JNU का नाम बदलने की मांग पर बोले संजय राउत, राजनीतिक मंशा के चलते ऐसा करना सही नहीं
शिवसेना के राज्यसभा सदस्य संजय राउत ने कहा कि स्वामी विवेकानंद हमारे लिए सदैव आदर्श रहे हैं। लेकिन नाम बदलने से क्या होगा ? इसके बजाय अंतरराष्ट्रीय स्तर का एक नया बड़ा विश्वविद्यालय स्वामी विवेकानंद के नाम पर स्थापित किया जाना चाहिए।
मुम्बई। शिवसेना के राज्यसभा सदस्य संजय राउत ने मंगलवार को कहा कि शिवसेना हमेशा ही ‘हिंदुत्ववादी’ रही है एवं रहेगी और उसे इस विचारधारा के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को लेकर किसी से प्रमाणपत्र की जरूरत नहीं है। राउत ने शिवसेना के संस्थापक दिवंगत बाल ठाकरे की पुण्यतिथि पर यहां दादर में शिवाजी पार्क में उन्हें श्रद्धांजलि देने के बाद संवाददाताओं से बातचीत करते हुए यह टिप्पणी की। पिछले साल लंबे समय की अपनी सहयोगी भाजपा से नाता तोड़ने वाली शिवसेना राकांपा और कांग्रेस जैसे गठबंधन सहयोगियों के साथ मिलकर महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार चला रही है।
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राउत ने कहा, ‘‘हमारे हिंदुत्व को किसी अन्य दल के प्रमाणपत्र की जरूरत नहीं है। हम कट्टर हिंदुत्ववादी रहे हैं, आज हैं और कल भी रहेंगे....देश को जब भी उसकी जरूरत होगी, शिवसेना हिंदुत्व की तलवार के साथ सामने आ जाएगी।’’ वह भाजपा के बार-बार किये जा रहे इस दावे को लेकर पूछे गए एक सवाल का उत्तर दे रहे थे कि शिवसेना हिंदुत्व के मार्ग से भटक रही है जिसकी वकालत दिवंगत शिवसेना संस्थापक ने की थी।
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जब राउत से दिल्ली के जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय (जेएनयू) का नाम बदलकर स्वामी विवेकानंद के नाम पर करने की भाजपा नेता सी टी रवि की मांग के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘‘स्वामी विवेकानंद हमारे लिए सदैव आदर्श रहे हैं। लेकिन नाम बदलने से क्या होगा ? इसके बजाय अंतरराष्ट्रीय स्तर का एक नया बड़ा विश्वविद्यालय स्वामी विवेकानंद के नाम पर स्थापित किया जाना चाहिए।’’ शिवसेना सांसद ने कहा कि भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरु हमेशा ही ‘देश का गर्व’ रहे हैं और बस नफरत एवं राजनीतिक मंशा के चलते विश्वविद्यालय का नाम बदलना ‘सही नहीं’ होगा।
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