एक दर्जन मंत्रियों की छुट्टी, मुस्लिम चेहरे की होगी एंट्री, मोदी कैबिनेट में बड़े बदलाव की इनसाइड स्टोरी

Modi cabinet
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अभिनय आकाश । Apr 14 2025 5:26PM

नरेंद्र मोदी के काम करने की अपनी एक शैली रही है। जब वो गुजरात के मुख्यमंत्री हुआ करते थे तब भी साल के खत्म होने के बाद मंत्रियों के काम का वार्षिक रिव्यू लेते थे। मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के एक साल पूरे होने वाले हैं।

प्रधानमंत्री मोदी अपने कैबिनेट में बड़ा बदलाव करने जा रहे हैं। कैबिनेट विस्तार का समन आ गया है। खबर तो ये भी आ रही रहै कि एक दर्जन से ज्यादा मंत्रियों की छुट्टी होने जा रही है। साथ ही ये भी बताया जा रहा है कि एक मुस्लिम शख्स को कैबिनेट में जगह दी जाएगी। अभी पूरे मंत्रिमंडल में एक भी मुस्लिम चेहरा नहीं है। नरेंद्र मोदी के काम करने की अपनी एक शैली रही है। जब वो गुजरात के मुख्यमंत्री हुआ करते थे तब भी साल के खत्म होने के बाद मंत्रियों के काम का वार्षिक रिव्यू लेते थे। मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के एक साल पूरे होने वाले हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम को लेकर अटकलें अभी भी जारी हैं और हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल से पहले संभावित मंत्रिमंडल विस्तार की तैयारी शुरू हो गई है। सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री मोदी ने अपने मंत्रियों के कामकाज की समीक्षा शुरू कर दी है। हाल ही में हुई मंत्रिस्तरीय बैठकों में जिस तरह से लंबित मुद्दों को सुलझाया गया, उससे लगता है कि मंत्रिमंडल में बदलाव की संभावना है। रिपोर्ट्स बताती हैं कि प्रधानमंत्री ने अपने मंत्रियों को उनके काम के बारे में स्पष्ट निर्देश दिए हैं। 

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बीजेपी के नए अध्यक्ष के बाद टीम मोदी में बदलाव

इस महीने संपन्न होने वाले नए भाजपा अध्यक्ष के चुनाव के बाद, प्रधानमंत्री मोदी एक नई टीम के साथ काम करना शुरू कर देंगे। अगले महीने तक, भाजपा की नई टीम का अनावरण होने की संभावना है। सरकार में संभावित बदलावों का मार्ग प्रशस्त करेगी। यह समय विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। अगले महीने प्रधानमंत्री मोदी के तीसरे कार्यकाल का एक वर्ष पूरा हो जाएगा। यह अनुमान लगाया जा रहा है कि पार्टी और सरकार दोनों में बदलाव लगभग एक ही समय पर होंगे, जो अगले चुनावी चक्र में मोदी के नेतृत्व में एक नए चरण का संकेत देगा। पीएम मोदी ने पिछले साल 9 जून को प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी, लेकिन उन्होंने अपने दूसरे कार्यकाल में मंत्रिमंडल में कोई खास बदलाव नहीं किया। अपने तीसरे कार्यकाल में अधिकांश मंत्रियों ने अपने पिछले विभागों को बरकरार रखा। स्पीकर जैसे पद भी अपरिवर्तित रहे। पहली बार, भाजपा ने नए सहयोगियों की मदद से बहुमत हासिल किया, इसलिए प्रधानमंत्री ने किसी बड़े फेरबदल पर जोर नहीं दिया। इसके विपरीत, पिछले दो कार्यकालों में, भाजपा ने अपने दम पर बहुमत हासिल किया था, जिससे सरकार बनाने के लिए बाहरी पार्टी के समर्थन की जरूरत खत्म हो गई थी। इसके बावजूद, एनडीए के सहयोगियों को सरकार में शामिल किया गया और यह सुचारू रूप से काम करती रही।

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मोदी-शाह का मिशन हिंदुत्व

मतलब साफ है कि जो बीजेपी का नया अध्यक्ष होगा उसके साथ बैठकर पीएम मोदी अलग अलग राज्यों और पार्टी संगठन के बारे में डिसाइड करेंगे और उसके बाद कई सारे मंत्रियों को बकायदा संगठन में डाला जाएगा। जो लोग इस वक्त संगठन में काम कर रहे हैं उन्हें मंत्रिमंडल में जगह दी जाएगी। मंत्रिमंडल में चेहरों को बदलने और संगठन में भी बदलाव से एक संकेत भी मिल रहा है कि उसके बाद तो अभी 6 राज्यों के चुनाव है। वक्फ बिल पास कराया गया है। पीएम मोदी ने आज अपने बयान में पहली बार साफ तौर पर कहा भी कि मौलवी-मालौनाओं के चक्कर में मुस्लिम युवा पंचर वाला हो गया है। हिंदुत्व, राष्ट्रीयता और फॉरेन पॉलिसी को लेकर एक नई स्ट्रैर्जी भी इस बदलाव के साथ आने वाली है। 

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मुस्लिम चेहरे की एंट्री

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्रीय मंत्रिमंडल में जल्द ही फेरबदल होने की संभावना है। इस फेरबदल में मुस्लिम समुदाय के एक सदस्य को शामिल करने पर विचार किया जा रहा है, खासकर पसमांदा मुस्लिम समुदाय के एक सदस्य को मंत्री पद मिल सकता है। यह निर्णय विपक्ष की इस आलोचना के जवाब में लिया जा सकता है कि मोदी मंत्रिमंडल में कोई मुस्लिम चेहरा नहीं है। पसमांदा समुदाय के एक सदस्य को मंत्री पद मिल सकता है। भाजपा में इस पद के लिए राज्यसभा सांसद गुलाम अली खटाना और पार्टी के अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी के नाम पर चर्चा चल रही है। 

इन मंत्रालय में हो सकता है बदलाव

अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, अल्पसंख्यक मामलों का मंत्रालय जो वर्तमान में किरेन रिजिजू के पास है, उसे किसी नए चेहरे को सौंपा जा सकता है। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में भी नेतृत्व परिवर्तन की उम्मीद है। इस फेरबदल का असर शहरी विकास, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस, कानून एवं न्याय, पूर्वोत्तर क्षेत्रों का विकास, कोयला एवं खान, तथा इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालयों पर भी पड़ सकता है। इसके अलावा, ‘एक व्यक्ति, एक पद के नियम को सख्ती से लागू किए जाने की संभावना है। 

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