ममता बनर्जी ने फिर उठाया सौरव गांगुली का मुद्दा, महंगाई को लेकर भी भाजपा सरकार को घेरा
अपने बयान में ममता ने कहा कि अभी गुजरात में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, गुजरात में चुनाव के कारण अमूल के दूध की कीमत में वहां बढ़ोतरी नहीं हुई है। गुजरात छोड़कर बंगाल सहित अन्य राज्यों में इसकी कीमत बढ़ाई गई।
बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष और पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली को लेकर राजनीति कम होने का नाम नहीं ले रही है। एक बार फिर से ममता बनर्जी ने सौरव गांगुली का मुद्दा उठाया है। उन्होंने साफ तौर पर आरोप लगाया कि भाजपा नीत केंद्र सरकार आईसीसी प्रमुख पद के लिए सौरव गांगुली का नामांकन नहीं भेज कर उन्हें इस प्रक्रिया से वंचित रखा है। इसके साथ ही उन्होंने इसे शर्मनाक राजनीतिक प्रतिशोध की कार्रवाई करार दिया। इसके अलावा ममता बनर्जी ने महंगाई को लेकर भी भाजपा सरकार पर निशाना साधा। ममता बनर्जी ने साफ तौर पर कहा कि गुजरात में चुनाव है इसलिए वहां दूध के दाम नहीं बढ़े बाकी अन्य राज्यों में बढ़ा दिए गए।
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अपने बयान में ममता ने कहा कि अभी गुजरात में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, गुजरात में चुनाव के कारण अमूल के दूध की कीमत में वहां बढ़ोतरी नहीं हुई है। गुजरात छोड़कर बंगाल सहित अन्य राज्यों में इसकी कीमत बढ़ाई गई। इसके साथ ही उन्होंने ऐलान किया कि 24 और 25 अक्टूबर को राज्य में काली पूजा की छुट्टी रहेगी। 30 और 31 अक्टूबर को राज्य में छठ पूजा छुट्टी रहेगी। गांगुली के मामले में अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बनर्जी ने कहा कि अगर प्रसिद्ध क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर को भी इस तरह वंचित रखा जाता तब भी वह यही बात कहतीं। उन्होंने आरोप लगाया कि गांगुली को ‘किसी और के हितों को सुरक्षित रखने के लिए’’ चुनाव लड़ने तक का मौका नहीं दिया गया।
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ममता ने सवाल किया कि उन्हें आईसीसी में क्यों नहीं भेजा गया? यह किसी के हितों को (क्रिकेट बोर्ड में) साधने के लिए किया गया। मैंने अनेक भाजपा नेताओं से बात की, लेकिन उनका नाम नहीं भेजा गया। उन्हें वंचित किया गया है। यह शर्मनाक राजनीतिक प्रतिशोध का मामला है। तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ने इस सप्ताह की शुरुआत में गांगुली को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष के रूप में दूसरा कार्यकाल नहीं मिलने पर हैरानी जताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस मामले में हस्तक्षेप का अनुरोध किया था ताकि गांगुली को आईसीसी प्रमुख के पद के लिए चुनाव लड़ने की अनुमति मिल जाए।
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