यूपी में भाजपा ने शुरू की जातीय समीकरण को साधने की कोशिश, गठबंधन को मजबूत करने की हो रही कवायद
इतना ही नहीं, खबर यह है कि अपनी नाराजगी के बाद एनडीए से अलग होने वाले सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओपी राजभर को भी गठबंधन में लाने के लिए भाजपा की ओर से कवायद तेज कर दी गई है।
एक ओर जहां दिल्ली में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का भाजपा आलाकमान से मुलाकातों का सिलसिला जारी है तो दूसरी ओर पार्टी की ओर से उत्तर प्रदेश में सियासी समीकरण को मजबूत करने की कोशिशें तेज हो गई है। पार्टी एक बार फिर से अपने गठबंधन को मजबूत करने के लिए रणनीति के तहत आगे बढ़ रही है। यही कारण है कि पिछले दिनों अपना दल की नेता अनुप्रिया पटेल और निषाद पार्टी के प्रमुख संजय निषाद ने अमित शाह से मुलाकात की। इतना ही नहीं, खबर यह है कि अपनी नाराजगी के बाद एनडीए से अलग होने वाले सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओपी राजभर को भी गठबंधन में लाने के लिए भाजपा की ओर से कवायद तेज कर दी गई है।
इसे भी पढ़ें: दिल्ली दरबार में CM योगी, अमित शाह से की लंबी बात, पीएम मोदी और जेपी नड्डा से भी होगी मुलाकात
उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा के चुनाव होने है। इसको लेकर भाजपा अलग-अलग स्तर पर विचार विमर्श कर रही है। कुछ दिन पहले विधायकों और मंत्रियों से फीडबैक लिए गए थे। तमाम जोड़ घटाव देखने के बाद पार्टी अब जमीनी पकड़ को मजबूत करने की कवायद कर रही है। अपना दल की अनुप्रिया पटेल काफी दिनों से नाराज चल रही हैं। यही कारण है कि अमित शाह से वह मिलने पहुंचीं। पार्टी आलाकमान की ओर से उनकी नाराजगी को दूर करने का भरोसा दिया गया है। अनुप्रिया पटेल राज्य में पिछड़े वर्गों की आवाज लगातार उठाती रही हैं। अनुप्रिया पटेल वाराणसी, मिर्जापुर, प्रतापगढ़, जौनपुर जैसे जिलों में अच्छी खासी पकड़ रखती हैं। अनुप्रिया पटेल को मोदी सरकार पार्ट वन में मंत्री बनाया गया था हालांकि इस बार उन्हें अब तक मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया है।
इसे भी पढ़ें: चिकित्सक से चिकित्सा कार्य ही लेने के योगी सरकार के निर्णय से बदलेंगे हालात
निषाद पार्टी के डॉक्टर संजय निषाद ने भी अमित शाह से मुलाकात की है। उन्होंने भाजपा द्वारा किए गए वादाखिलाफी का जिक्र किया। पूर्वांचल में निषादों का अच्छा खासा वोट है। यही कारण है कि भाजपा निषाद समाज को साथ रखने के लिए संजय निषाद को अपने गठबंधन में रखना चाहती है। इससे पहले संजय निषाद ने भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री अरुण सिंह और एमएलसी अरविंद कुमार शर्मा से भी मुलाकात की है। आगे भी अमित शाह से उनकी मुलाकात का कार्यक्रम है।
इसे भी पढ़ें: उत्तर प्रदेश के मंत्रिमंडल में फेरबदल की अटकलों के बीच योगी आदित्यनाथ ने की पीएम मोदी से मुलाकात
उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में जब भाजपा की सरकार बनी तो उसमें ओमप्रकाश राजभर को भी मंत्रिमंडल में शामिल किया गया। हालांकि, वह लगातार बगावती तेवर अपनाते रहे। 2019 से पहले उन्होंने मंत्रिमंडल से इस्तीफा भी दे दिया और NDA से बाहर भी हो गए। उन्होंने इस बात का भी ऐलान कर दिया था कि आने वाले विधानसभा चुनाव में ओवैसी के साथ गठबंधन कर वह चुनावी मैदान में उतरेंगे। लेकिन भाजपा की ओर से उन्हें मनाने की कवायद शुरू हो गई है। पूर्वांचल में राजभर का अच्छा खासा वोट बैंक है। भाजपा उसे हर हाल में अपने साथ रखना चाहती है। यही कारण है कि ओपी राजभर को एक बार फिर से मनाने की कवायद शुरू की गई है। माना जा रहा है कि ओपी राजभर एक बार फिर से उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल में शामिल हो सकते हैं। इसके अलावा उनकी जो मांगे हैं उस पर भी निर्णय लिया जा सकता है। हालांकि, फिलहाल राजभर ने बीजेपी को डूबती नैया बताकर गठबंधन में शामिल होने से इनकार किया है।
अन्य न्यूज़