Prabhasakshi Exclusive: Justin Trudeau की विदाई Canada Politics में क्या बदलाव लायेगी, क्या कट्टरपंथियों पर होगी कार्रवाई?

Justin Trudeau
ANI

ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के सितंबर 2023 में खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय संलिप्तता के आरोप के बाद से नई दिल्ली और ओटावा के बीच तनाव बढ़ा है।

प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क के खास कार्यक्रम शौर्य पथ में इस सप्ताह हमने ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) से जानना चाहा कि कनाडा के प्रधानमंत्री पद से जस्टिन ट्रूडो का इस्तीफा भारत के लिए क्या मायने रखता है? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि जस्टिन ट्रूडो के कनाडा के प्रधानमंत्री पद से हटने के साथ उस देश का राजनीतिक भविष्य एक चौराहे पर आ गया है। उन्होंने कहा कि ट्रूडो का इस्तीफा उनकी मनमानी नीतियों वाले लगभग एक दशक पुराने कार्यकाल के अंत का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि कनाडा की नई सरकार नीतिगत बदलावों के साथ-साथ आव्रजन प्रणाली में आमूल-चूल सुधार करेगी। उन्होंने कहा कि ट्रूडो के इस्तीफे पर भारतीय कनाडाई लोगों की प्रतिक्रिया दर्शा रही है कि सब इस पल के इंतजार में थे।

ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि जस्टिन ट्रूडो सरकार की नीतियां आर्थिक झटकों के प्रभाव से लोगों को बचाने में विफल रही हैं। उन्होंने कहा कि साथ ही ट्रूडो की आप्रवासन नीतियों की भी खूब आलोचना हुई। उन्होंने कहा कि ट्रूडो का इस्तीफा भारत-कनाडा संबंधों के भविष्य पर भी सवाल उठाता है, जो ऐतिहासिक निचले स्तर पर पहुंच गए हैं। उन्होंने कहा कि इस स्थिति से कनाडा में रह रहे भारतीय मूल के लोग और भारत में रह रहे उनके परिजन बेहद चिंतित हैं। उन्होंने कहा कि कनाडा में जल्द ही चुनाव होने वाले हैं और अभी जो नया प्रधानमंत्री बनेगा वह अंतरिम सरकार चलायेगा इसलिए वह कोई बड़ा बदलाव ले आयेगा इसकी संभावना नहीं है। उन्होंने कहा कि लेकिन ट्रूडो के जाने से उम्मीद है कि खालिस्तानी तत्व जो वहां राजनीतिक समर्थन हासिल कर रहे थे उस पर अब कुछ लगाम लग सकती है।

इसे भी पढ़ें: Prabhasakshi Exclusive: Brahmaputra पर बांध नहीं भारत के लिए Water Bomb बनाने जा रहा है China

ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि ट्रूडो के सितंबर 2023 में खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय संलिप्तता के आरोप के बाद से नई दिल्ली और ओटावा के बीच तनाव बढ़ा है। उन्होंने कहा कि भारत ने आरोप को "बेतुका" बताते हुए खारिज कर दिया था। उन्होंने कहा कि साथ ही ट्रूडो के इस दावे की कि भारत आपराधिक गतिविधियों को प्रायोजित करता है, घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तीखी आलोचना हुई है। उन्होंने कहा कि वहां की सत्तारुढ़ पार्टी के भी कई नेताओं ने समय-समय पर ट्रूडो सरकार के भारत विरोधी रुख पर आपत्ति जताई थी लेकिन कनाडा के प्रधानमंत्री ने उनको तवज्जो नहीं दी और फाइव आइज देशों को भी भारत के विरुद्ध खड़ा करने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि ना तो ट्रूडो फाइव आइज का साथ ले पाये ना ही उन्हें अपने दल का पूर्ण समर्थन मिल पाया और आखिरकार वह घड़ी आ गयी जब उन्हें प्रधानमंत्री और पार्टी नेता पद से अपने इस्तीफे का ऐलान करना पड़ा।

ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि नई सरकार को कई मामलों में सुधार करने की जरूरत है लेकिन इसकी शुरुआत उसे अपने घर से करनी होगी। उन्होंने कहा कि यह साबित हो चुका है कि खालिस्तानी तत्वों को समर्थन देकर और उनका समर्थन लेकर जस्टिन ट्रूडो अपने आप को भस्मासुर साबित कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि इसके अलावा अमेरिका के राष्ट्रपति पद को संभालने जा रहे डोनाल्ड ट्रंप ने जिस तरह कनाडा को चेतावनियां दी हैं उसके चलते भी जस्टिन ट्रूडो सरकार के दिन लद गये थे। उन्होंने कहा कि अमेरिका और कनाडा के संबंध हमेशा से बहुत शानदार रहे हैं लेकिन ट्रूडो की नीतियों के चलते यह खराब होते गये।

ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि वह कनाडा को अमेरिका का भाग बनाने के लिए ‘‘आर्थिक बल’’ का प्रयोग करेंगे। उन्होंने कहा कि फ्लोरिडा के ‘मार-ए-लागो’ में पत्रकारों ने जब उनसे पूछा कि क्या वह कनाडा को देश के अधीन करने और उसे हासिल करने के लिए सैन्य बल का इस्तेमाल करने पर विचार कर रहे हैं, तो इस पर ट्रंप ने कहा, ‘‘नहीं।’’ उन्होंने कहा कि पिछले कुछ हफ्तों से ट्रंप ने जोर देकर कहा है कि वह कनाडा को अमेरिका का हिस्सा और उसका 51वां राज्य बनाना चाहते हैं। कई बार वे ट्रूडो का मजाक उड़ाते हुए उन्हें कनाडा का गवर्नर कह चुके हैं। उन्होंने कहा कि ट्रंप ने कहा है कि मैं आर्थिक बल का उपयोग करूंगा क्योंकि कनाडा और अमेरिका के लिए यह वास्तव में एक बड़ी बात होगी। आप उस कृत्रिम रूप से खींची गई रेखा से छुटकारा पा सकते हैं और आप देख सकते हैं कि यह कैसी दिखती है। यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी बहुत बेहतर होगा। मत भूलिए, हम मूल रूप से कनाडा की रक्षा करते हैं। उन्होंने कहा कि ट्रंप ने कहा है कि वह कनाडा के लोगों से प्यार करते हैं, लेकिन अमेरिका अब कनाडा को वित्तीय सहायता नहीं दे सकता। उन्होंने कहा कि ट्रंप ने कहा है कि कनाडा के लोग हमें जो लाखों कारें भेजते हैं उससे वे बहुत पैसा कमाते हैं। वे हमें बहुत सी अन्य चीजें भेजते हैं जिनकी हमें जरूरत नहीं है। हमें उनकी कारों की जरूरत नहीं है और हमें अन्य उत्पादों की भी जरूरत नहीं है। हमें उनके दूध की जरूरत नहीं है। हमारे पास बहुत सारा दूध है। हमारे पास बहुत सारी चीजें हैं और हमें इनमें से किसी की भी जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि ट्रंप के इस बयान से भी कनाडा के लोगों में दहशत पैदा हुई है कि यदि अमेरिका ने सामान खरीदना बंद कर दिया तो वहां के उद्योगों का क्या होगा। उन्होंने कहा कि कनाडा में महंगाई और बेरोजगार पहले ही चरम पर है और अमेरिका से बिगड़ते रिश्तों के चलते स्थिति के और बिगड़ने के आसार हैं। उन्होंने कहा कि जिस तरह सारी स्थितियों को ट्रूडो संभालने में विफल रहे उसके चलते उनकी लोकप्रियता निचले स्तर पर पहुँच गयी थी और वह एक और चुनाव में नेतृत्व करने का जोखिम उठाने की स्थिति में नहीं थे इसलिए उन्होंने पद छोड़ दिया।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़