भारत की बड़ी कामयाबी, सूरज के L1 प्वाइंट पर पहुंचा Aditya यान, PM Modi ने वैज्ञानिकों को किया सलाम
प्रभामंडल कक्षा, एल 1 , एल 2 या एल 3 ‘लैग्रेंज प्वाइंट’ में से एक के पास एक आवधिक, त्रि-आयामी कक्षा है। इसरो के ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी-सी57) ने दो सितंबर को श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (एसडीएससी) के दूसरे प्रक्षेपण केंद्र से आदित्य-एल1 को सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया था।
देश की पहली सौर वेधशाला ‘आदित्य-एल1’ अपने गंतव्य तक पहुंच गई है। 110 दिनों की यात्रा, 15 लाख किलोमीटर की दूरी तय करने और बाद में एक सटीक कक्षा में प्रवेश के बाद, आदित्य-एल1 मिशन को अंतरिक्ष की विशालता में एक इष्टतम स्थान पर सफलतापूर्वक पार्क किया गया है, जहां से उसे सूर्य का अबाधित दृश्य दिखाई देगा। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने खबर साझा की और कहा कि भारत ने एक और उपलब्धि हासिल की है। भारत की पहली सौर वेधशाला, आदित्य-एल1 अपने गंतव्य तक पहुंच गई है। इसको लेकर उन्होंने एक एक्स पोस्ट लिखा।
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अपने पोस्ट में लिखा कि भारत ने एक और उपलब्धि हासिल की। भारत की पहली सौर वेधशाला आदित्य-एल1 अपने गंतव्य तक पहुंची। यह सबसे जटिल और पेचीदा अंतरिक्ष अभियानों को साकार करने में हमारे वैज्ञानिकों के अथक समर्पण का प्रमाण है। उन्होंने कहा कि मैं इस असाधारण उपलब्धि की सराहना करने में राष्ट्र के साथ शामिल हूं। हम मानवता के लाभ के लिए विज्ञान की नई सीमाओं को आगे बढ़ाना जारी रखेंगे। केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने ट्वीट किया कि भारत के लिए यह साल कितना शानदार रहा। पीएम मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में, टीम इसरो द्वारा लिखी गई एक और सफलता की कहानी। सूर्य-पृथ्वी कनेक्शन के रहस्यों की खोज के लिए आदित्य एल1 अपनी अंतिम कक्षा में पहुंच गया है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शनिवार को भारत के पहले सूर्य मिशन ‘आदित्य-एल1’ को उसकी गंतव्य कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित करने के लिएभारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) को बधाई दी और कहा कि इस अभियान से पूरी मानवता को लाभ होगा। मुर्मू ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘इसरो ने एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की है। भारत के पहले सूर्य मिशन ‘आदित्य-एल1’ को सफलतापूर्वक गंतव्य कक्षा में स्थापित किया गया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इस शानदार उपलब्धि के लिए पूरे भारतीय वैज्ञानिक समुदाय को बधाई। यह मिशन सूर्य-पृथ्वी प्रणाली के बारे में हमारे ज्ञान को बढ़ाएगा और पूरी मानवता को लाभान्वित करेगा।’’
गृह मंत्री अमित शाह ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘अंतरिक्ष के माध्यम से भारत की यात्रा में एक और मील का पत्थर!! हमारा पहला सौर अनुसंधान उपग्रह आदित्य-एल1 अंतरिक्ष में अपने गंतव्य तक पहुंच गया है। यह इतिहास की एक महत्वपूर्ण घटना है जो हमें विज्ञान और प्रौद्योगिकी में उत्कृष्टता के माध्यम से मानव कल्याण प्राप्त करने के हमारे सभ्यतागत लक्ष्य के करीब ले जाती है। उन्होंने कहा, ‘‘हमारे प्रतिभाशाली वैज्ञानिकों और हमारे देश के लोगों को मेरी हार्दिक बधाई।
प्रभामंडल कक्षा, एल 1 , एल 2 या एल 3 ‘लैग्रेंज प्वाइंट’ में से एक के पास एक आवधिक, त्रि-आयामी कक्षा है। इसरो के ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी-सी57) ने दो सितंबर को श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (एसडीएससी) के दूसरे प्रक्षेपण केंद्र से आदित्य-एल1 को सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया था। पीएसएलवी ने 63 मिनट और 20 सेकंड की उड़ान के बाद उसने पृथ्वी की आसपास की अंडाकार कक्षा में आदित्य-एल1 को स्थापित किया था। ‘आदित्य एल1’ को सूर्य परिमंडल के दूरस्थ अवलोकन और पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर दूर ‘एल1’ (सूर्य-पृथ्वी लैग्रेंजियन बिंदु) पर सौर वायु का वास्तविक अवलोकन करने के लिए डिजाइन किया गया है।
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अधिकारियों ने बताया कि इस मिशन का मुख्य उद्देश्य सौर वातावरण में गतिशीलता, सूर्य के परिमंडल की गर्मी, सूर्य की सतह पर सौर भूकंप या ‘कोरोनल मास इजेक्शन’ (सीएमई), सूर्य के धधकने संबंधी गतिविधियों और उनकी विशेषताओं तथा पृथ्वी के करीब अंतरिक्ष में मौसम संबंधी समस्याओं को समझना है।
Prime Minister Narendra Modi tweets, "India creates yet another landmark. India’s first solar observatory Aditya-L1 reaches it destination. It is a testament to the relentless dedication of our scientists in realising among the most complex and intricate space missions. I join… pic.twitter.com/kFpDfUWcjO
— ANI (@ANI) January 6, 2024
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