चुनाव से पहले चाचा-भतीजा साथ-साथ, शिवपाल और अखिलेश यादव के बीच गठबंधन तय

Akhilesh Yadav met uncle Shivpal
अंकित सिंह । Dec 16 2021 5:07PM

गठबंधन नहीं होने की स्थिति में शिवपाल सिंह यादव चुनावी रथ यात्रा निकालने का प्लान कर रहे थे। इसके साथ ही शिवपाल यादव लगातार अपने समर्थकों से इस चुनाव में मजबूती से लड़ने के लिए तैयार रहने को कहा था।

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने आज अपने चाचा शिवपाल यादव से मुलाकात की है। जानकारी के मुताबिक यह मुलाकात लगभग 45 से 50 मिनट तक चली। बताया जा रहा है कि आगामी चुनाव को लेकर दोनों नेताओं के बीच चर्चा भी हुई और गठबंधन को लेकर बातचीत भी की गई। आपको बता दें कि अखिलेश यादव लगातार चुनाव से पहले छोटी पार्टियों को अपने साथ लेने की कोशिश कर रहे हैं। इसी कड़ी में शिवपाल यादव के साथ उनकी यह मुलाकात काफी मायने रखती है। यह मुलाकात ऐसे समय में हुई है जब शिवपाल यादव लगातार समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन की कोशिश कर रहे हैं। 

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गठबंधन नहीं होने की स्थिति में शिवपाल सिंह यादव चुनावी रथ यात्रा निकालने का प्लान कर रहे थे। इसके साथ ही शिवपाल यादव लगातार अपने समर्थकों से इस चुनाव में मजबूती से लड़ने के लिए तैयार रहने को कहा था। शिवपाल यादव गठबंधन को लेकर लगातार समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव को अल्टीमेटम देते रहे हैं। पहले सितंबर में और फिर नवंबर में यह अल्टीमेटम दिया गया था। हालांकि अल्टीमेटम खत्म हो जाने के बाद भी दोनों नेताओं की मुलाकात नहीं हो पाई थी। लेकिन अब जब ये दोनों नेता मिले हैं ऐसे में गठबंधन की संभावनाओं को और बल मिलने लगा है। हालांकि अखिलेश यादव पहले भी साफ कर चुके हैं कि उनकी पार्टी शिवपाल सिंह यादव के खिलाफ उम्मीदवार नहीं उतारेगी। इसके साथ ही जहां शिवपाल यादव के मजबूत उम्मीदवार चुनावी मैदान में होंगे वहां भी अपने उम्मीदवार को नहीं उतारेगी। 

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आपको बता दें कि 2017 के चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी और मुलायम सिंह यादव के परिवार में भयंकर तनाव देखने को मिला था। परिवार दो गुटों में बंट चुका था। एक ओर शिवपाल सिंह यादव थे तो दूसरी ओर तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव थे। मुलायम सिंह की स्थिति भी उस समय काफी कमजोर दिखाई दे रही थी। शिवपाल यादव समाजवादी पार्टी के बड़े नेताओं में शामिल रहे हैं जिनकी पकड़ संगठन में मजबूत रही है। अखिलेश से नाराजगी के बाद शिवपाल यादव ने 2018 में प्रगतिशील समाजवादी मोर्चा बनाने का ऐलान किया था और 2019 के लोकसभा चुनाव में अपने प्रत्याशी उतारे थे। शिवपाल यादव की पार्टी 2019 में एक भी सीट नहीं जीत सकी हो लेकिन समाजवादी पार्टी को कई सीटों पर उसने नुकसान जरूर पहुंचाया था। 

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