सत्ता साझेदारी पर मेरे, आलाकमान और मुख्यमंत्री के अलावा किसी के बयान का कोई महत्व नहीं:शिवकुमार
सत्ता साझेदारी को लेकर पार्टी नेताओं द्वारा दिए जा रहे अलग-अलग बयानों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘कोई बयान नहीं, कुछ भी नहीं... किसी भी बयान का कोई महत्व नहीं है।
कर्नाटक में सत्तारूढ़ कांग्रेस के भीतर नेतृत्व परिवर्तन और सत्ता साझेदारी को लेकर चल रही चर्चा को तवज्जो न देते हुएउपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने बुधवार को कहा कि इस मामले पर अन्य लोग क्या कहते हैं, इसका कोई महत्व नहीं है, बल्कि जरूरी यह है कि वह क्या कहते हैं, पार्टी आलाकमान या मुख्यमंत्री क्या कहते हैं।
कांग्रेस की प्रदेश इकाई में ‘डिनर पॉलिटिक्स’ के बीच शिवकुमार ने पार्टी में किसी भी तरह के मतभेद से इनकार करने की कोशिश की। उपमुख्यमंत्री पार्टी की राज्य इकाई के अध्यक्ष भी हैं।
उनकी यह टिप्पणी मुख्यमंत्री सिद्धरमैया द्वारा हाल ही में मंत्रिमंडल के दलित और अनुसूचित जनजाति के चुनिंदा सहयोगियों के साथ रात्रिभोज करने के बाद आई है, जिससे मार्च के बाद राज्य में संभावित बदलाव की अटकलों के बीच कांग्रेस के भीतर हलचल मच गई है।
अंदाजा लगाया जा रहा है कि राज्य में ‘सत्ता-साझेदारी’ या फिर बारी-बारी से मुख्यमंत्री नियुक्त करने का नुस्खा अपनाया जाएगा। शिवकुमार ने एक सवाल के जवाब में पत्रकारों से कहा, ‘‘आपके बीच मतभेद हो सकते हैं, हमारे बीच कोई मतभेद नहीं है। किसने कहा कि मतभेद हैं? कोई मतभेद नहीं है।’’
सत्ता साझेदारी को लेकर पार्टी नेताओं द्वारा दिए जा रहे अलग-अलग बयानों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘कोई बयान नहीं, कुछ भी नहीं... किसी भी बयान का कोई महत्व नहीं है। मैं यहां पार्टी अध्यक्ष के तौर पर जो बोलता हूं और मुख्यमंत्री या आलाकमान जो कहता है, केवल उसका ही महत्व है।
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