Gautam Adani पर लगे आरोपों पर White House ने दी प्रतिक्रिया, कहा- संकट से निपटने में ‘विश्वास’
अमेरिकी अभियोजकों ने कहा कि गौतम अडानी और उनके भतीजे सागर अडानी सहित सात अन्य प्रतिवादियों ने 20 वर्षों में 2 बिलियन डॉलर का लाभ अर्जित करने वाले अनुबंध प्राप्त करने और भारत की सबसे बड़ी सौर ऊर्जा संयंत्र परियोजना विकसित करने के लिए भारतीय सरकारी अधिकारियों को लगभग 265 मिलियन डॉलर की रिश्वत देने पर सहमति व्यक्त की।
अमेरिकी अभियोजकों द्वारा अडानी समूह के अध्यक्ष गौतम अडानी पर कथित रिश्वतखोरी और धोखाधड़ी योजना का आरोप लगाए जाने के बाद से ही मामला लगातार गर्म बना हुआ है। इस मामले में बीजेपी कांग्रेस की ओर से कई आरोप प्रत्यारोप लगाए जा चुके है। इसी बीच व्हाइट हाउस ने भी इस मामले पर प्रतिक्रिया दे दी है।
व्हाइट हाउस ने कहा कि वह अडानी समूह के अध्यक्ष भारतीय अरबपति गौतम अडानी के खिलाफ लगे आरोपों से अवगत है, जिन पर न्यूयॉर्क में अरबों डॉलर की कथित रिश्वतखोरी और धोखाधड़ी योजना में उनकी भूमिका के लिए अभियोग लगाया गया था। अमेरिकी अभियोजकों ने कहा कि गौतम अडानी और उनके भतीजे सागर अडानी सहित सात अन्य प्रतिवादियों ने 20 वर्षों में 2 बिलियन डॉलर का लाभ अर्जित करने वाले अनुबंध प्राप्त करने और भारत की सबसे बड़ी सौर ऊर्जा संयंत्र परियोजना विकसित करने के लिए भारतीय सरकारी अधिकारियों को लगभग 265 मिलियन डॉलर की रिश्वत देने पर सहमति व्यक्त की।
अडानी समूह ने आरोपों को "निराधार" बताते हुए इनकार किया है, जबकि भारत सरकार के अधिकारियों ने अभी तक कोई टिप्पणी नहीं की है। गुरुवार को एक मीडिया ब्रीफिंग के दौरान व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरिन जीन-पियरे ने संवाददाताओं को बताया कि प्रशासन अडानी के खिलाफ आरोपों से अवगत है। व्हाइट हाउस के प्रवक्ता ने इस बात पर जोर देते हुए कि भारत और अमेरिका के बीच संबंध मजबूत आधार पर बने हैं, विश्वास जताया है कि अमेरिका गौतम अडानी के खिलाफ रिश्वतखोरी के आरोपों से जुड़े मौजूदा संकट से निपट सकता है।
"स्पष्ट रूप से, हम इन आरोपों से अवगत हैं, और मैं आपको अडानी समूह के खिलाफ इन आरोपों की बारीकियों के बारे में SEC (प्रतिभूति और विनिमय आयोग) और DOJ (न्याय विभाग) से संपर्क करने के लिए कहूँगी," करिन जीन-पियरे ने कहा। जीन-पियरे ने कहा, "मैं अमेरिका और भारत के संबंधों के बारे में यही कहूंगा कि हमारा मानना है कि यह हमारे लोगों के बीच संबंधों और वैश्विक मुद्दों की पूरी श्रृंखला में सहयोग पर आधारित एक अत्यंत मजबूत नींव पर खड़ा है।"
भारत-अमेरिका के बीच मजबूत संबंधों की वकालत करते हुए व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव ने कहा, "हमारा मानना है और हमें पूरा भरोसा है कि हम इस मुद्दे को सुलझाना जारी रखेंगे, जैसा कि हमने अन्य मुद्दों के साथ किया है, जैसा कि आपने अभी कहा है। और इसलिए इसकी बारीकियां, यह कुछ ऐसा है जिस पर एसईसी और डीओजे सीधे बात कर सकते हैं, लेकिन फिर से, हम मानते हैं कि... दोनों देशों के बीच यह रिश्ता एक मजबूत नींव पर बना है।"
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