गुंजन सक्सेना में हुआ IAF का अपमान? भारतीय वायुसेना ने सेंसर बोर्ड को लिखा पत्र
वायुसेना की तरफ से सेंसर बोर्ड को चिट्ठी लिख आपत्ति दर्ज करवाई है। भारतीय वायुसेना में संस्थागत कार्य संस्कृति के रूप में लैंगिक पूर्वाग्रह का फिल्म फिल्म गुंजन सक्सेना: द करगिल गर्ल में चित्रण किए जाने से संबंधित चिंताओं का उल्लेख किया गया है।
नयी दिल्ली। भारतीय वायु सेना ने फिल्म गुंजन सक्सेना: द करगिल गर्ल में बल के ‘अनुचित नकारात्मक’ चित्रण पर आपत्ति जताते हुए सेंसर बोर्ड को एक पत्र लिखा है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। यह फिल्म बुधवार को नेटफ्लिक्स प्लेटफॉर्म पर रिलीज़ हुयी। अधिकारी के अनुसार, पत्र में भारतीय वायुसेना में संस्थागत कार्य संस्कृति के रूप में लैंगिक पूर्वाग्रह का फिल्म में चित्रण किए जाने से संबंधित चिंताओं का उल्लेख किया गया है। यह फिल्म भारतीय वायुसेना की अधिकारी गुंजन सक्सेना के जीवन पर आधारित है जो 1999 के कारगिल युद्ध में हिस्सा लेने वाली पहली महिला पायलट बनीं। इसका निर्माण करण जौहर के धर्मा प्रोडक्शंस ने किया है।
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अधिकारी ने कहा, ‘‘भारतीय वायुसेना ने फिल्म गुंजन सक्सेना: द करगिल गर्ल के उन कुछ दृश्यों पर आपत्ति जताते हुए केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) को एक पत्र लिखा है जिनमें उसे अनुचित रूप से नकारात्मक ढंग से चित्रित किया गया है। अधिकारी ने कहा कि पत्र की एक प्रति नेटफ्लिक्स को भी भेजी गई है। उन्होंने कहा कि फिल्म के प्रदर्शन से पहले वायुसेना ने धर्मा प्रोडक्शंस से आपत्तिजनक दृश्यों को संशोधित करने या हटाने के लिए अनुरोध किया था। हालांकि उसने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की। सूत्रों ने कहा कि रक्षा मंत्रालय ने पिछले महीने कुछ वेब सीरीज में सशस्त्र बलों के जवानों के चित्रण पर कड़ी आपत्ति जताते हुए सीबीएफसी को पत्र लिखा था। उन्होंने कहा कि यह आग्रह किया गया था कि प्रोडक्शन हाउस को सेना से जुड़े किसी विषय पर फिल्म, वृत्तचित्र या वेब सीरीज का प्रसारण करने से पहले मंत्रालय से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेने की सलाह दी जा सकती है। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना के जवानों का ‘अपमानजनक तरीके से चित्रण’ किए जाने के संबंध में मंत्रालय को कुछ शिकायतें मिली थीं। सूत्रों ने कहा कि पिछले महीने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय तथा इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को भी विचार के लिए पत्र भेजा गया था।
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