India's Look West Policy: मोदी का मिशन जेद्दा, मुसलमानों को जेल से छुड़ाने सऊदी अरब पहुंचे मोदी!

ऊर्जा खपत के मामले में भारत दुनिया में तीसरे नंबर पर है। ऊर्जा का सिंगल विंडो सॉल्यूशन तेल है। शांति में भी और युद्ध में भी काम आता है। तेल के सबसे बड़े भंडार मध्य पूर्व के देशों में ही हैं। फिर हमारे यहां के 70 लाख से ज्यादा नागरिक रोजी रोटी कमाने गए हैं। जो विदेशी मुद्रा भेजते हैं। तो इस पूरे इलाके के साथ अच्छे संबंध रखना भारत की प्राथमिकताओं में है। भारत मीडिल ईस्ट के तीन खिलाड़ियों से रिश्ते मजबूत रखना चाहता है।
19 फरवरी को सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान भारत पहुंचते हैं। भारत आने से एक रोज पहले ही उन्होंने पाकिस्तान का अपना दौरा खत्म कर अपने मुल्क में वापसी की थी। प्रधानमंत्री मोदी उन्हें लेने एयरपोर्ट पहुंचे प्रोटोकॉल तोड़ते हुए उन्हें गले लगाया। मोदी सरकार में गले लगाने को हगप्लोमेसी भी कहा जाता है। अब प्रधानमंत्री नरेंद्र दो दिन की यात्रा पर सऊदी अरब के जेद्दा के लिए रवाना हो गए हैं। 22 और 23 अप्रैल को दो दिनों के लिए जेद्दा में रहेंगे और क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान से मुलाकात करेंगे। मोदी की यह यात्रा पश्चिम एशिया में राजनीतिक अस्थिरता की पृष्ठभूमि में हो रही है।सऊदी में बड़ी संख्या में प्रवासी भारतीय समूह रहता है। पीएम मोदी अपनी यात्रा के दौरान जेद्दा में एक फैक्ट्री का दौरा भी करेंगे और भारतीय कामगारों से बातचीत होगी। पीएम मोदी तीसरी बार अरब के दौरे पर गए हैं जहां पीएम सऊदी अरब के साथ एनर्जी और डिफेंस सेक्टर में कई अहम समझौते कर सकते हैं। मोदी इससे पहले 2016 और 2019 में भी सऊदी अरब जा चुके हैं। मोदी यह यात्रा सलमान के निमंत्रण पर कर रहे हैं, जो सऊदी अरब के प्रधानमंत्री भी हैं। सऊदी अरब संग भारत की दोस्ती पिछले कुछ समय से और प्रगाढ़ होती जा रही है। अरब देशों की रणनीति अहमियत को समझने के लिए हमें सबसे पहले मध्य पूर्व यानी मीडिल ईस्ट चलना होगा और समझना होगा कि ये पूरा इलाका भारत के लिए क्यों और कैसे महत्वपूर्ण है।
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मीडिल ईस्ट के की-प्लेयर्स से दोस्ती
ऊर्जा खपत के मामले में भारत दुनिया में तीसरे नंबर पर है। ऊर्जा का सिंगल विंडो सॉल्यूशन तेल है। शांति में भी और युद्ध में भी काम आता है। तेल के सबसे बड़े भंडार मध्य पूर्व के देशों में ही हैं। फिर हमारे यहां के 70 लाख से ज्यादा नागरिक रोजी रोटी कमाने गए हैं। जो विदेशी मुद्रा भेजते हैं। तो इस पूरे इलाके के साथ अच्छे संबंध रखना भारत की प्राथमिकताओं में है। भारत मीडिल ईस्ट के तीन खिलाड़ियों से रिश्ते मजबूत रखना चाहता है। ईरान, इजरायल और सऊदी अरब इसलिए पीएम मोदी ने लिंक वेस्ट पॉलिसी की बात भी की थी। लेकिन तेल से इतर भी भारत के सऊदी अरब से संबंध बाकी दो खिलाड़ियों से अलग हैं।
आतंक की जड़ पर चोट
बात यहां पर आतंकवाद से लड़ने की भी है। यूं तो सभी देश आतंकवाद से लड़ने में सहयोग की बात करते हैं। लेकिन सऊदी अरब की बात अलग है क्योंकि वहां सरकार पर्दे के पीछे कई ऐसे आतंकवादी संगठनों की फंडिंग करती है जो पूरी दुनिया में उत्पात मचाते हैं। ये गुट इस्लाम की कट्टर व्याख्या की बातें करते हैं। कई आतंकी हमलों में इन गुटों का हाथ रहा है। सऊदी अरब के लिए ये मामला फॉरेन पालिसी का है। लेकिन भारत के लिए आतंकवाद का मामला है क्योंकि हम इसके शिकार देशों में से एक हैं। इसलिए भारत आंतक के खिलाफ लड़ाई में सऊदी अरब को साथ लेना चाहता है ताकी आतंक की जड़ पर चोट हो। एक पाकिस्तान वाला एंगल भी है। पाकिस्तान और सऊदी की नजदीकी किसी से छुपी नहीं है। सलमान को निशाने पाकिस्तान से सम्मानित किया जा चुका है। एक दौर में तो इमरान प्रधानमंत्री रहते हुए मोहम्मद सलमान को घुमाने के लिए खुद ड्राइवर भी बन गए थे। सऊदी पाकिस्तान को भयानक आर्थिक मदद देता है और एक प्रकार का मॉर्रल सपोर्ट भी है। एक किस्म का कनेक्श है कि अपने दोनों सुन्नी मुल्क हैं, भाई भाई है। भारत सऊदी अरब से नजदीकी बढ़ाकर एक तीर से कई निशाने साधना चाहता है।
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रक्षा सहयोग पर जोर
और रियाद ऊर्जा, रक्षा और व्यापार सहित कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा करेंगे। ग्रीन हाइड्रोजन सहित कई समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है। मोदी सलमान के साथ रणनीतिक साझेदारी परिषद की सह-अध्यक्षता करेंगे। 2019 में स्थापित एसपीसी दो ट्रैक पर काम करती है - राजनीतिक, सुरक्षा, सामाजिक और सांस्कृतिक सहयोग और अर्थव्यवस्था और निवेश। यह बैठक संभवतः इन क्षेत्रों में प्रगति को ट्रैक करेगी और द्विपक्षीय सहयोग के लिए नए लक्ष्य निर्धारित करेगी। सऊदी अरब के विजन 2030 और भारत की ‘मेक इन इंडिया’ पहल को ध्यान में रखते हुए दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग नई ऊंचाइयों पर पहुंच गया है। दोनों देशों ने जनवरी 2024 में राजस्थान में “सदा तनसीक” और “अल मोहद अल हिंदी” नौसैनिक अभ्यास सहित कई संयुक्त सैन्य अभ्यास किए हैं। भारत ने फरवरी 2024 में सऊदी अरब के साथ अपना पहला रक्षा अनुबंध किया। सऊदी अरब ने मुनिशन इंडिया लिमिटेड (एमआईएल) से आर्टिलरी गोले के लिए 225 मिलियन डॉलर का सौदा भी किया। सऊदी अरब ने नई दिल्ली से 155 मिमी एडवांस्ड टोड आर्टिलरी गन सिस्टम (एटीएजीएस) सहित रक्षा उपकरण खरीदे।
भारतीय कैदियों की रिहाई
मिसरी ने यह भी कहा कि सऊदी अरब से भारतीय कैदियों का स्थानांतरण एजेंडे में सबसे ऊपर होगा। मिसरी ने कहा कि ये कैदी दोनों देशों के बीच चर्चाओं में “सर्वोच्च प्राथमिकता” रहे हैं। विदेश में मौजूद सभी भारतीय कैदियों में से 25 प्रतिशत से अधिक सऊदी अरब में हैं। दोनों देशों के बीच कैदियों के स्थानांतरण पर कई समझौते हैं। मिसरी ने कहा कि हालांकि अभी तक किसी भी कैदी को भारत स्थानांतरित नहीं किया गया है, लेकिन इस विषय पर बातचीत जारी है। मोदी और सलमान भारत और खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) के बीच मुक्त व्यापार समझौते पर भी बातचीत करेंगे।
IMEC, हज पर चर्चा होगी
मोदी और सलमान संभवतः भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे (IMEC) पर भी चर्चा करेंगे। IMEC एक गलियारा है जिसमें भारत, सऊदी अरब, यूएई, जॉर्डन, इजरायल और यूरोपीय संघ शामिल हैं। इस गलियारे का उद्देश्य व्यापार और संपर्क बढ़ाना है। मोदी सलमान के साथ इस परियोजना, इसके संचालन और संभावित लाभों पर चर्चा कर सकते हैं। दोनों व्यक्ति आगामी हज सीजन से पहले भारत, पाकिस्तान और मिस्र सहित 14 देशों के नागरिकों के लिए नए अल्पकालिक वीजा को निलंबित करने के सऊदी अरब के फैसले पर भी चर्चा कर सकते हैं। यह कदम पिछले हज सीजन के दौरान हुई रसद संबंधी समस्याओं और भीड़भाड़ के जवाब में उठाया गया है, जब कथित तौर पर बड़ी संख्या में तीर्थयात्रियों ने गैर-हज-विशिष्ट वीजा का उपयोग करके देश में प्रवेश किया था। अधिकारियों का कहना है कि प्रतिबंध का उद्देश्य समन्वय में सुधार करना और इस वर्ष अधिक सुरक्षित और अधिक संगठित तीर्थयात्रा सुनिश्चित करना है।
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