India Canda Relations Part 5 | कनाडा मीडिया ने क्यों ट्रूडो की खूब उड़ाई खिल्लियां | Teh Tak
जस्टिन ट्रूडो अपने सीसी 150 पोलारिस विमान, जिसे 'फ्लाइंग ताज महल' भी कहा जाता है पर जी20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए शुक्रवार को अपने 16 वर्षीय बेटे जेवियर के साथ नई दिल्ली पहुंचे थे।
सितंबर 2023 में भारत ने जी20 सम्मेलन की मेजबानी कर देश-दुनिया में सुर्खियां बटोरी। लेकिन कनाडाई प्रधानमंत्री के लिए जी-20 शिखर सम्मेलन ज्यादा रास नहीं आया। भारत और विश्व नेताओं की तरफ से भी उन्हें ज्यादा तवज्यों नहीं मिली। जी20 समिट में शामिल होने आए कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो का विमान खराब हो गया। इसकी वजह से वो 3 दिनों तक भारत में रुके रहे। उन्हें कनाडा के लिए रवाना होना था। लेकिन विमान में आई खराबी के कारण उन्हें रुकना पड़ा। इसके साथ ही उनकी यात्रा जो उतार-चढ़ाव भरी और अशांत रही जिसे भारत सरकार से आलोचना मिली। फिर, एक प्रतिस्थापन विमान लाए जाने के बाद कनाडाई प्रधानमंत्री रवाना हो दए। ट्रूडो के लिए क्या गलत हुआ? कनाडाई पीएम के लिए यह यात्रा इतनी कठिन क्यों रही? यह उनकी 2018 की यात्रा की याद क्यों दिलाता है, जिसमें उतार-चढ़ाव और विवाद भी थे?
ट्रूडो का विमान नहीं उड़ सका
जस्टिन ट्रूडो अपने सीसी 150 पोलारिस विमान, जिसे 'फ्लाइंग ताज महल' भी कहा जाता है पर जी20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए शुक्रवार को अपने 16 वर्षीय बेटे जेवियर के साथ नई दिल्ली पहुंचे थे। ट्रूडो और उनके प्रतिनिधिमंडल को 10 सितंबर रात 8 बजे दिल्ली से रवाना होना था, लेकिन उनके विमान में तकनीकी खराबी आ गई, जिससे उन्हें अधिक समय तक रुकने के लिए मजबूर होना पड़ा। कनाडा के राष्ट्रीय रक्षा विभाग ने बाद में पुष्टि की कि पहला विमान एक रॉयल कैनेडियन एयर फ़ोर्स (RCAF) CC-150 पोलारिस जिसका टेल नंबर '01' है को एक "रखरखाव समस्या" का सामना करना पड़ा। इसके बाद, 51 वर्षीय कनाडाई नेता को वापस लाने के लिए एक विमान CF002 को यूनाइटेड किंगडम से भारत की ओर मोड़ दिया गया।
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ट्रूडो का G20 गलती-20 में बदल गया
ट्रूडो के विमान में खराबी आने के कारण उन्हें भारत में अपने प्रवास की अवधि बढ़ाने के लिए मजबूर होना पड़ा, यह राजधानी में उनके अशांत प्रवास का एक हिस्सा है। उनका G20 अनुभव बहुत अच्छा नहीं रहा है। शिखर सम्मेलन में ही, मीडिया ने बताया कि न केवल भारत ने, बल्कि अन्य विश्व नेताओं ने भी उनकी उपेक्षा की थी। वह शनिवार को जी20 नेताओं के रात्रिभोज में भी शामिल नहीं हुए, कनाडाई प्रधान मंत्री कार्यालय ने इसका कारण बताने से इनकार कर दिया। यदि यह एक अजीब यात्रा नहीं थी, तो द्विपक्षीय वार्ता के लिए ट्रूडो के अनुरोध को भी भारत ने अस्वीकार कर दिया।
2018 में क्या हुआ था
ट्रूडो का भारत दौरा हमेशा विवादों में घिरा रहा है। उनकी जी20 शिखर यात्रा उनकी 2018 की यात्रा की यादें ताजा करा गई थी। एक राजनयिक आपदा बन गई थी। उसी वर्ष फरवरी में ट्रूडो के आठ दिवसीय अभियान की टिप्पणीकारों द्वारा आलोचना की गई थी। इस यात्रा ने कई लोगों की भौंहें चढ़ा दीं क्योंकि यह दिल्ली के विभिन्न स्थलों पर पारिवारिक सैर के साथ शुरू हुई और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय बातचीत के साथ समाप्त हुई। कई लोगों ने सवाल उठाया कि उनकी आठ दिवसीय यात्रा में नई दिल्ली में सिर्फ आधे दिन की आधिकारिक व्यस्तता क्यों शामिल थी। साथ ही, पारंपरिक भारतीय पोशाकें पहनने के उनके फैसले को कई लोगों ने अतिशयोक्तिपूर्ण और अनुचित माना।
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