कश्मीरी पंडितों के दर्द पर अट्टहास लगाने वाले केजरीवाल ने अब नौकरी देने को लेकर बोला झूठ, प्रवासी शिक्षक संघ ने किया एक्सपोज
की निंदा की गई है। इसके साथ ही कहा गया कि ऐसे बयान के जरिये वो लोगों को गुमराह कर रहे हैं। केजरीवाल सरकार ने उनके नियमित होने में बाधा डालने की कोशिश की थी। इतना ही नहीं हाई कोर्ट के नियमितीकरण आदेश को केजरीवाल सरकार ने डबल बेंच में चुनौती दी थी।
वैसे तो झूठ का कोई रंग नहीं होता और इसे लाल, नीले, काले रंग में परिभाषित नहीं कर सकते। लेकिन क्या हो अगर कोई संविधानिक पद पर बैठा व्यक्ति साफगोई से झूठ बोले? उसे सफेद झूठ की श्रेणी में तो डालना लाजिमी है वो तब जब कि वो एक राज्य का चुना हुआ मुख्यमंत्री हो। दरअसल, ये हम नहीं कह रहे बल्कि इस बाबत प्रवासी शिक्षक संघ (कश्मीरी माइग्रेंट टीचर एसोसिएशन) ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को बेनकाब कर दिया है।
केजरीवाल के झूठ को शिक्षक संघ ने किया बेनकाब
प्रवासी शिक्षक संघ की ओर से बयान जारी करते हुए अरविंद केजरीवाल के बयान की निंदा की गई है। इसके साथ ही कहा गया कि ऐसे बयान के जरिये वो लोगों को गुमराह कर रहे हैं। केजरीवाल सरकार ने उनके नियमित होने में बाधा डालने की कोशिश की थी। इतना ही नहीं हाई कोर्ट के नियमितीकरण आदेश को केजरीवाल सरकार ने डबल बेंच में चुनौती दी थी। जब डबल बेंच से भी दिल्ली सरकार को निराशा हाथ लगी तो वो सुप्रीम कोर्ट तक गयी। संघ के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने 26 अक्टूबर 2018 को दिल्ली सरकार की याचिका खारिज कर दी। गौरतलब है कि ‘द कश्मीर फाइल्स’ को यूट्यूब पर अपलोड करने और विधानसभा में केजरीवाल की हंसी की चर्चा खूब हो रही है। सोशल मीडिया पर भी दिल्ली के सीएम को आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है।
दिल्ली के सीएम ने क्या दावा किया था?
बता दें कि 27 मार्च को अपने टीवी इंटरव्यू में अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि मैंने 233 कश्मीरी पंडितों को नौकरी दी है। भाजपा ने क्या किया? इसके साथ ही उन्होंने कश्मीरी पंडितों के मसले को संवेदनशील बताते हुए केंद्र के साथ मिलकर काम करने की इच्छा भी जताई। इसके साथ ही दिल्ली के सीएम ने कहा कि इस पर राजनीति बन्द होनी चाहिए।
विवेक अग्निहोत्री ने जताई हैरानी
द कश्मीर फाइल्स के निर्देशक विवेक अग्निहोत्री ने भी पूरे मामले पर हैरानी जताई है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि हे भगवान। यह बहुत शर्म की बात है कि एक चुने हुए प्रतिनिधि के सफेद झूठ को उजागर करने के लिए कश्मीरी हिंदू शिक्षकों को सामने आना पड़ता है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर झूठ बोलने पर कानून में क्या सजा है?
OMG. It’s such a shame that Kashmiri Hindu teachers have to come out and call out the white lies of an elected representative. What is the punishment in law for lying on SC judgement? https://t.co/jVX4THYK28
— Vivek Ranjan Agnihotri (@vivekagnihotri) March 28, 2022
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