श्रीकांत इंडिया ओपन के फाइनल में, सिंधू और कश्यप टूर्नामेंट से बाहर
पूर्व चैंपियन और दुनिया के सातवें नंबर के खिलाड़ी किदांबी श्रीकांत ने पुरुष एकल में दुनिया के 30वें नंबर के खिलाड़ी चीन के हुआंग युशियांग के खिलाफ पहला गेम गंवाने के बाद जोरदार वापसी करते हुए एक घंटा और चार मिनट में 21-16 14-21 19-21की जीत से दूसरी बार फाइनल में जगह बनाई।
नयी दिल्ली। तीसरे वरीय और पूर्व चैंपियन किदांबी श्रीकांत ने पहला गेम गंवाने के बाद जोरदार वापसी करते हुए पुरुष एकल फाइनल में प्रवेश किया लेकिन ओलंपिक रजत पदक विजेता पीवी सिंधू दोनों गेम में बेहतर स्थिति में होने के बावजूद महिला एकल सेमीफाइनल में हार के साथ शनिवार को योनेक्स सनराइज इंडिया ओपन बैडमिंटन टूर्नामेंट से बाहर हो गई। राष्ट्रमंडल खेलों के पूर्व चैंपियन पारूपल्ली कश्यप को भी पुरुष एकल सेमीफाइनल में हार झेलनी पड़ी।दूसरी वरीय सिंधू को चीन की तीसरी वरीय और दुनिया की सातवें नंबर की खिलाड़ी ही बिंगजाओ के खिलाफ 55 मिनट में 21-23 18-21 से हार का सामना करना पड़ा। बिंगजियाओ के खिलाफ 14 मैचों में यह सिंधू की नौवीं हार है।पूर्व चैंपियन और दुनिया के सातवें नंबर के खिलाड़ी किदांबी श्रीकांत ने पुरुष एकल में दुनिया के 30वें नंबर के खिलाड़ी चीन के हुआंग युशियांग के खिलाफ पहला गेम गंवाने के बाद जोरदार वापसी करते हुए एक घंटा और चार मिनट में 21-16 14-21 19-21की जीत से दूसरी बार फाइनल में जगह बनाई।
Many congratulations to #TOPSAthlete @srikidambi who came from a set & a deficit in 3rd set to beat China’s #HuangYuxiang 16-21,21-14,21-19 to reach #YonexSunriseIndiaOpen2019 final.
— SAIMedia (@Media_SAI) March 30, 2019
🔹He will play for his 2nd #IndianOpen.🏸
Watch him in action tomorrow at the IG Stadium, Delhi. pic.twitter.com/XnWjJO3nEZ
दुनिया के 55वें नंबर के खिलाड़ी कश्यप को हालांकि डेनमार्क के पूर्व विश्व चैंपियन और नंबर एक विक्टर एक्सेलसन के खिलाफ सीधे गेम में 11-21 17-21 से हार का सामना करना पड़ा। कश्यप दूसरे गेम में एक समय 14-10 से आगे थे लेकिन इसके बावजूद गेम जीतने में नाकाम रहे। वर्ष 2017 के चैंपियन एक्सेलसन चौथी बार टूर्नामेंट के फाइनल में जगह बनाने में सफल रहे और अपने दूसरे खिताब के लिए कल फाइनल में श्रीकांत से भिड़ेंगे जिनके खिलाफ उन्होंने सात में से चार मैच जीते हैं।महिला एकल फाइनल में बिंगजियाओ का सामना दो बार की पूर्व चैंपियन और चौथी वरीय थाईलैंड की रतचानोक इंतानोन से होगा जिन्होंने तीन गेम में चीन की सातवीं वरीय हेन हुई को 21-15 19-21 21-18 से हराकर तीसरी बार फाइनल में जगह बनाई। दो बार की चैंपियन इंतानोन ने बिंगजियाओ के खिलाफ अब तक अपने चारों मैच गंवाए हैं।
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सिंधू ने मैच की अच्छी शुरुआत की और उन्हें दुनिया की सातवें नंबर की खिलाड़ी बिंगजियाओ के दिशाहीन खेल का भी फायदा मिला। ब्रेक तक भारतीय खिलाड़ी 11-8 से आगे थी। सिंधू ने बिंगजियाओ की गलतियों की बदौलत अपनी बढ़त को 16-11 और फिर 18-13 तक पहुंचाया। बिंगजियाओ ने वापसी करते हुए स्कोर 16-19 किया लेकिन फिरबाहर शाट मारकर सिंधू को चार गेम प्वाइंट दे दिए।
दुनिया की छठे नंबर की खिलाड़ी सिंधू ने इसके बाद दो शाट नेट पर और एक बाहर मारा जिसका फायदा उठाकर बिंगजियाओ ने स्कोर 20-20 कर दिया। बिंगजियाओ ने 21-21 के स्कोर गेम प्वाइंट हासिल किया जब उनका शाट नेट से टकराकर सिंधू की तरफ गिर गया। सिंधू ने इसके बाद नेट पर शाट मारकर पहला गेम बिंगजियाओ की झोली में डाल दिया।दूसरे गेम में भी सिंधू ने अच्छी शुरुआत करते हुए 7-5 की बढ़त बनाई और ब्रेक तक 11-9 से आगे थी।
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सिंधू ने इस बढ़त को 16-13 तक पहुंचाया लेकिन चीन की खिलाड़ी ने लगातार तीन अंक के साथ 16-16 पर बराबरी हासिल कर ली। सिंधू ने 18-18 के स्कोर पर शटल को नेट पर उलझाया और फिर शाट बाहर मारकर बिंगजियाओ को दो मैच प्वाइंट दे दिए। सिंधू ने इसके बाद शाट बाहर मारा जिससे बिंगजियाओ ने फाइनल में जगह बनाई।सिंधू ने मैच के बाद कहा कि उन्होंने काफी गलतियां की। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने काफी गलतियां की। भाग्य ने भी मेरा साथ नहीं दिया। उसके कई शाट नेट से टकराकर मेरी ओर गिरे। मैं उम्मीद के मुताबिक नहीं खेल पाई।दूसरी तरफ श्रीकांत कल होने वाला फाइनल जीतकर 17 महीने के खिताबी सूखे को खत्म करने की कोशिश करेंगे। उन्होंने पिछली बार सुपर सीरीज स्तर के टूर्नामेंट में अक्टूबर 2017 में जगह बनाई थी और तब फ्रेंच ओपन का खिताब जीतने में सफल रहे थे।
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श्रीकांत ने मैच के बाद स्वीकार किया कि उन्होंने काफी गलतियां की। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने मैच में काफी गलतियां की। तीसरे गेम में भी मैं आगे था लेकिन सोच की जीत जाऊंगा और उसे वापसी करने का मौका दे दिया। मुझे खुशी है कि जीत दर्ज करने में सफला रहा। अब पूरा ध्यान कल होने वाले फाइनल पर है।’’वर्ष 2015 के चैंपियन श्रीकांत और युशियांग के बीच शुरू से ही प्रत्येक अंक के लिए संघर्ष देखने को मिला। दोनों के ही स्मैश और ड्राप शाट दमदार थे जिससे अंक के लिए विरोधी खिलाड़ी की गलतियों पर निर्भर करना पड़ा। श्रीकांत ने शुरुआत में अधिक गलतियां की जिसका युशियांग ने पूरा फायदा उठाया।श्रीकांत हालांकि लगातार अंक जुटाते रहे और पहले गेम में ब्रेक तक 11-10 से आगे थे। श्रीकांत ने इसके बाद तीन शाट नेट पर मारे जबकि एक शाट बाहर खेला जिससे युशियांग 14-12 की बढ़त बनाने में सफल रहे। भारतीय खिलाड़ी ने 14-14 पर बराबरी हासिल की लेकिन युशियांग ने लगातार छह अंक के साथ छह गेम प्वाइंट हासिल किए। श्रीकांत ने दो गेम प्वाइंट बचाए लेकिन इसके बाद शाट बाहर मारकर पहला गेम 21-16 से युशियांग की झोली में डाल दिया।
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दूसरे गेम में श्रीकांत ने बेहतर शुरुआत की। उन्होंने बेहतर स्मैश और क्रास कोर्ट रिटर्न मारे। इस तीसरे वरीय खिलाड़ी ने 5-4 के स्कोर पर लगातार छह अंक के साथ 11-4 की मजबूत बढ़त बनाई। उन्होंने इस बढ़त को 15-7 तक पहुंचाया जिसके बाद उन्हें गेम जीतने में अधिक परेशानी नहीं हुई।तीसरे और निर्णायक गेम में भी श्रीकांत हावी रहे। उन्होंने अच्छी शुरुआत करते हुए 6-3 की बढ़त बनाई लेकिन युशियांग ने वापसी करते हुए 8-7 की बढ़त बना ली। श्रीकांत हालांकि ब्रेक तक 11-10 की मामूली बढ़त बनाने में सफल रहे। युशियांग ने ब्रेक के बाद बेहतर खेल दिखाया और अगले छह में से पांच अंक जीतकर 15-12 की बढ़त बना ली। श्रीकांत हालांकि 16-18 के स्कोर पर लगातार चार अंक के साथ दो मैच प्वांट हासिल करने में सफल रहे। युशियांग ने एक मैच प्वाइंट बचाया लेकिन इसके बाद नेट पर शाट खेल गए जिससे श्रीकांत दूसरी बार इंडिया ओपन के फाइनल में पहुंचे।
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