Prabhasakshi NewsRoom: Bangladesh Media Reports में किया गया भारतीय जमीन पर कब्जे का दावा- BSF ने दिया करारा जवाब

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बीएसएफ के बयान में कहा गया है, ‘‘भारत की एक भी इंच जमीन पर न तो कब्जा किया गया है और न ही किया जाएगा। बीएसएफ और बीजीबी दोनों ही ‘भारत-बांग्लादेश सीमा दिशानिर्देश, 1975’ के अनुसार अपने-अपने क्षेत्रों में शांतिपूर्वक अपना दबदबा बनाए हुए हैं।''

बांग्लादेश अपने भारत विरोधी अभियान को तो आगे बढ़ा ही रहा है साथ ही तमाम तरह के दुष्प्रचार भी कर रहा है। बांग्लादेशी मीडिया में एक रिपोर्ट छपवा दी गयी कि बांग्लादेशी बलों ने भारतीय जमीन पर नियंत्रण कर लिया है। इसके जवाब में भारत के सीमा सुरक्षा बल ने जो जवाब दिया है वह बांग्लादेश को हमेशा याद रहेगा। हम आपको बता दें कि बीएसएफ ने ‘बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश’ (बीजीबी) द्वारा अंतरराष्ट्रीय सीमा पर भारत की पांच किलोमीटर भूमि पर नियंत्रण करने का दावा करने वाली खबरों को ‘‘निराधार और गैरजिम्मेदाराना’’ बताते हुए इसे खारिज कर दिया है। ‘बीएसएफ साउथ बंगाल फ्रंटियर’ ने एक बयान में कहा है कि बांग्लादेशी प्रेस में छपी रिपोर्ट ‘‘सत्य नहीं’’ हैं। बीएसएफ की ओर से जारी बयान में कहा गया है, ‘‘यह क्षेत्र उत्तर 24 परगना जिले के बागदा ब्लॉक के रणघाट गांव में भारतीय सीमा में है। अंतरराष्ट्रीय सीमा (आईबी) कोडालिया नदी के साथ-साथ है, जिसे दोनों तरफ संदर्भ स्तंभों द्वारा अच्छी तरह से सीमांकित किया गया है। आईबी की स्थिति और बीएसएफ के ड्यूटी करने के तरीके में दशकों से कोई बदलाव नहीं आया है।’’

बीएसएफ ने उन दावों का भी खंडन किया कि बीजीबी कर्मियों ने 19 दिसंबर से मोटर चालित नावों और एटीवी का उपयोग करके क्षेत्र में 24 घंटे गश्त शुरू कर दी है। उन्होंने कहा, ‘‘ये रिपोर्ट मनगढ़ंत कहानियों के अलावा कुछ नहीं हैं। बीएसएफ और बीजीबी नदी के अपने-अपने किनारों पर अपने कर्तव्यों का पालन करते हैं। यह नदी आईबी के रूप में कार्य करती है।'' बीएसएफ ने कहा कि इस क्षेत्र में बाड़ नहीं है और बांग्लादेशी नागरिकों द्वारा तस्करी और घुसपैठ का खतरा रहता है। बयान में कहा गया है कि ऐसी गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए कड़े कदम उठाए गए हैं।

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बीएसएफ के बयान में कहा गया है, ‘‘भारत की एक भी इंच जमीन पर न तो कब्जा किया गया है और न ही किया जाएगा। बीएसएफ और बीजीबी दोनों ही ‘भारत-बांग्लादेश सीमा दिशानिर्देश, 1975’ के अनुसार अपने-अपने क्षेत्रों में शांतिपूर्वक अपना दबदबा बनाए हुए हैं, जिससे यह सुनिश्चित हो रहा है कि अंतरराष्ट्रीय सीमा की अखंडता बनी रहे।’’ 

बीएसएफ अधिकारियों ने इसके अलावा कहा है कि पश्चिम बंगाल के मालदा जिले में भारत-बांग्लादेश सीमा पर कंटीले तारों की बाड़ लगाने का काम बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) की आपत्ति के बाद थोड़े समय के लिए रोके जाने के बाद शांतिपूर्ण ढंग से जारी है। हम आपको बता दें कि मालदा के कालियाचक संख्या तीन ब्लॉक के सुकदेवपुर इलाके में बाड़ लगाने का काम सोमवार को कुछ समय के लिए रोक दिया गया था, क्योंकि बीजीबी ने दावा किया था कि यह काम बांग्लादेशी क्षेत्र में किया जा रहा है। हालांकि, इस मुद्दे को बातचीत के जरिए सुलझा लिया गया और मंगलवार को बिना किसी रुकावट के काम फिर से शुरू हो गया।

बीएसएफ की पूर्वी कमान के अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) रवि गांधी ने कहा, ‘‘बाड़ लगाने का काम जारी है। अब कोई समस्या नहीं है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह बीजीबी जवानों और कमांडरों के बीच जमीनी स्तर पर कुछ गलतफहमी के कारण हुआ था। अब मामला सुलझ गया है।’’ वहीं, बीएसएफ दक्षिण बंगाल के उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) नीलोत्पल कुमार पांडे ने भी कहा कि बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) ने इस मामले पर आपत्ति जताई थी। उन्होंने कहा कि बीएसएफ अधिकारियों ने बीजीबी को जवाब दे दिया है। नीलोत्पल कुमार पांडे ने उत्तर 24 परगना जिले के पेट्रापोल में संवाददाताओं से कहा, ‘‘सब कुछ शांतिपूर्ण तरीके से जारी है।’’

नीलोत्पल कुमार पांडे ने बांग्लादेशी मीडिया में आई उन खबरों को पूरी तरह से निराधार बताया, जिनमें दावा किया गया है कि बीजीबी ने जेनाइदाह के महेशपुर उपजिले में नदी के किनारे स्थित पांच किलोमीटर के सीमावर्ती क्षेत्र पर नियंत्रण कर लिया है। उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र पश्चिम बंगाल के नदिया जिले में रणघाट के सामने स्थित है। पांडे ने कहा, ‘‘वहां यथास्थिति में कोई बदलाव नहीं हुआ है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘वहां यथास्थिति पहले जैसी ही है और पूरी तरह शांति है।''

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