बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में शिवसेना ने लिखा संपादकीय, कही यह अहम बात

Babri mosque

शिवसेना ने कहा, “अगर बाबरी मस्जिद को गिराए जाने का मामला राम मंदिर के ‘भूमि पूजन’ से पहले खारिज हो जाता है तो यह राम जन्मभूमि आंदोलन के शहीदों को श्रद्धांजलि होगी।”

मुंबई। शिवसेना ने बुधवार को कहा कि राम मंदिर निर्माण के शिलान्यास समारोह से पहले बाबरी मस्जिद विध्वंस मामला खारिज होना राम जन्मभूमि आंदोलन के “शहीदों” को सच्ची श्रद्धांजलि होगी। शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘‘सामना” में एक संपादकीय में कहा, “जब आप स्वीकार करते हैं कि (मुगल शासक) बाबर आक्रमणकारी था तो बाबरी मामले का कोई मतलब नहीं रह जाता है।” इसमें कहा गया कि राम मंदिर पर उच्चतम न्यायालय द्वारा फैसला सुनाए जाने के बावजूद, सीबीआई ने अदालत में बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले को जारी रखा हुआ है और “राम जन्मभूमि आंदोलन के नेता” लालकृष्ण आडवाणी मामले में एक आरोपी के तौर पर पेश होते हैं। 

इसे भी पढ़ें: बाबरी मस्जिद मामले में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए आडवाणी का बयान 24 जुलाई को और जोशी का 23 जुलाई को दर्ज होगा 

शिवसेना ने कहा, “अगर बाबरी मस्जिद को गिराए जाने का मामला राम मंदिर के ‘भूमि पूजन’ से पहले खारिज हो जाता है तो यह राम जन्मभूमि आंदोलन के शहीदों को श्रद्धांजलि होगी।” इसमें कहा गया है, “जब आप मानते हैं कि बाबर आक्रमणकारी था तो बाबरी मामले का अपने आप ही कोई औचित्य नहीं रह जाता।” सोमवार को एक विशेष सीबीआई अदालत ने 1992 के बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में पूर्व उपप्रधानमंत्री आडवाणी का बयान दर्ज करने के लिए 24 जुलाई की तारीख निर्धारित की। दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 313 के तहत 92 वर्षीय भाजपा नेता का बयान वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए दर्ज किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राम मंदिर निर्माण के लिए पांच अगस्त को ‘भूमि पूजन’ के लिए अयोध्या जाने की संभावना है। 

इसे भी पढ़ें: बाबरी मस्जिद मामला: कल्याण सिंह ने कहा- कांग्रेस के इशारे पर दर्ज हुआ मुकदमा 

शिवसेना ने कहा कि जिस दिन बाबरी मस्जिद गिराई गई थी, उस दिन विश्व ने कई “योद्धाओं’ के चेहरे डर से काले पड़ते देखे थे। शिवसेना ने दावा किया, “तत्कालीन भाजपा उपाध्यक्ष सुंदर सिंह भंडारी ने कहा था कि यह हमने यह नहीं किया, यह शिवसेना का काम है।” उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना ने कहा, “इसपर, दिवंगत बालासाहेब ठाकरे ने गरजते हुए कहा था कि अगर उनके सैनिकों ने यह किया भी है, तो उन्हें उनपर गर्व है।” अयोध्या में बाबरी मस्जिद को ‘कार सेवकों’ ने छह दिसंबर, 1992 को गिरा दिया था। उनका दावा था कि प्राचीन राम मंदिर उसी स्थल पर बना हुआ था। आडवाणी और भाजपा नेता मुरली मनोहर जोशी उस वक्त राम मंदिर आंदोलन का नेतृत्व कर रहे थे।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़