G20 यूनिवर्सिटी कनेक्ट में बोले विदेश मंत्री, कई देश अपनी आवाज उठाने के लिए भारत पर करते हैं भरोसा
जयशंकर ने कहा कि G20 प्रेसीडेंसी दूसरों के साथ हमारी कहानी साझा करने का अवसर प्रदान करती है, विशेष रूप से वे जो हमारे कुछ अनुभवों को अपने प्रदर्शन या चुनौतियों पर स्थानांतरित कर सकते हैं।
भारत ने आज औपचारिक तौर पर जी-20 की अध्यक्षता संभाली है। इसको लेकर अलग-अलग बैठक के अगले 1 साल तक होती रहेंगी। आज विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जी-20 यूनिवर्सिटी कनेक्ट में अपना संबोधन दिया। इस दौरान उन्होंने साफ तौर पर कहा कि दुनिया के ऐसे बहुत सारे देश है जो अपनी आवाज उठाने के लिए भारत पर भरोसा करते हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हम इंधन, भोजन, उर्वरकों पर उनकी चिंताओं को व्यक्त करने में सबसे आगे भी रहते हैं। अपने बयान में विदेश मंत्री ने कहा कि बहुत अच्छे कारण हैं कि क्यों आज दुनिया हममें गहरी दिलचस्पी ले रही है।
जयशंकर ने कहा कि G20 प्रेसीडेंसी दूसरों के साथ हमारी कहानी साझा करने का अवसर प्रदान करती है, विशेष रूप से वे जो हमारे कुछ अनुभवों को अपने प्रदर्शन या चुनौतियों पर स्थानांतरित कर सकते हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यह समय है जब हमें वैश्विक दक्षिण की आवाज बनना चाहिए, जो अन्यथा ऐसे मंचों में कम प्रतिनिधित्व करता है। उन्होंने कहा कि एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका के देश अपने लिए आवाज उठाने के लिए भारत पर भरोसा करते हैं। हम ईंधन, भोजन, उर्वरकों पर उनकी चिंताओं को व्यक्त करने में सबसे आगे रहे हैं।
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विदेश मंत्री ने कहा कि G20 दुनिया की वित्तीय, आर्थिक और विकास चुनौतियों को संबोधित करने के लिए समर्पित प्रमुख समूह है। उन्होंने कहा कि इस कठिन समय में, विश्व के नेता सही मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करते हैं जो विशेष रूप से दुनिया के अधिक कमजोर वर्गों को प्रभावित करते हैं। इससे पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ट्वीट कर कहा था कि जैसा कि हम आज जी20 की अध्यक्षता कर रहे हैं, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी लिखते हैं कि यह एकता की सार्वभौमिक भावना को बढ़ावा देने के लिए काम करेगा। वह यह हाइलाइट करता है कि हमारी G20 प्राथमिकताओं को न केवल G20 भागीदारों बल्कि ग्लोबल साउथ में हमारे साथी यात्रियों के परामर्श से आकार दिया जाएगा।
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