन’ टीके की खुराक दी जाएगी। नगर निकाय ने कहा कि बीएमसी द्वारा संचालित स्कूलों के बच्चों के साथ-साथ अन्य स्कूलों के बच्चों को भी मुफ्त में टीके लगाए जाएंगे। बीएमसी ने माता-पिता से अपने बच्चों को टीके लगवाने का आह्वान किया।
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पुणे के नगर निकाय के मुख्य टीकाकरण अधिकारी डॉ. सूर्यकांत देवकर ने बताया कि पुणे में, सोमवार को 40 केन्द्रों पर इस आयुवर्ग के बच्चों का टीकाकरण शुरू हुआ। पुणे के महापौर मुरलीधर मोहोल ने शहर के 40 केन्द्रों में से एक, दालवी अस्पताल में औपचारिक रूप से विशेष अभियान की शुरुआत की। देवकर ने कहा, ‘‘ टीका लगवाने के बाद बच्चों को गुलाब के फूल, कलम और मास्क दिए गए।’’ जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने यहां एक सरकारी स्कूल से 15-18 आयु वर्ग के लाभार्थियों के लिए कोविड-19 टीकाकरण अभियान शुरू किया और केंद्र शासित प्रदेश में लक्षित 8.33 लाख आबादी का टीकाकरण एक सप्ताह में पूरा करने का विश्वास व्यक्त किया। देश के अन्य हिस्सों की तरह तमिलनाडु में भी 15 से 18 साल के आयु वर्ग के किशोरों के लिए विशेष कोविड-19 टीकाकरण अभियान शुरू हो गया। राज्य के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने एक सरकारी स्कूल में इस टीकाकरण अभियान की शुरुआत की। स्टालिन ने कोरोना वायरस के ओमीक्रोन स्वरूप के खतरे के मद्देनजर लोगों से सावधानी बरतने और कोविड-19 पर सरकार के दिशा-निर्देशों का पालन करने का आग्रह किया। उन्होंने लोगों से इस टीकाकरण अभियान में किशोरों की भागीदारी बढ़ाने की अपील की। तमिलनाडु ने एक माह के भीतर 15 साल से 18 साल के आयु वर्ग के करीब 33.46 लाख स्कूली बच्चों का टीकाकरण करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। तेलंगाना, केरल,उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, ओडिशा, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, पुडुचेरी, मध्य प्रदेश उन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में शामिल हैं, जिन्होंने सोमवार को अभियान शुरू किया। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, ‘‘हमें युद्ध स्तर पर टीकाकरण अभियान चलाना है। संकट प्रबंधन समितियों, सांसदों, विधायकों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, स्वयंसेवकों, धर्मगुरुओं, सभी से अनुरोध है कि वे बच्चों से टीकाकरण की अपील करें।’’ गुजरात में मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने राज्य की राजधानी गांधीनगर के कोबा इलाके के एक स्कूल में अभियान की शुरुआत की। दीमापुर जिला अस्पताल से अभियान की शुरुआत करते हुए नगालैंड के स्वास्थ्य मंत्री एस पांग्यु फोम ने लाभार्थियों से आगे आकर टीका लगवाने की अपील की। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सोमवार को मंडी में 15 से 18 वर्ष की आयु के किशोरों के लिए राज्य में कोविड-19 टीकाकरण अभियान की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि राज्य में 15से 18 वर्ष के लगभग 3.57 लाख युवा टीकाकरण के लिए पात्र हैं।
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