नारेबाजी से नाराज ममता बनर्जी ने रेलवे के कार्यक्रम में मंच पर बैठने से इनकार किया
बनर्जी रेलवे स्टेशन पर मौजूद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कार्यकर्ताओं द्वारा ‘जय श्री राम’ का नारा लगाये जाने से असहज दिखीं। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और राज्यपाल सी. वी. आनंद बोस ने बनर्जी को शांत करने के प्रयास किए, लेकिन उन्हें कामयाबी नहीं मिली और मुख्यमंत्री मंच के सामने कुर्सी पर बैठ गईं।
हावड़ा स्टेशन पर शुक्रवार को उस समय अजीब स्थिति पैदा हो गई, जब नाराज दिख रहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रेलवे के एक कार्यक्रम में मंच पर बैठने से इनकार कर दिया। यहां से न्यू जलपाईगुड़ी के लिए वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाई गई थी। बनर्जी रेलवे स्टेशन पर मौजूद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कार्यकर्ताओं द्वारा ‘जय श्री राम’ का नारा लगाये जाने से असहज दिखीं। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और राज्यपाल सी. वी. आनंद बोस ने बनर्जी को शांत करने के प्रयास किए, लेकिन उन्हें कामयाबी नहीं मिली और मुख्यमंत्री मंच के सामने कुर्सी पर बैठ गईं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को हावड़ा और पूर्वोत्तर के प्रवेश द्वार न्यू जलपाईगुड़ी को जोड़ने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस को डिजिटल माध्यम से हरी झंडी दिखाई और विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया। बनर्जी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से कार्यक्रम में शामिल हुए प्रधानमंत्री मोदी का अभिवादन किया और उनकी मां हीराबेन की मृत्यु पर शोक व्यक्त करते हुए कहा, ‘‘आपकी मां हमारी भी मां हैं।’’ बाद में, मेट्रो रेल की सवारी के बाद, रेल मंत्री वैष्णव ने तारातला में पत्रकारों के साथ बात करते हुए इस घटना को ज्यादा तवज्जो नहीं दी।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को ‘‘आदर’’ और ‘‘सम्मान’’ के साथ आमंत्रित किया गया था। उन्होंने कहा, ‘‘ऐसी कोई बात नहीं हुई कि नाराज होने की बात हो। कार्यकर्ता नारे लगाते हैं।’’ हालांकि, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने इस तथ्य को स्वीकार नहीं किया। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेता एवं पश्चिम बंगाल की वित्त मंत्री चंद्रिमा मुखर्जी ने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से एक मुश्किल समय में अपनी गरिमा बनाए रखी, जब देश के प्रधानमंत्री मोदी अपनी मां के निधन पर शोकाकुल हैं। लेकिन भाजपा कार्यकर्ता इस मौके की गंभीरता को भूलकर उछलते-कूदते रहे और नारेबाजी करते रहे।’’ भाजपा सांसद लॉकेट चटर्जी ने भी नारेबाजी की घटना को ज्यादा तवज्जो नहीं देते हुए कहा कि इसका मतलब उन्हें (मुख्यमंत्री) चोट पहुंचाना नहीं था। यह भाजपा के समर्थकों द्वारा प्रधानमंत्री मोदी के समर्थन में सामान्य नारेबाजी थी।
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