Goa में पर्यटकों की कमी का झूठ फैलाने की चीनी साजिश नाकाम, आंकड़े बयां कर रहे राज्य की तरक्की की कहानी
चीन के आर्थिक सूचना केंद्र के एक संदिग्ध सर्वे को लेकर गोवा में पर्यटकों को लेकर आजकल चर्चा के बीच डेटा का जिक्र हो रहा है। भारत के पड़ोसी देश ने कथित रूप से भारत के टूरिज्म को लेकर 'साजिश' रचने का प्रयास किया गया है। सरकारी आंकड़ों के जरिए गोवा में पर्यटन की स्थिति को स्पष्ट हो जाती है।
गोवा में पर्यटकों को लेकर आजकल चीन के आर्थिक सूचना केंद्र के एक संदिग्ध सर्वे को लेकर चर्चा के बीच डेटा का जिक्र हो रहा है। भारत के पड़ोसी देश ने कथित रूप से भारत के टूरिज्म को लेकर 'साजिश' रचने का प्रयास किया गया है। ऐसे में सरकारी आंकड़ों के जरिए गोवा में पर्यटन की स्थिति को स्पष्ट हो जाती है। सोशल मीडिया पर गोवा के पर्यटन को लेकर निगेटिव नैरेटिव के साथ शेयर किए जा रहे वीडियो को एक 'साजिश' का हिस्सा माना गया। हालांकि वायरल वायरल वीडियो में तथ्यों की कमी पाई गई।
रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच रहा गोवा में पर्यटन
आधिकारिक आंकड़ों की बात करें तो साल दर साल गोवा में पर्यटकों की भीड़ बढ़ती जा रही है। गोवा में पर्यटक अब अंजुना और कैलंगुट जैसे लोकप्रिय स्थानों तक ही सीमित नहीं हैं, वे उत्तर में केरी से लेकर दक्षिण में कैनाकोना तक गोवा के छिपे हुए खजानों की खोज कर रहे हैं। होटल लगभग पूरी तरह भरे हुए हैं।
गोवा के राजस्व में लगातार हो रही बढोत्तरी
दिसंबर 2024 में गोवा के राजस्व संग्रह में भारी वृद्धि हुई थी। पिछले साल इस अवधि यानी जनवरी, 2024 में गोवा के कुल राजस्व में 75.51 करोड़ी वृद्धि दर्ज की गई थी। वहीं 2023 में इसी अवधि के दौरान 365.43 करोड़ रुपये से ज्यादा की कमाई हुई। उस वक्त 4249.34 करोड़ रुपये बढ़कर गोवा का कुल राजस्व 4614.77 करोड़ रुपये पहुंचा था।
तथ्यहीन है चीन का सर्वे
चीन आर्थिक सूचना केंद्र के एक संदिग्ध सर्वे के आंकड़ों ने एक बार फिर भारत को लेकर पड़ोसी देश की मंशा को उजागर किया है। सोशल मीडिया पर गोवा के पर्यटन को लेकर निगेटिव नैरेटिव के साथ शेयर किए जा रहे वीडियो को एक 'साजिश' का हिस्सा माना गया। हालांकि वायरल वायरल वीडियो में तथ्यों की कमी पाई गई।
जानिए जीएसटी के आंकड़े
जीएसटी के आंकड़ों के मुताबिक, गोवा की निरंतर आर्थिक सुधार और वित्तीय विकास की स्थिति बनी हुई है। दिसंबर 2024 की बात करें तो जीएसटी राजस्व में नौ महीनों के लिए 9.62% की वृद्धि देखी गई, जो कर सुधारों और आर्थिक गतिविधियों की प्रभावशीलता को दर्शाता है। इसके अलावा वैट राजस्व में भी 6.41% की वृद्धि दर्ज की गई। जीएसटी और वैट दोनों को मिलाकर कुल राजस्व वृद्धि 8.60% रही।
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