एक देश, एक चुनाव के लिए सक्षम है निर्वाचन आयोग, CEC बोले- संविधान में बदलाव करने की होगी जरूरत

Sushil Chandra
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मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने कहा कि कोविड-19 फैल रहा था और कुछ राज्यों में सभी का वैक्सीनेशन नहीं हुआ था इसलिए चुनाव आयोग ने ये फैसला लिया कि शुरू के पहले हफ़्ते में कोई भी रैली, पदयात्रा नहीं होगी सिर्फ डिजिटल रैली और घर-घर जाकर प्रचार कर सकते हैं, वो भी सीमित संख्या में।

नयी दिल्ली। पांचों राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के रुझान सामने आना शुरू हो चुके हैं। इसी बीच मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि सभी 5 राज्यों में कोरोना नियमों और आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने के लिए लगभग 2270 एफआईआर दर्ज़ हुईं। चुनाव आयोग के लिए सभी पार्टियां बराबर हैं। 

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समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने कहा कि कोविड-19 फैल रहा था और कुछ राज्यों में सभी का वैक्सीनेशन नहीं हुआ था इसलिए चुनाव आयोग ने ये फैसला लिया कि शुरू के पहले हफ़्ते में कोई भी रैली, पदयात्रा नहीं होगी सिर्फ डिजिटल रैली और घर-घर जाकर प्रचार कर सकते हैं, वो भी सीमित संख्या में। उन्होंने कहा कि किसी भी राजनीतिक पार्टी ने इसका विरोध नहीं किया बल्कि मैं सभी राजनीतिक पार्टियों और मतदाताओं का शुक्रगुजार हूं कि उन्होंने इसे सही तरीके से समझा।

मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि सभी 5 राज्यों में कोरोना नियमों और आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने के लिए लगभग 2270 एफआईआर दर्ज़ हुईं। चुनाव आयोग के लिए सभी पार्टियां बराबर हैं और अगर कहीं पर भी आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन होगा तो चुनाव आयोग तुरंत कार्रवाई करेगा। हमने सख़्त कदम उठाएं हैं।

उन्होंने कहा कि हमने 5 राज्यों में 1900 ऐसे बूथ बनाए जो पूरी तरह महिलाओं के द्वारा आयोजित किए गए थे, ये महिलाओं का सशक्तिकरण था। महिलाएं बड़ी संख्या में भागीदारी करने आईं और इसलिए 4 राज्यों में महिलाओं का मतदान प्रतिशत पुरुषों से ज़्यादा है और पंजाब में बराबर है। 

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मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि एक देश, एक चुनाव के लिए संविधान में बदलाव करने की जरूरत होगी, संसद में इसका फैसला होना है कि ये किस तरह से हो सकता है। चुनाव आयोग इसके लिए सक्षम है, इससे 5 साल में केवल एक ही बार चुनाव होगा।

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