EPFO ने बढ़ाया PF पर ब्याज, जानिए आपको कितना मिलेगा फायदा

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सरकार ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए कर्मचारी भविष्य निधि योजना के तहत 8.15 प्रतिशत की दर से ब्याज की मंजूरी दे दी है। एक आधिकारिक आदेश के अनुसार ईपीएफओ ने सभी कार्यालयों को 2022-23 के लिए ईपीएफ पर 8.15 प्रतिशत की दर से ब्याज सदस्यों के खातों में जमा करने के लिए कहा है।

बहुत लंबे समय से कर्मचारी भविष्य निधि भारत में वेतनभोगी वर्ग द्वारा सबसे अधिक उपयोग की जाने वाली निवेश योजनाओं में से एक रही है। कर्मचारी भविष्य निधि योजना भारत सरकार की देखरेख में शुरू की गई थी। यह योजना 1952 में कर्मचारी भविष्य निधि अधिनियम के साथ शुरू की गई थी। इसका प्रबंधन कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (Employees’ Provident Fund Organisation- EPFO) द्वारा किया जाता है। सरकार ने इस योजना में योगदान अनिवार्य कर दिया है। 

चूंकि इस योजना का प्रबंधन सरकार द्वारा किया जाता है, इसलिए इसे एक सुरक्षित निवेश माना जाता है। योजना का प्राथमिक उद्देश्य किसी व्यक्ति के लिए सेवानिवृत्ति कोष बनाना है। इसके अलावा इसमें बहुत सारे लाभ हैं जो इसे सेवानिवृत्ति के लिए एक आकर्षक बचत विकल्प बनाता है। 

ईपीएफ ब्याज दर 2023

सरकार ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए कर्मचारी भविष्य निधि योजना के तहत 8.15 प्रतिशत की दर से ब्याज की मंजूरी दे दी है। एक आधिकारिक आदेश के अनुसार ईपीएफओ ने सभी कार्यालयों को 2022-23 के लिए ईपीएफ पर 8.15 प्रतिशत की दर से ब्याज सदस्यों के खातों में जमा करने के लिए कहा है। 

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केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्रालय ने कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) योजना के लिए 8.15 प्रतिशत की ब्याज दर को मंजूरी दे दी है। केंद्र सरकार द्वारा दी गई मंजूरी यह सुनिश्चित करती है कि ईपीएफ योजना के प्रत्येक सदस्य को वर्ष 2022-23 के लिए प्रति वर्ष 8.15 प्रतिशत का जमा ब्याज मिलेगा। वित्त मंत्रालय की मंजूरी के बाद ब्याज दर को आधिकारिक तौर पर सरकारी राजपत्र में अधिसूचित किया जाता है और ईपीएफओ इस दर को अपने ग्राहकों के खातों में जमा करता है। ईपीएफ योगदान मासिक रूप से जमा किया जाता है और ब्याज की गणना उसी के अनुसार की जाती है।

आप ईपीएफ ब्याज दर कब जमा होने की उम्मीद कर सकते हैं? 

हालांकि ईपीएफ खाते में ब्याज की गणना मासिक आधार पर की जाती है, लेकिन इसे वित्तीय वर्ष के अंत में जमा किया जाता है। हस्तांतरित ब्याज को अगले महीने की शेष राशि में जोड़ा जाता है और फिर उस महीने की शेष राशि पर ब्याज की गणना करने के लिए इसे संयोजित किया जाता है। वित्तीय वर्ष के अंत में वर्ष के लिए कुल ब्याज जमा किया जाता है।

ईपीएफ ब्याज दर गणना कैसे करें?

नियम के अनुसार ईपीएफ ब्याज की गणना मासिक शेष राशि को जोड़कर, उसे ब्याज दर से गुणा करके और 1,200 से विभाजित करके की जाती है।

कर्मचारी और नियोक्ता द्वारा ईपीएफ योगदान 

ईपीएफ योगदान दो भागों से बना है- नियोक्ता का योगदान और कर्मचारी का योगदान। पीएफ में कर्मचारी का योगदान उसके कर्मचारी भविष्य निधि खाते में मूल वेतन और महंगाई भत्ते का 12% होता है। यदि प्रतिष्ठान में 20 से कम कर्मचारी हैं तो कर्मचारियों को 10% का कम योगदान देना होगा। दूसरी ओर पीएफ में नियोक्ता के योगदान के लिए 8.33% कर्मचारी पेंशन योजना के लिए है। जबकि कर्मचारी के कर्मचारी भविष्य निधि खाते में 3.67% जोड़ा जाता है। इसके अलावा नियोक्ता को कर्मचारी के कर्मचारी जमा लिंक्ड बीमा (ईडीएलआई) खाते में 0.50% का योगदान भी देना होता है। न्यूनतम प्रशासनिक शुल्क ₹500 है। यदि किसी विशेष महीने के लिए कोई योगदान नहीं किया जाता है तो नियोक्ता को उस महीने के लिए ₹75 का शुल्क देना होगा। 

ईपीएफ के अंशदान की गणना कैसे करें? 

आइए एक उदाहरण की मदद से समझें कि कर्मचारी भविष्य निधि पर योगदान की गणना कैसे करें। मान लीजिए कि आपको मूल वेतन और महंगाई भत्ता ₹40,000 मिलता है। नीचे दी गई तालिका आपको कर्मचारी भविष्य निधि में योगदान को समझने में मदद कर सकती  है।

- कर्मचारी भविष्य निधि (ए) के लिए कर्मचारी का योगदान- ₹4,800 (₹40,000 का 12%) 

- कर्मचारी भविष्य निधि (बी) के लिए नियोक्ता का योगदान- ₹1,468 (₹40,000 का 3.67%) 

- कर्मचारी पेंशन योजना (सी) के लिए नियोक्ता का योगदान-  ₹3,332 (₹40,000 का 8.33%)     

- वेतन सीमा ₹15,000 के तहत कर्मचारी पेंशन योजना में नियोक्ता का योगदान (डी)-  ₹1,249.50 (₹40,000 का 8.33%) 

- नियोक्ता द्वारा वेतन सीमा से अधिक योगदान (ई = सी-डी)- ₹2,082.50 (₹3,332 - ₹1249.50) 

- कर्मचारी भविष्य निधि में अतिरिक्त नियोक्ता योगदान (एफ = बी+ई)- ₹3550.50 (₹1,468 + ₹2082.50

- कर्मचारी भविष्य निधि (ए+एफ) के लिए नियोक्ता और कर्मचारी द्वारा कुल योगदान- ₹8,351 (₹4,800 + ₹3,551)

पीएफ बैलेंस कैसे चेक करें ?

कोई भी व्यक्ति आधिकारिक वेबसाइट, टेक्स्ट मैसेज, मिस्ड कॉल या उमंग ऐप सहित विभिन्न तरीकों से अपना ईपीएफ बैलेंस चेक कर सकता है।

- जे. पी. शुक्ला

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