बैटरी ड्रेन और ओवरहीटिंग? हो सकता है फोन स्पाइंग का शिकार! बचने के ये हैं तरीके

Battery drain
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फोन के पुराने सॉफ्टवेयर और ऐप्स में कई सिक्योरिटी खामियां हो सकती हैं, जिनका फायदा साइबर अपराधी उठा सकते हैं। इसलिए अपने फोन के सॉफ्टवेयर और सभी ऐप्स को नियमित रूप से अपडेट करते रहें। हर महीने मिलने वाले "सिक्योरिटी पैच" को इंस्टॉल करें, जिससे फोन की सिक्योरिटी मजबूत बनी रहे।

आज के डिजिटल युग में स्मार्टफोन हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुका है। लेकिन इसके साथ ही डेटा चोरी और प्राइवेसी ब्रीच का खतरा भी बढ़ता जा रहा है। कई रिसर्च में यह साबित हुआ है कि स्मार्टफोन कैमरा, माइक्रोफोन और सर्च हिस्ट्री के जरिए हमारी जासूसी कर सकता है। कई बार हमें इसका पता भी नहीं चलता और हम साइबर हमले के शिकार बन जाते हैं। यदि आपका फोन अचानक गर्म होने लगे, बैटरी तेजी से ड्रेन हो या बिना वजह ऐप्स बैकग्राउंड में काम कर रहे हों, तो यह संकेत हो सकते हैं कि आपका फोन स्पाइंग का शिकार हो चुका है।

हालांकि, कुछ सेटिंग्स और सावधानियों को अपनाकर आप अपने स्मार्टफोन को सुरक्षित रख सकते हैं और स्पाइंग को रोक सकते हैं। आइए जानते हैं वे जरूरी कदम, जिनसे आप अपने फोन की प्राइवेसी को सुरक्षित कर सकते हैं।

1. ऐप परमिशन मैनेज करें

स्मार्टफोन में कई ऐप्लिकेशन कैमरा, माइक्रोफोन और स्टोरेज का एक्सेस मांगते हैं। कई बार हम बिना सोचे-समझे इन्हें परमिशन दे देते हैं, जिससे ये ऐप्स हमारी बातें सुन सकते हैं और डेटा चुरा सकते हैं। इसे रोकने के लिए अपने फोन की "सेटिंग्स" में जाएं और "सिक्योरिटी एंड प्राइवेसी" के ऑप्शन पर क्लिक करें। वहां से "परमिशन मैनेजर" में जाकर उन ऐप्स की लिस्ट चेक करें जिन्हें माइक्रोफोन और कैमरा एक्सेस दिया गया है। अनावश्यक परमिशन को तुरंत हटा दें।

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2. फोन का सॉफ़्टवेयर अपडेट करते रहें

फोन के पुराने सॉफ्टवेयर और ऐप्स में कई सिक्योरिटी खामियां हो सकती हैं, जिनका फायदा साइबर अपराधी उठा सकते हैं। इसलिए अपने फोन के सॉफ्टवेयर और सभी ऐप्स को नियमित रूप से अपडेट करते रहें। हर महीने मिलने वाले "सिक्योरिटी पैच" को इंस्टॉल करें, जिससे फोन की सिक्योरिटी मजबूत बनी रहे।

3. वॉइस असिस्टेंट को बंद करें

गूगल असिस्टेंट, सिरी या एलेक्सा जैसे वर्चुअल असिस्टेंट हमारी आवाज सुनकर कमांड एक्सीक्यूट करते हैं, लेकिन कई बार ये ऐप्स अनजाने में हमारी बातें रिकॉर्ड कर सकते हैं। इसलिए यदि इसकी जरूरत न हो तो इसे "सेटिंग्स" में जाकर डिसेबल कर दें। इससे वॉइस लिसनिंग का खतरा काफी हद तक कम हो जाएगा।

4. अनसिक्योर पब्लिक Wi-Fi के उपयोग से बचें

पब्लिक Wi-Fi का इस्तेमाल करना सुविधाजनक लगता है, लेकिन यह हैकिंग के लिए सबसे आसान जरिया होता है। साइबर अपराधी इन नेटवर्क्स का उपयोग कर आपके फोन में मैलवेयर भेज सकते हैं। यदि आपको पब्लिक Wi-Fi का उपयोग करना पड़े तो VPN (Virtual Private Network) का इस्तेमाल करें, जिससे आपकी ऑनलाइन गतिविधियां सुरक्षित रहें।

5. थर्ड पार्टी ऐप की निगरानी करें

अनजान वेबसाइट या थर्ड पार्टी ऐप स्टोर्स से ऐप्स डाउनलोड करने से बचें। सिर्फ Google Play Store या Apple App Store से ही ऐप्स इंस्टॉल करें। साथ ही, ऐप इंस्टॉल करने के बाद उन्हें केवल वही परमिशन दें जो जरूरी हों। गैरजरूरी एक्सेस को तुरंत ब्लॉक करें।

6. फोन को समय-समय पर रीबूट करें

कुछ मैलवेयर फोन की मेमोरी में छिपकर काम करते रहते हैं, जिससे वे बैकग्राउंड में आपकी गतिविधियों की जासूसी कर सकते हैं। इससे बचने के लिए फोन को नियमित रूप से रीबूट (Restart) करें। ऐसा करने से बैकग्राउंड में काम कर रहे अनचाहे ऐप्स बंद हो जाते हैं और फोन का सिक्योरिटी सिस्टम रीसेट हो जाता है।

स्मार्टफोन की बढ़ती उपयोगिता के साथ ही सुरक्षा से जुड़ी चिंताएं भी बढ़ रही हैं। यदि आप अपने फोन को सुरक्षित रखना चाहते हैं तो ऊपर बताए गए आसान स्टेप्स को अपनाएं। ऐप्स को एक्सेस देने से पहले सोचें, अनावश्यक फीचर्स को डिसेबल करें और हमेशा सतर्क रहें। छोटी-छोटी सावधानियां आपके निजी डेटा को सुरक्षित रखने में बड़ी भूमिका निभा सकती हैं।

- डॉ. अनिमेष शर्मा

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