Tokyo Olympics 2020: भारतीय तैराकी माना पटेल ने 100 मीटर बैकस्ट्रोक हीट में प्राप्त किया दूसरा स्थान
भारतीय तैराकी माना पटेल अपने पहले ओलंपिक में महिलाओं की 100 मीटर बैकस्ट्रोक हीट में दूसरे स्थान पर रही है। 21 वर्षीय भारतीय तैराकी माना पटेल ने डोनाटा कटाई को पछाड़ते हुए दूसरा स्थान प्राप्त किया और जिम्बाब्वे तैराक से लगभग 3 सेकंड पीछे 1: 05.20 में दौड़ पूरी की।
भारतीय तैराकी माना पटेल अपने पहले ओलंपिक में महिलाओं की 100 मीटर बैकस्ट्रोक हीट में दूसरे स्थान पर रही है। 21 वर्षीय भारतीय तैराकी माना पटेल ने डोनाटा कटाई को पछाड़ते हुए दूसरा स्थान प्राप्त किया और जिम्बाब्वे तैराक से लगभग 3 सेकंड पीछे 1: 05.20 में दौड़ पूरी की। गर्मी में तीसरी तैराक, ग्रेनाडा का किम्बर्ली इन्स 1:10.24 के साथ तीसरे स्थान पर रही।
माना ने 'ए' कट हासिल करने में विफल रहने के बाद यूनिवर्सलिटी कोटे के जरिए टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया था। वह किसी भी अन्य आयोजन के लिए अर्हता प्राप्त नहीं कर पाई और इससे खेलों के इस संस्करण में उसकी भागीदारी समाप्त हो गई।
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आपको बता दें कि तैराक माना पटेल का कईयों की तरह ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करने का सपना सच हो गया लेकिन चार साल पहले वह कंधे की चोट के कारण तनाव से जूझ रही थी। माना तैराकी में तब आयीं जब उनकी मां ने 2008 में अपनी बेटी की भूख बढ़ाने की उम्मीद में 2008 में उसे गर्मियों की छुट्टियों में तैराकी में डाला। आठ साल की माना ने इतनी छोटी सी उम्र में अपने प्रदर्शन से सभी को हैरान करना शुरू कर दिया।
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माना ने कहा, ‘‘बचपन में मैं बहुत पतली थी और मुझे भूख नहीं लगती थी। इसलिये मेरी मां ने मुझे 2008 में गर्मियों की छुट्टियों में तैराकी में डाला कि मैं थोड़ी देर के लिये पानी में खेलूंगी और घर आकर अच्छी तरह खाना खाऊंगी। मैं तैराकी का मजा लेने लगी और फिर चीजें सही दिशा में बढ़ने लगीं। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘धीरे धीरे मैंने क्लब स्तर की प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेना शुरू कर दिया। लोगों ने मेरी रेस देखकर कहा की वह बहुत अच्छी तैराक है। ’’ माना ने ‘यूनिवर्सैलिटी कोटे’ के जरिये तोक्यो खेलों में 100 मीटर बैकस्ट्रोक स्पर्धा के लिये क्वालीफाई किया। उन्होंने 13 साल की उम्र में तीन राष्ट्रीय बैकस्ट्रोक रिकार्ड बना दिये थे। इस तैराक ने कहा, ‘‘2013 में मैंने भारतीय रिकार्ड तोड़ा था। मैं अपनी उम्र में लड़कों से भी ज्यादा तेज थी। ’’
माना ने 2016 दक्षिण एशियाई खेलों में छह पदक जीते लेकिन 2017 में उनका कंधा चोटिल हो गया जिसके बाद सबकुछ बदल गया। उन्होंने कहा, ‘‘मेरे बायें कंधे में चोट लगी थी तो मुझे सभी रेस से हटना पड़ा और मैं सिर्फ अपने रिहैबिलिटेशन पर ध्यान लगा रही थी। ’’ रिहैब के दौरान उनका करीब छह किग्रा वजन कम हो गया। हाल में वह अहमदाबाद से मुंबई आ गयीं। 21 साल की इस तैराक ने ‘टेडएक्सयूथ टॉक’ पर चोट से जूझने के दौरान की परेशानी के बारे में बात की। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे शून्य से शुरूआत करनी पड़ी इसलिये यह बहुत ही निराशाजनक था, मानसिक और भावनात्मक रूप से काफी मुश्किल था। ऐसा भी समय आया जब मैं सचमुच तैराकी छोड़ना चाहती थी। ’’
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