अमेरिका में रह रहे भारतीय छात्रों को स्थानीय कानूनों का पालन करना चाहिए : विदेश मंत्रालय

Foreign Ministry
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अपनी साप्ताहिक प्रेसवार्ता में एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि अमेरिका में भारतीय दूतावास और वाणिज्य दूतावास किसी भी कठिनाई का सामना कर रहे छात्रों की मदद करेंगे।

विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि अमेरिका में रह रहे भारतीय छात्रों को स्थानीय कानूनों का पालन करना चाहिए। जॉर्जटाउन विश्वविद्यालय में एक छात्र की गिरफ्तारी और एक अन्य छात्र के कनाडा स्व-निर्वासन की घटनाओं के बाद यह टिप्पणी सामने आई है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि दोनों भारतीयों ने सहायता के लिए अमेरिका में भारतीय मिशन से संपर्क नहीं किया है। वाशिंगटन के जॉर्जटाउन विश्वविद्यालय में ‘पोस्टडॉक्टरल फेलो’ बदर खान सूरी को सोमवार रात होमलैंड सुरक्षा विभाग ने ‘‘हमास के दुष्प्रचार को सक्रिय रूप से फैलाने’’ के आरोप में हिरासत में लिया।

हालांकि, अमेरिका के एक संघीय न्यायाधीश ने सूरी को अमेरिका से निर्वासित करने पर रोक लगा दी है। सूरी के खिलाफ यह कार्रवाई कोलंबिया विश्वविद्यालय की भारतीय छात्रा रंजनी श्रीनिवासन के कथित तौर पर ‘‘हिंसा और आतंकवाद की वकालत’’ करने और हमास का समर्थन करने वाली गतिविधियों में शामिल होने के कारण वीजा रद्द होने के बाद कनाडा में स्व-निर्वासन के एक सप्ताह से भी कम समय बाद हुई है।

जायसवाल ने अपनी साप्ताहिक प्रेसवार्ता में एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि अमेरिका में भारतीय दूतावास और वाणिज्य दूतावास किसी भी कठिनाई का सामना कर रहे छात्रों की मदद करेंगे। जायसवाल ने कहा कि वीजा और आव्रजन नीति पर निर्णय संबंधित देशों का एकमात्र विशेषाधिकार है और संबंधित कानूनों का पालन किया जाना चाहिए।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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