HMPV in India: भारत में आए HMPV के मामले सामने, नागपुर में दो केस

virus
प्रतिरूप फोटो
ANI Image
रितिका कमठान । Jan 7 2025 10:18AM

बीते कुछ दिनों में चीन में इस वायरस के मामले बढ़े है। इसके मामले सामने आने के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) एक्टिव मोड में आ गए है। सभी केंद्र मिलकर इसके मामलों पर ध्यान दे रहे है।

कोरोना वायरस के बाद अब देश में एक नया वायरस देखने को मिला है। देश में HMPV यानी ह्यूमन मेटान्यूमो वायरस के मामले लगातार बढ़ रहे है। हाल ही में नागपुर में इस वायरस के मामले सामने आए है। देश में इस वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या सात हो गई है। लगातार ये वायरस फैलता जा रहा है। 

केंद्र सरकार का कहना है कि इस वायरस के आने से देश में करना वायरस जैसी स्थिति नहीं बनेगी। गौरतलब है कि नागपुर से पहले बेंगलुरु और तमिलनाडु में दो दो मामले सामने आए है जबकि अहमदाबाद में एक मामला देखा गया है। बता दें कि नागपुर में एचएमपीवी के दो संदिग्ध मरीज़ों की पहचान की गई है। ये मरीज़ क्रमशः 13 और 7 साल के हैं। स्वास्थ्य उपसंचालक शशिकांत शंभरकर ने बताया कि इन दोनों संदिग्ध मरीजों का रिकॉर्ड जांच के लिए एम्स नागपुर भेजा जा रहा है।

स्वास्थ्य उपनिदेशक शशिकांत शंभरकर के अनुसार, "नागपुर में एचएमपीवी के दो संदिग्ध मरीज पाए गए हैं। इनमें से एक मरीज 7 साल का है और दूसरा 13 साल का है।" शंभरकर ने एएनआई को आगे बताया, "निजी अस्पताल में इन दोनों मरीजों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इन दोनों मरीजों का इलाज कर उन्हें छुट्टी दे दी गई है। इन दोनों संदिग्ध मरीजों की रिपोर्ट जांच के लिए एम्स नागपुर भेजी जा रही है।" 

स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने भी दिया बयान

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने भी इन मामले के सामने आने के बाद बयान जारी किया है। जेपी नड्डा ने सोमवार को वीडियो बयान जारी करते हुए कहा कि एचएमपीवी वायरस नया नहीं है। इस वायरस का पहला मामला वर्ष 2001 में सामने आया था। 2001 के बाद से ही ये पूरी दुनिया में फैलता रहा है। ये वायरस सांस के जरिए शरीर में जाता है और हर आयु के लोगों को संक्रमित कर सकता है। इस वायरस का असर सर्दी और बसंत ऋतु में अधिक देखने को मिलता है।

उन्होंने कहा कि बीते कुछ दिनों में चीन में इस वायरस के मामले बढ़े है। इसके मामले सामने आने के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) एक्टिव मोड में आ गए है। सभी केंद्र मिलकर इसके मामलों पर ध्यान दे रहे है।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़