अनिल अंबानी की रिलायंस इंफ्राटेल को अब JIO का सहारा, NCLT ने रिजॉल्यूशन प्लान को दी मंजूरी
रिलायंस जियो ने अपनी अनुषंगी के जरिये रिलायंस कम्युनिकेशंस के पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी रिलायंस इन्फ्राटेल की संपत्तियों के अधिग्रहण के लिए बोली पेश की है। एक सूत्र ने कहा कि न्यायाधिकरण ने समाधान योजना के तहत इसे मंजूरी दे दी है।
नयी दिल्ली। राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी)ने रिलायंस इन्फ्राटेल की समाधान योजना को मंजूरी दे दी है। इससे कंपनी के ऋणदाताओं को 4,400 करोड़ रुपये की राशि मिल सकती है। सूत्रों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि रिलायंस जियो संभवत: कर्ज के बोझ से दबी दूरसंचार बुनियादी ढांचा कंपनी की संपत्तियों को खरीदेगी। रिलायंस जियो ने अपनी अनुषंगी के जरिये रिलायंस कम्युनिकेशंस के पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी रिलायंस इन्फ्राटेल की संपत्तियों के अधिग्रहण के लिए बोली पेश की है। एक सूत्र ने कहा कि न्यायाधिकरण ने समाधान योजना के तहत इसे मंजूरी दे दी है। सूत्र ने बताया कि ऋणदाताओ को रिलायंस जियो समूह की कंपनी रिलायंस डिजिटल प्लेटफॉर्म से करीब 4,400 करोड़ रुपये मिलेंगे। यह सफल समाधान आवेदक रही है।
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ऋणदाताओं द्वारा मंजूर समाधान योजना के तहत आरकॉम और उसकी अनुषंगी रिलायंस टेलीकॉम इन्फास्ट्रक्चर लि. (आरटीआईएल), यूवी एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी (यूवीएआरसीएल) के पास जाएंगी। वहीं रिलायंस इन्फ्राटेल की टावर इकाई 20,000- 23,000 करोड़ रुपये में जियो को मिलेगी। इस राशि का भुगतान सात साल में करना होगा। रिलायंस इन्फाटेल के करीब 43,000 टावर और 1,72,000 रूट किलोमीटर फाइबर है। कंपनी एनसीएलटी की मुंबई पीठ में दिवाला प्रक्रिया के तहत है। कंपनी की समाधान योजेना को ऋणदाताओं की समिति (सीओसी) ने 100 प्रतिशत मतों के साथ मंजूरी दी है। सूत्र ने कहा, ‘‘समाधान योजना से प्राप्त होने वाली राशि का वितरण दोहा बैंक के हस्तक्षेप आवेदन के निपटान पर निर्भर करेगा।’’ रिलायंस इन्फ्राटेल के समाधान पेशेवर को भेजे गए ई-मेल का तत्काल जवाब नहीं मिला था। आरकॉम ने जिस समय दिवाला आवेदन किया था, उस वक्त तक उसपर कुल 46,000 करोड़ रुपये का कर्ज था।
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