भारतीय कब्जे वाला कश्मीर लिखने पर फिर विवादों में JNU, रद्द किया गया वेबिनार
जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के कुलपति एम जगदीश कुमार ने शुक्रवार को एक बयान में कहा, वेबिनार के नोटिस में कहा गया है, यह चर्चा कश्मीर में भारतीय कब्जे के लिए लिंग प्रतिरोध की एथेनोग्राफी (विभिन्न जातियों और संस्कृतियों का वैज्ञानिक विवरण) की ओर ध्यान आकर्षित करेगी।
नयी दिल्ली| जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के कुलपति एम जगदीश कुमार ने शुक्रवार को कहा कि विश्वविद्यालय ने विषय को “आपत्तिजनक एवं भड़काऊ” पाए जाने के बाद कश्मीर पर होने वाले वेबिनार को रद्द कर दिया है।उन्होंने कहा कि आयोजनकर्ताओं ने कार्यक्रम के लिए अनुमति भी नहीं ली थी। विश्वविद्यालय के ‘सेंटर फॉर वीमेंस स्टडीज’ को 2019 के बाद के कश्मीर में लैंगिक प्रतिरोध और नई चुनौतियां विषय पर कार्यक्रम की मेजबानी करनी थी।
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इस वेबिनार की वक्ता राजनीतिक मानवविज्ञानी मशहूर लेखिका, कवि और सामाजिक कार्यकर्ता अथेर जिया थीं। कुमार ने एक बयान में कहा, वेबिनार के नोटिस में कहा गया है, यह चर्चा कश्मीर में भारतीय कब्जे के लिए लिंग प्रतिरोध की एथेनोग्राफी (विभिन्न जातियों और संस्कृतियों का वैज्ञानिक विवरण) की ओर ध्यान आकर्षित करेगी।यह बेहद आपत्तिजनक और उकसाने वाला विषय है, जो हमारे देश की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता पर सवाल खड़ा करता है। उन्होंने कहा, जेएनयू इस तरह के वेबिनार के लिए मंच नहीं बन सकता। इस मामले की जांच की जा रही है।
सेंटर फॉर वीमेंस स्टडीज के फैकल्टी सदस्यों से इस मामले में तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी है। कुलपति ने कहा कि शुक्रवार रात 8:30 बजे इस तरह के वेबिनारका आयोजन कराए जाने के बारे में जानकारी मिलते ही फैकल्टी सदस्योंको तत्काल इसे रद्द करने को कहा गया।कुमार ने कहा, “कार्यक्रम तुरंत रद्द कर दिया गया और संकाय सदस्य ने इस तरह के आयोजन की योजना बनाने से पहले प्रशासन की अनुमति नहीं ली।” इस बीच, आरएसएस से संबद्ध अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की जेएनयू इकाई ने इस तरह के आयोजन के लिए केंद्र के अध्यक्ष के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
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