15 से 18 आयु वर्ग के वैक्सीनेशन का रजिस्ट्रेशन शुरू, यहां जानिए सारी डिटेल
कर्नाटक में 15-18 वर्ष आयुवर्ग के किशोरों के लिए टीकाकरण शुरू हो गया है।स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, पहले दिन 4,000 से अधिक सत्रों में लगभग छह लाख बच्चों को टीका लगाने की योजना है।
बेंगलुरू। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने 15-18 साल के किशोरों के लिए सोमवार को कोविड-19 टीकाकरण अभियान शुरू किया, जिसका लक्ष्य 31.75 लाख लाभार्थियों तक पहुंचना है। वर्ष 2007 में और उससे पहले पैदा हुए बच्चे केवल कोवैक्सिन टीके की खुराक लेने के पात्र होंगे। मुख्यमंत्री ने शहर के मूडापाल्या में बैरावेश्वर नगर स्थित बीबीएमपी हायर प्राइमरी और प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज में टीकाकरण अभियान का शुभारंभ किया। अन्य जिलों में, जिला प्रभारी मंत्रियों द्वारा अभियान चलाया गया, जबकि विधायकों ने तालुकों में इस अभियान का नेतृत्व किया। जिलों के उपायुक्तों ने समन्वय और क्रियान्वयन के लिए स्वास्थ्य और शिक्षा दोनों विभागों के साथ प्रारंभिक बैठक की थी। पहली खुराक के 28 दिन बाद टीके की दूसरी खुराक दी जाएगी।
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स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, पहले दिन 4,000 से अधिक सत्रों में लगभग छह लाख बच्चों को टीका लगाने की योजना है। इसने कहा है कि कोवैक्सिन की 16 लाख खुराक के मौजूदा स्टॉक के साथ, राज्य के सभी जिलों ने सूक्ष्म योजनाओं, जरूरी सामग्रियों और कर्मचारियों आदि के साथ कमर कस ली है। टीकाकरण अभियान शुरू करने के बाद बोम्मई ने कहा कि 15-18 साल के बच्चों के टीकाकरण और स्वास्थ्य की रक्षा करना महत्वपूर्ण है और सरकार ने इस अभियान को प्रभावी तरीके से लागू करने का फैसला किया है। कोरोनावायरस की संभावित तीसरी लहर को एक बड़ी चुनौती के रूप में संज्ञान लेते हुए उन्होंने कहा कि पिछले एक सप्ताह में मामले बढ़े हैं और सरकार ने इसे गंभीरता से लिया है। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘पिछले अनुभवों के आधार पर, हमें इसका अलग तरह से प्रबंधन करना होगा। वित्तीय स्थिति में सुधार को ध्यान में रखते हुए हमें कोविड प्रसार को नियंत्रित करने के लिए कड़े कदम उठाने होंगे। सरकार इस पर विचार कर रही है और इसके लिए सार्वजनिक सहयोग की भी आवश्यकता है।’’ उन्होंने आगे कहा कि पड़ोसी राज्यों में बड़ी संख्या में मामले बढ़ रहे हैं और कर्नाटक में प्रसार को नियंत्रित करने के लिए राज्य सरकार कई उपाय कर रही है, जिसमें सीमाओं पर कड़ी पाबंदी, आरटी-पीसीआर परीक्षण अनिवार्य कराना, राज्य में प्रवेश करने वालों का पूरी तरह से टीकाकरण किया जाना और उनकी पहचान करना शामिल है।
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