भारत ने CIA, MI6 और रूसी NSA के साथ की अफगानिस्तान पर चर्चा, तालिबानी समस्याओं पर जताई चिंता
अनुराग गुप्ता । Sep 9 2021 1:24PM
भारत ने अमेरिका की खुफिया एजेंसी सीआईए (CIA) प्रमुख, यूके की खुफिया एजेंसी एमआई6 (MI6) प्रमुख और रूस के एनएसए से बातचीत की। इन तमाम लोगों को भारत का दौरा किया है।
नयी दिल्ली। अफगानिस्तान संकट को लेकर भारत ने अमेरिका, यूके और रूस के साथ बातचीत की है। दरअसल, अफगानिस्तान पर तालिबान ने बंदूक के दम पर कब्जा कर लिया और नई सरकार का गठन किया है। जिसमें न तो महिलाओं को और न ही अफगानियों को शामिल किया है। इसी बीच भारत ने अपने सहयोगी देशों के साथ अफगानिस्तान के भविष्य पर बातचीत की।
इसे भी पढ़ें: 9/11 की 20वीं बरसी से पहले बाइडन ने बुश, ओबामा और ट्रंप की सारी मेहनत पर फेर दिया पानी
हाल ही में भारत ने अमेरिका की खुफिया एजेंसी सीआईए (CIA) प्रमुख, यूके की खुफिया एजेंसी एमआई6 (MI6) प्रमुख और रूस के एनएसए से बातचीत की। इन तमाम लोगों को भारत का दौरा किया है। इस दौरान तालिबान के पाकिस्तान के साथ संबंध और वहां की सरकार में आईएसआई की भूमिका पर चर्चा हुई।
आतंकवाद पर हुई चर्चाप्राप्त जानकारी के मुताबिक भारत-रूस के एनएसए के बीच वार्ता में तालिबान के सत्ता पर कब्जा करने के बाद भारत, रूस और मध्य एशियाई क्षेत्र पर सुरक्षा प्रभावों पर विचार किया गया क्योंकि अफगानिस्तान में तालिबान की एंट्री के साथ ही जैश-ए-मुहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा सहित कई आतंकवादी संगठनों की मौजूदगी दर्ज हुई है।एक रूसी विवरण में कहा गया कि दोनों देशों की विशेष सेवाओं और सैन्य निकायों द्वारा संयुक्त कार्य तेज करने पर गौर किया गया तथा अवैध प्रवासन व मादक पदार्थों की तस्करी और आतंकवाद विरोधी मार्ग पर आगे बातचीत पर जोर दिया गया।इसे भी पढ़ें: अफगानिस्तान के राष्ट्रपति रहे चुके अशरफ गनी ने देश छोड़ने के फैसले का किया बचाव
क्या है अफगान की स्थिति
समझा जाता है कि सीआईए प्रमुख बर्न्स कुछ अधिकारियों के साथ भारत के दौरे पर आए और उन्होंने अमेरिका द्वारा अपने सैनिकों को वापस बुलाए जाने के बाद अफगानिस्तान की स्थिति पर मुख्य रूप से चर्चा की। उनकी यात्रा को चर्चा से दूर रखा गया।बर्न्स ने मंगलवार को डोभाल और राष्ट्रीय सुरक्षा सचिवालय के कई वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बातचीत की। हालांकि बर्न्स की यात्रा के बारे में पूछे जाने पर अमेरिकी दूतावास ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। वेट एंड वॉच का कॉन्सेप्टतालिबान को लेकर भारत ने वेट एंड वॉच वाली स्थिति को अपनाया है। अभी भारत किसी भी पहलू पर जल्दबाजी नहीं करने वाला है, केंद्र सरकार अपने लोगों को और भारत आने वाले अफगानियों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और उन्हें लाने की भी योजना बना रहा है।इसे भी पढ़ें: क्या ऑस्ट्रेलिया और अफगानिस्तान के बीच नहीं होगा टेस्ट मुकाबला ? Cricket Australia ने कही यह अहम बात
अफीम का हब बन सकता है अफगानिस्तान
अफगानिस्तान में तालिबान का राज स्थापित होने का बाद कई देशों की चिंताएं बढ़ गई हैं। उन्हें लगता है कि अफगानिस्तान अफीम का हब बन सकता है। जो आतंकवादियों की कमाई का सबसे बड़ा जरिए है। इसके जरिए आतंकवाद को बढ़ावा भी मिल सकता है। भारत ने इस मसले को उठाया कि पाकिस्तान यह भरोसा दिलाए कि अफगानी धरती का इस्तेमाल आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए नहीं होगा और न ही किसी देश के खिलाफ होगा।We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:
अन्य न्यूज़