कोरोना के हल्के लक्षण है तो सीटी स्कैन करवाने की जरुरत नहीं, पहले X-Ray करवाये: AIIMS निदेशक
कोरोना वायरस का प्रकोप बहुत ज्यादा बढ़ता जा रहा है ऐसे में लोगों के अंदर काफी डर बैठ गया है। कोरोना इतना घातक हो चुका कि अगर ये बिगड़ गया तो लोगों की सांसे छीन लेता है और अगर शरीर में रहा तो शरीर को खोखला कर देता है।
कोरोना वायरस का प्रकोप बहुत ज्यादा बढ़ता जा रहा है ऐसे में लोगों के अंदर काफी डर बैठ गया है। कोरोना इतना घातक हो चुका कि अगर ये बिगड़ गया तो लोगों की सांसे छीन लेता है और अगर शरीर में रहा तो शरीर को खोखला कर देता है। कोरोना के लक्षण होने पर लोग कोरोना टेस्ट करवा रहे हैं लेकिन कई बार रिपोर्ट साफ नहीं आती। कोरोना के कारण काफी दवाब के कारण भी कई बार लोगों को घर पर ही आइसोलेशन में रहने की नसीहत दी जाती है। कोरोना शरीर के लिए कितना घातक है इससे डरे लोग रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद भी सीटी स्कैन करवा रहे हैं। सीटी स्कैन लोग अब ज्यादा मात्रा में लोग करवा रहे हैं। ऐसे में एम्स के डॉक्टर्स ने सीटी स्कैन को लेकर काफी मिथ साफ किए हैं।
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अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने सोमवार को कहा कि कोविड -19 के हल्के लक्षण वाले सभी लोगों को अनावश्यक सीटी स्कैन के लिए जाने से बचना चाहिए, सीटी स्कैन में कुछ पैच दिखाई देंगे जो बिना किसी उपचार के समाप्त हो जाएंगे। एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, रणदीप गुलेरिया ने कहा, "ऐसे अध्ययन हुए हैं जो बताते हैं कि लगभग 30-40 प्रतिशत लोग जो आइसोलेशन में हैं लेकिन कोविड सकारात्मक हैं और सीटी स्कैन करवाते हैं, उनके पास पैच भी है। उनसे यह कहना चाहते हैं कि उन्हें परेशान होने की जरुकरत नहीं हैं।
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रणदीप गुलेरिया ने कहा आगे कहा कि एक सीटी स्कैन 300-400 छाती के एक्स-रे के बराबर है और इससे बाद के जीवन में, विशेषकर युवाओं में, हानिकारक विकिरण के संपर्क में आने से कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है। अगर आपको संदेह है, तो पहले छाती का एक्स-रे करवाएँ। यदि आवश्यक हो, तो डॉक्टर उचित सलाह देंगे कि सीटी स्कैन की ज़रूरत है या नहीं।
बायोमार्कर के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा कि जिसका उपयोग यह देखने के लिए किया जाता है कि शरीर किसी बीमारी या स्थिति के इलाज के लिए कितनी अच्छी तरह से प्रतिक्रिया करता है। रणदीप गुलेरिया ने कहा, "यदि कोई हल्के लक्षणों के साथ कोविड सकारात्मक है, तो रक्त परीक्षण, सीपीसी या के लिए जाने की कोई आवश्यकता नहीं है। LDH के रूप में ये केवल एक आतंक प्रतिक्रिया पैदा करेगा। ये बायोमार्कर तीव्र चरण अभिकारक हैं जो आपके शरीर में सूजन के साथ बढ़ेंगे। "
CT-SCan and biomarkers are being misused. There is no advantage in doing CT-Scan if you have mild symptoms. One CT-Scan is equivalent to 300 chest x-rays, it's very harmful: AIIMS Director Dr. Randeep Guleria pic.twitter.com/fBX19cwRcD
— ANI (@ANI) May 3, 2021
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