भगवान शिव को क्यों प्रिय है सावन का महीना, जानिए इसका महत्व

Lord Shiva
Creative Commons licenses

ऐसा माना जाता है कि भगवान भोलेनाथ अवघड़ दानी हैं, और उनको प्रसन्न करना बेहद सरल है, तो क्यों ना सावन महीने के सोमवार को आप भी व्रत रहें, और अपने भक्ति भाव से भगवान शंकर को प्रसन्न करके पुण्य लाभ अर्जित करें।

सावन के महीने की महत्ता बहुत ही ज्यादा मानी जाती है, क्योंकि यह महीना भगवान शिव को काफी प्रिय रहा है। सावन के महीने की एक खास बात यह है, कि इस महीने में हर तरफ मौसम सुहावना और रिमझिम सी बरसात और हरियाली लोगों का मन मोह लेती है। 

पर क्या आपको पता है कि सावन के महीने को भगवान शंकर का महीना भी कहा जाता है। इस महीने में कांवड़ जाने वाले व्यक्ति भगवान शंकर पर जल चढ़ाने जाते हैं। 

इसे भी पढ़ें: सावन के पहले सोमवार पर बन रहे हैं ये शुभ योग, ये उपाय करने से मिलेगा मनवांछित वर

प्रत्येक वर्ष इसकी तिथि आगे पीछे होती रहती है, और इस साल 2022 में 14 जुलाई से सावन मास की शुरुआत हो गई है। सावन का पहला सोमवार जिसका काफी महत्व है। जैसा कि हम सबको पता है कि सावन रक्षाबंधन तक चलता है, और 11 अगस्त गुरुवार को रक्षाबंधन पड़ रहा है। 

इसी दिन सावन का महीना भी समाप्त होगा। आप यह जानकर आश्चर्य करेंगे कि दक्षिण भारत में और उत्तर भारत के श्रावण मास में अंतर है। दक्षिण भारत का सावन देर से शुरू होता है।

इसको और विशेष रूप में देखा जाए तो आषाढ़ महीने के शुक्ल पक्ष के समाप्त होने के बाद सावन महीना शुरू होता है, क्योंकि वर्षा ऋतु सावन के पहले से ही शुरू होती है, अर्थात आषाढ़ माह से ही शुरू हो गई होती है। 

शुक्ल पक्ष की एकादशी को देव शयनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है, और चतुर्मास का प्रारंभ भी इस दिन से ही होता है। चातुर्मास भगवान की साधना व्रत इत्यादि के लिए बेहद महत्वपूर्ण माने जाते हैं, और चतुर्मास में श्रावण, भाद्रपद, आश्विन और कार्तिक ने 4 महीने आते हैं।

इसे भी पढ़ें: Sawan Somwar: शिव जी को प्रसन्न करने के लिए करें इन मंत्रों का जाप, भोलेनाथ दूर करेंगे हर कष्ट

भगवान शंकर से इसके संबंध की बात करें, तो माता पार्वती द्वारा दूसरे जन्म में भगवान शंकर को प्राप्त करने हेतु, अपनी युवावस्था से ही श्रावण महीने में पूर्ण निराहार रहकर कठोर व्रत करने का प्रसंग आता है। उनका व्रत इतना कठोर था, कि भगवान शंकर के लाख परीक्षा के बावजूद सती के आगे उन्हें हार स्वीकार करनी पड़ी, और दोनों का विवाह संपन्न हुआ। श्रावण माह 'श्रवण' से बना है, जिसका शाब्दिक अर्थ सुनना होता है। 

इस महीने में धर्म को और आध्यात्मिकता को सुनना और समझना शामिल है। अर्थात इस महीने में व्रत और त्योहार का महत्व अपने आप ही बढ़ जाता है। सावन के महीने में आपको निराहारी अथवा फलाहारी बने रहने की बात कही गई है। सावन के महीने में शास्त्र के अनुसार व्रतों का पालन करते हुए आपको मनमर्जी से बचना चाहिए।

इसे भी पढ़ें: सावन में करें भगवान शिव का रुद्राभिषेक और पाएं ग्रह बाधाओं से मुक्ति

सावन के महीने में आने वाले सोमवारों की बात करें, तो 14 जुलाई को सावन मास का पहला दिन पड़ रहा है, तो श्रावण मास का पहला सोमवार 18 जुलाई को पड़ रहा है। दूसरा, सोमवार 25 जुलाई को, तो तीसरा, सावन का सोमवार 1 अगस्त को पड़ रहा है। चौथा, श्रावण सोमवार 8 अगस्त को, तो श्रावण मास का अंतिम दिन 12 अगस्त को पड़ रहा है।

ऐसा माना जाता है कि भगवान भोलेनाथ अवघड़ दानी हैं, और उनको प्रसन्न करना बेहद सरल है, तो क्यों ना सावन महीने के सोमवार को आप भी व्रत रहें, और अपने भक्ति भाव से भगवान शंकर को प्रसन्न करके पुण्य लाभ अर्जित करें।

- विंध्यवासिनी सिंह

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़