तमिलनाडु विधानसभा में राष्ट्रगान का अपमान! BJP बोली- राष्ट्र और संविधान विरोधी है DMK सरकार

L Murugan
ANI
अंकित सिंह । Jan 6 2025 2:54PM

भाजपा नेता ने कहा कि राज्यपाल ने यह भी कहा कि राष्ट्रगान गाया जाना चाहिए लेकिन सदन के नेता और सीएम एमके स्टालिन के साथ-साथ स्पीकर ने भी राष्ट्रगान गाने से इनकार कर दिया। यह भारत के संविधान का उल्लंघन है।

तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि पारंपरिक वार्षिक संबोधन पढ़े बिना विधानसभा से चले गए। तमिलनाडु राजभवन ने इसको लेकर दावा किया कि आज सदन में राज्यपाल के आगमन पर केवल तमिल थाई वाज़्थु गाया गया। राज्यपाल ने सदन को आदरपूर्वक याद दिलाया और राष्ट्रगान गाने की अपील की। हालाँकि, उन्होंने जिद्दी होकर मना कर दिया। संविधान और राष्ट्रगान के प्रति इस तरह के निर्लज्ज अनादर में भागीदार न बनने के लिए राज्यपाल ने गहरी पीड़ा में सदन छोड़ दिया। 

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अप इसको लेकर सियासत तेज हो गई है। भाजपा ने डीएमके के नेतृत्व वाली तमिलनाडु सरकार पर हमलावर हो गई है। केंद्रीय मंत्री एल मुरुगन ने कहा कि आज तमिलनाडु विधानसभा में जो हुआ वह हमारे लिए शर्म की बात है।' उन्होंने कहा कि द्रमुक सरकार ने एक बार फिर साबित कर दिया कि वे राष्ट्रविरोधी हैं। द्रमुक सरकार ने साबित कर दिया कि वे हमेशा संविधान विरोधी रहे हैं। भाजपा नेता ने कहा कि राज्यपाल ने यह भी कहा कि राष्ट्रगान गाया जाना चाहिए लेकिन सदन के नेता और सीएम एमके स्टालिन के साथ-साथ स्पीकर ने भी राष्ट्रगान गाने से इनकार कर दिया। यह भारत के संविधान का उल्लंघन है। द्रमुक सरकार को संविधान और डॉ. भीमराव अंबेडकर पर भरोसा नहीं है।

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वहीं, इसके जवाब में मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि राज्यपाल ने विधानसभा की परंपरा का उल्लंघन करना एक रिवाज बना लिया है और उनके कार्यों को "बचकाना" कहा है। उन्होंने विधानसभा में अपने पहले के भाषणों में राज्यपाल द्वारा छोड़े गए अंशों का जिक्र करते हुए कहा कि संविधान के अनुसार राज्य के राज्यपाल द्वारा वर्ष के आरंभ में सरकार का अभिभाषण पढ़ना विधायी लोकतंत्र की परंपरा है! उन्होंने राजभवन का उल्लंघन करना अपनी आदत बना ली है। यह बचकानी बात है कि जो राज्यपाल थे, उन्होंने जो था उसे काट दिया और जो नहीं था उसे जोड़ दिया, इस बार बिना पढ़े ही चले गए। 

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